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    देश में बढ़ रहा HMPV का खतरा, करनाल के इन अस्पतालों में लगे ऑक्सीजन प्लांट हैं बंद; कैसे होगा बचाव?

    By Narender kumar Edited By: Jagran News Network
    Updated: Tue, 07 Jan 2025 11:51 AM (IST)

    चीन से आए एचएमपीवी वायरस का पहला मामला देश में दर्ज हो गया है। इसे लेकर करनाल प्रशासन भी सतर्क है। लेकिन इसके बावजूद जिले के ऑक्सीजन प्लांट बंद हैं। केंंद्र सरकार की ओर से वायरस को लेकर एडवाइजरी भी जारी की गई है जैसे खांसते या छीकतें समय मुंह पर हाथ रखकर खांसें। हाथों को बार-बार साबुन से धोएं। पानी का सेवन अधिक करें और पौष्टिक आहार ही लें।

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    देश में बढ़ रहे हैं एचएमपीवी वायरस के मामले, करनाल प्रशासन सतर्क (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, करनाल। एक बार फिर चीन से ही एचएमपीवी नामक कोरोना जैसे वायरस ने दस्तक दे दी है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग सचेत हो गया है। हालांकि, जिले में अभी ऐसी कोई स्थिति नहीं है लेकिन बचाव और सावधानी की तैयारियों की ओर भी कोई ध्यान नहीं है।

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    संक्रमण रोकने के इंतजाम भी नाकाफी नजर आ रहे हैं। जागरण की पड़ताल में सामने आया कि असंध, इंद्री,नीलोखेड़ी के अस्पतालों में लगा जीवनदायिनी ऑक्सीजन प्लांट बंद है।

    प्रबंधन की कार्य योजना पर सवाल खड़े

    अभी तक अस्पतालों में ही इससे बचाव और सावधानी को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में रिजर्व बेड आदि भी फिलहाल तय नहीं हुए हैं। रोगियों को संकट के समय ऑक्सीजन देने वाले प्लांट का बंद होना प्रबंधन की कार्य योजना पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है।

    हालांकि नागरिक अस्पताल व कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहे हैं। जिले में छह आक्सीजन प्लांट चालू हैं। इनमें कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में 1000 एलपीएम के, नागरिक अस्पताल में 1000 एलपीएम और 200 एलपीएम, नीलोखेड़ी में 250 एलपीएम क्षमता के प्लांट शामिल हैं। असंध और इंद्री में भी आक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं लेकिन देहात में स्थानीय प्रबंधन की लापरवाही से बंद पड़े हैं।

    कोरोना के कारण 601 लोगों की हुई थी मौत

    जिले में कोरोना के समय कई लोगों की मौत हो गई थी। हालात इतने खराब हो गए थे कि शमशान घाट में भी जगह नहीं थी। जिले में कोरोना की पहली लहर में 155, दूसरी में 400 और तीसरी लहर में 46 लोगों की मौत हो गई थी। अप्रैल 2023 तक जिले में कुल 10 लाख 78 हजार 762 लोगों के सैंपल लिए गए। इनमें 49 हजार 946 पाजिटिव मिले। 49 हजार 318 लोग ठीक हुए। 601 को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा था।

    केंद्र ने जारी की एडवाइजरी 

    केंद्र ने इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी की है जिसमें कुछ सावधानियां बरतने की बात की गई है जैसे खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढकें। भीड़भाड़ वाली जगह जाने से बचें। हाथों को लगातार साबुन, पानी या सैनिटाइजर से धोएं। अगर खांसी,बुखार और छींक आ रही है तो सार्वजनिक स्थानों पर ना जाएं। संक्रमण कम करने के लिए कमरों में वेंटिलेशन की व्यवस्था करें। खूब पानी पीएं और पौष्टिक खाना खाएं।

    इस वायरस से बचने के लिए बीमार लोगों के संपर्क में नहीं आएं। उनके तौलिए आदि का प्रयोग न करें। टिशु पेपर या रुमाल का दोबारा उपयोग न करें। बार-बार नाक,आंख और मुंह को छूने से बचें। सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई नहीं लें। सिविल सर्जन डॉक्टर लोकवीर ने बताया कि फिलहाल सब सामान्य है। विभाग किस भी स्थिति निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। आक्सीजन प्लांट चालू हैं। लोगों से भी अपील की गई है कि सावधानियां जरूर बरतें।