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NRCE वैज्ञानिकाें की स्‍टडी : कोरोना वायरस इंसानों से पशुओं में आया मगर पशुओं से इंसानों में नहीं फैला

विज्ञानियों ने कहा कि अधिकांश पशुओं के शरीर में ऐसे रिसेप्टर नहीं हैं जो सार्स कोव-2 को अपने पास आने दें। जबकि इंसानों में ऐसे रिसेप्टर हैं। कुल मिलाकर यह अच्छी बात है कि यह वायरस वापस म्यूटेट होकर पशुओं से इंसानों में नहीं फैल रहा।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 05:09 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 05:09 PM (IST)
हिसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र के विज्ञानियों ने 200 पशुओं के कोरेाना सैंपल जांचे, नई जानकारी मिली

हिसार [वैभव शर्मा] कोरोना वायरस से हर दिन सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो रही हैं। मगर अभी तक देश में ऐसे किसी भी स्थान से यह सूचना नहीं आई कि जिन घरों में संक्रमित मिला हो वहां रहने वाले किसी भी पालतू पशु ने कोरोना वायरस (सार्स कोव-2) से संक्रमित होकर दम तोड़ दिया हो। हालांकि हाल में ही आठ शेरों के कोरोना संक्रमित होने की सूचना जरूर आई है। पशुओं में कोरोना वायरस फैलता है या नहीं इसके लिए हिसार स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) के विज्ञानियों ने 200 गाय, भैंस व घोड़ों के सैंपलों की जांच भी की मगर उनमें सार्स कोव-2 के लक्षण नहीं पाए गए।

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जबकि यह समुदाय के साथ रहने वाले पालतू पशु हैं। इसके साथ ही एनआरसीई के विज्ञानियों की मानें तो अभी तक पशुओं में कोरोना वायरस फैलने के जो मामले हैं उनका अध्ययन करने पर पता चलता है कि वह किसी संक्रमित इंसान से संक्रमित हुए मगर उन पशुओं ने यह बीमारी किसी और को ट्रांसफर नहीं की। जबकि जूनोटिक बीमारियां यानि वह बीमारियों जो पशुओं से इंसानों में फैलती है वह इंसानों से पशुओं में भी अपने क्रम को बरकरार रखती हैं। जबकि सार्स कोव-2 में पशु पीड़ित नजर आ रहे हैं। उन्हें बीमारियां इंसानों के संपर्क में आने से लग रही हैं मगर वह आगे ट्रांसफर होती अभी तक तो नहीं दिखाई दे रही।

सार्स कोव-2 के पशुओं में कम फैलने को लेकर क्या कहते हैं विज्ञानी

एनआरसीई के वरिष्ठ विज्ञान डा. बीआर गुलाटी बताती हैं कि अभी तक पशुओं से इंसानों में इस वायरस के पहुंचने के मामले नहीं मिले हैं। एक देश में मिंक नामक जानवर में यह वायरस जरूर पाया गया जिसने इंसानों को संक्रमित किया। फिर वहां मिंक काे मारने का काम किया गया था। मगर बाकी बिल्ली, श्वान या अब हैदराबाद में एशियाई शेर के संक्रमित होना इंसानों से ही प्रतीत होती है। सार्स कोव-2 इंसानों में जिस गति से फैल रहा है उस हिसाब से पालतू पशुओं में यह वायरस भारत में अभी तक नहीं मिला है।

हमारी टीम ने इसी लिए गाय, भैंस और घोड़ों की सर्विलांस की थी मगर हमें सार्स कोव-2 नहीं मिला। इसका सबसे बड़ा कारण है कि अधिकांश पशुओं के शरीर में ऐसे रिसेप्टर नहीं हैं जो सार्स कोव-2 को अपने पास आने दें। जबकि इंसानों में ऐसे रिसेप्टर हैं। कुल मिलाकर यह अच्छी बात है कि यह वायरस वापस म्यूटेट होकर पशुओं से इंसानों में नहीं फैल रहा।

लुवास के विज्ञानी भी जुटा रहे हैं हैदराबाद के संक्रमित शेरों की जानकारी

इस मामले को लेकर लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के वरिष्ठ विज्ञान डा. नरेश जिंदल भी हैदराबाद में संक्रमित आए शेरों की जानकारी जुटा रहे हैं। उन पशुओं में क्या लक्षण दिखाई दिए थे और किस प्रकार से उनका उपचार किया जा रहा है। ताकि अगर आउटब्रेक से अपडेट रहा जा सके। कभी हरियाणा या आसपास के क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं हों तो विशेषज्ञता का प्रयोग किया जा सके। एनआरसीई व लुवास, दोनों संस्थानों के विज्ञानी लगातार लोगों को पालतू पशुओं के साथ रहने के दौरान सावधानी बरतने की हिदायत दे रहे हैं।

कोरोना से बचाव के लिए इस प्रकार रखें अपने पालतू पशु का ध्यान

- घर पर ही रह कर अपने पशुओं का और पालतू जानवरों का रखरखाव करें ।

- पशुओं को चारा और पेयजल घर पर ही देवें । पालतू कुत्ते व बिल्ली को भी।

- घर पर रहकर, पर्याप्त भोजन व पीने के पानी की व्यवस्था करें।

- पालतू कुत्ते व बिल्ली को घर पर ही व्यायाम करवाएं। घर के आंगन में, छत पर यह कार्य कर सकते हैं।

- पशुओं को नहलाने की व्यवस्था घर पर ही करें।

- पशुशाला की सफाई पर विशेष ध्यान दें। पशुशाला की सफाई एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइट एवं ब्लीच (7 ग्राम एक लीटर पानी में) से करें उसी तरह घर के फर्श की सफाई भी 1 प्रतिशत हाइपोक्लोराइट से करें ।

- इसी प्रकार दरवाजे व उनके हैंडल, खिड़की इत्यादि को भी 1 प्रतिशत हाइपोक्लोराइट से साफ करें ।

- पालतू कुत्ते व बिल्ली के खान पान के बर्तन को गरम पानी एवम ब्लीच (15 ग्राम, 4 लीटर पानी ) से साफ करें।

- यदि आप स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे तो आप किसी अन्य सदस्य की मदद से पशुओं का, पशुशाला का एवम कुत्ते व बिल्ली के रखरखाव का कार्य सम्पूर्ण करें और पशु के नजदीक न जाएं ।

- अपने हाथों को बार-बार साबुन से धोएं, तत्पश्चात सैनिटाइजर (70 आइसोप्रोपिल अल्कोहल) लगाएं। सैनिटाइजर लगाने के पश्चात आग/अग्नि (धूम्रपान, माचिस, लाइटर, खाना पकाने वाली गैस, बिजली के खटके इत्यादि) के समीप न जाएं जब तक यह सम्पूर्ण रूप से वाष्पीकृत न हो जाए।


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