Haryana Weather: हरियाणा के 8 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट, हिसार में सबसे ज्यादा ठंड; पढ़ें मौसम का हाल
Haryana Weather Update Today पहाड़ों पर बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी दिख रहा है। हिसार में लगातार तीसरे दिन न्यूनतम तापमान सबसे कम रहा। मौसम व ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, हिसार। पहाड़ों पर लगातार बर्फबारी हो रही है। उसका खासा असर मैदानी इलाकों में आया है। रात के तापमान में गिरावट के साथ ही अब मौसम विज्ञानियों ने मंगलवार से शीत लहर चलने की चेतावनी जारी की है।
रात को ठंड बढ़ने से हिसार का न्यूनतम तापमान तीसरे दिन भी सबसे कम रहा। सोमवार को न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री तक पहुंच गया। अब शीत लहर चलने से रात के साथ दिन के तापमान में भी गिरावट हो सकती है। वहीं स्मॉग भी होने की संभावना है।
अगले चार दिन तक चल सकती है शीतलहर
मौसम में बदलाव के साथ ही रात के तापमान में पिछले दो दिन से हल्का उछाल आया है। शनिवार को जहां न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री पहुंच गया था तो सोमवार को 5.4 डिग्री तक आ गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग के विज्ञानियों के अनुसार अब आने वाले चार दिन तक लगातार शीत लहर चल सकती है। पंचकूला, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, मेवात, पलवल, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी में शीत लहर का यलो अलर्ट जारी किया गया है।
पहाड़ों पर बर्फबारी से बढ़ी ठंड
दिन हो या रात तापमान में गिरावट के साथ ही लोग ठंड से बच कर रहे। पहाड़ों में बर्फबारी होने के साथ प्रदेश के कई जिलों छिटपुट बूंदाबांदी से भी ठंड बढ़ी है। वहीं मंगलवार को प्रदेश के आठ जिलों में शीत लहर की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार 10 दिसंबर से फिर से उत्तरी और उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाएं हल्की गति से चलेगी।
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प्रदेश के जिलों का तापमान
| जिला | न्यूनतम | अधिकतम |
| अंबाला | 10.5 | 21.4 |
| गुरुग्राम | 7.4 | 19.5 |
| हिसार | 5.4 | 21.1 |
| करनाल | 9.8 | 20.8 |
| कुरुक्षेत्र | 9.1 | 20.6 |
| नारनौल | 9.2 | 26.5 |
| पानीपत | 8.7 | 20 |
| रोहतक | 9.8 | 18.4 |
तेजी से फैल रही बीमारियां
बढ़ती ठंड, तापमान में उतार-चढ़ाव, हवाओं में नमी की मात्रा बढ़ने से विशेषकर वायरस व संक्रमण से जुड़ी बीमारियां अब तेजी से फैलने लगी हैं। छोटे बच्चे व बुजुर्ग सर्दी, जुकाम, वायरल की चपेट में अधिक आ रहे हैं। छोटे बच्चों को वैसे भी ठंड की गंभीरता का अहसास नहीं होता।
वे जल्द ही मौसम से जुड़ी बीमारियों से प्रभावित हो जाते हैं। ठंड लगने पर बच्चों का समय पर उपचार ना करवाए जाने पर वे निमोनिया की चपेट में आ जाते हैं। स्थानीय चिकित्सकों का कहना है कि बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति ओर भी अधिक सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।

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