हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने किया राखीगढ़ी का दौरा, खुदाई में मिली अवशेषों को देख हो गए हैरान
हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी (Dr Vivek Joshi) ने राखीगढ़ी का दौरा किया और हड़प्पाकालीन सभ्यता के अवशेषों को देखकर आश्चर्यचकित हुए। उन्होंने पुरातत्व विभाग द्वारा किए जा रहे उत्खनन कार्य का अवलोकन किया और संग्रहालय का निरीक्षण किया। राखीगढ़ी में मिले दो मंजिला मकान के ढांचे और नदी बहने के प्रमाणों ने उन्हें चकित कर दिया कर दिया।

सुनील मान, नारनौंद। अब तक के इतिहास में प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने सोमवार को आइकानिक साइट राखीगढ़ी का पहली बार दौरा किया। इस साइट को देखकर वह काफी हैरान हुए कि हजारों साल पहले भी लोग इतनी अच्छी सुविधाओं से रहते थे। इस दौरान उन्होंने पुरातत्व विभाग द्वारा किए जा रहे उत्खनन कार्य का अवलोकन किया।
खुदाई के दौरान मिली वस्तुओं को देख हो गए हैरान
खुदाई के दौरान मिली हड़प्पाकालीन सभ्यता से संबंधित वस्तुओं को देखकर वे चकित रह गए। खोदाई के दौरान मिली हड़प्पा कालीन सभ्यता से संबंधित वस्तुओं के बारे में उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अपर महानिदेशक डॉ. संजय कुमार मंजुल से जानकारी हासिल की।
सबसे पहले टीले नंबर एक, तीन, चार और पेरेट वाल देखी। अवलोकन के बाद कहा कि राखी गढ़ी अपने आप में हजारों साल पुरानी सभ्यता को समेटे हुए है। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि इस विश्वप्रसिद्ध साइट से हम अपने इतिहास से हम रूबरू हो सकें।
बन रहे म्यूजियम का किया निरीक्षण
प्रदेश का पुरातत्व विभाग प्राचीन साइट्स को सहेजने में जुटा है। राखीगढ़ी में बन रहे म्यूजियम का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यहां कैफेटरिया, हॉस्टल भवन तथा विश्राम गृह बनकर तैयार हो चुके हैं। संग्रहालय भवन का कुछ निर्माण कार्य बाकी है, उसको भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
इस संग्रहालय में खोदाई के दौरान मिली हर वस्तु को रखा जाएगा, ताकि लोग उस प्राचीन समृद्ध सभ्यता के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकें। उनके साथ मंडल आयुक्त ए. श्रीनिवास, उपायुक्त अनीश यादव, पुलिस अधीक्षक हमेंद्र कुमार मीणा, सर्कल इंचार्ज केए कोबोई और पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की उप निदेशक बनानी भट्टाचार्य भी मौजूद रहे।
अलग अलग वस्तुओं को दिखाया
मुख्य सचिव विवेक जोशी को पुरातात्विक विभाग के अधिकारियों ने एक गिलास नुमा बर्तन भी दिखाया और कहा कि खानपान में प्रयोग होने वाले मिट्टी के बर्तनों से अभी तक मिट्टी भी नहीं हटाई गई है, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि उन लोगों की खानपान संबंधित आदतें किस प्रकार की थी। इसके साथ ही उन्हें ब्लेड, खिलौने, कंकाल भी दिखाए गए।
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खुदाई के दौरान मिला है दो मंजिला मकान का ढांचा
डॉ. संजय मंजुल ने मुख्य सचिव विवेक जोशी को बताया कि टीला नंबर तीन पर एक बड़ा स्ट्रक्चर मिला है, जिसे देखने पर ऐसा लग रहा है जैसे वो स्टेडियम हो। अभी खोदाई शुरू हुई है। आगे और रोचक अवशेष मिलने की संभावना है। हड़प्पन काल के भी अलग अलग दौर के प्रमाण मिले हैं।
यहां पर मिले मकान तथा रिहायशी क्षेत्र से गंदे पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम तथा कूड़ा कर्कट डालने के लिए मिट्टी के बड़े-बड़े मटके गलियों के मोड़ के किनारे पर रखे जाते थे। खोदाई के दौरान दो मंजिला मकान का ढांचा मिला है।
भू-तल की दीवारों की चौड़ाई डेढ़ मीटर के लगभग है और ऊपर बनी पहली मंजिल की दीवारें कम चौड़ाई की हैं। बीच से होकर एक गली भी गुजरती है, जो उनकी वास्तुकला की उच्च कोटि की समझ को दर्शाता है।
नदी बहने के प्रमाण भी मिले
डॉ. संजय मंजुल ने दावा किया कि राखीगढ़ी आइकानिक साइट से कुछ दूरी पर नदी के बहने के प्रमाण भी मिले हैं। यहां नदी के बेड मिले हैं। फिलहाल वहां उत्खनन नहीं चल रहा है। उत्खनन के दौरान अब तक यहां से लगभग 5000 साल पूर्व के मानव कंकाल, मिट्टी के बर्तन, पत्थर से बने चर्ट ब्लड, टेराकोटा बाल जो सुरक्षा यंत्र के रूप में प्रयोग में लाए जाते थे, आदि मिल चुके हैं।
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