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Contract farming: हरियाणा में कॉन्ट्रैक्‍ट खेती से किसान हो रहे मालामाल, स्‍पैक ने कराया 700 करोड़ रुपये का अनुबंध

Contract farming हरियाणा मे किसान कॉन्ट्रैक्‍ट फार्मिंग की ओर अग्रसर हो रहे हैं और इससे मालामाल हो रहे हैं। राज्‍य के सिरसा के किसानों ने किन्‍नू की खेती के लिए निजी कं‍पनियों के साथ करीब 700 करोड़ रुपये का अनुबंध किया है।

By Sunil kumar jhaEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 03:23 PM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2021 08:29 AM (IST)
Contract farming: हरियाणा में कॉन्ट्रैक्‍ट खेती से किसान हो रहे मालामाल, स्‍पैक ने कराया 700 करोड़ रुपये का अनुबंध
हरियाणा में किसानों ने किन्‍नू की कॉन्ट्रैक्‍ट खेती के अनुबंध किए हैं। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। Contract Farming: केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के बीच काफी संख्‍या में हरियाणा के किसानों ने कॉन्ट्रैक्‍ट फार्मिंग की ओर कदम बढ़ाए हैं और इसके लिए आगे आ रहे हैं। नए कृषि कानूनों के खिलाफ भले ही कुछ किसान संगठन आंदोलनरत हैं, लेकिन कॉन्ट्रैक्‍ट फार्मिंग राज्‍य के प्रगतिशील किसानों को मालामाल कर रही है। इसी कड़ी में लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (स्फैक) ने निजी कंपनियों के साथ सिरसा के किसानों का अनुबंध कराया है, जो 700 टन किन्नू खरीदेंगी।

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स्फैक ने सिरसा में निजी कंपनियों से कराया 700 टन किन्नू खरीदने का अनुबंध

हरियाणा में फिलहाल 486 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) हैं, जो कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत पंजीकृत हैं। करीब 76 हजार किसान इन एफपीओ से जुड़े हैं। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में प्रदेश में एक हजार एफपीओ बनाने का लक्ष्य है।

सिरसा में लगा किन्‍नू का पेड़।

क्लस्टर निर्माण के आधार पर यह एफपीओ बनाए जाएंगे। 15 एफपीओ के प्रोजेक्टों पर कार्य निरंतर जारी है। इन प्रोजेक्टों पर करीब 45.64 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा। इन एफपीओ से जुड़े बागवानी किसान अपनी फसल की अच्छी प्रकार से ग्रेडिंग, पैकिंग व मूल्य संवर्धन उपरांत दूसरे राज्यों में व्यापारियों को फसल बेचकर अपनी कमाई बढ़ा सकेंगे।

प्रदेश में 486 एफपीओ से जुड़े हैं 76 हजार किसान

कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने बताया कि जहां किसान उत्पादक संगठन बनाकर किसानों को एक साथ खेती करने के लिए तैयार किया जाता है, वहीं लघु कृषक कृषि व्यापार संघ का उद्देश्य फसल का उचित भाव किसानों को दिलाना है। इसके अलावा किसानों को खाद-बीज सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने का भी प्रयास रहता है।

सिरसा में किन्‍नू के बाग में एक किसान।

स्फैक के प्रबंध निदेशक डा. अर्जुन सिंह सैनी ने बताया कि हाल ही में ऑल फ्रेश सप्लाई मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी दिल्ली के साथ देश के विभिन्न भागों में किन्नू की आपूर्ति के लिए एमओयू साइन किया गया है। यह कंपनी एफपीओ से 100 टन किन्नू खरीदेगी। इसकी शुरुआत सिलीगुड़ी में सप्लाई से हुई है। इसी तरह दिल्ली एवं दूसरे शहरों की आपूर्ति के लिए बीएन इंटरनेशनल कंपनी से 200 टन किन्नू खरीदने का एमओयू किया गया है। फ्रेश प्रोड्यूस वैल्यू क्रिएशन प्राइवेट लिमिटड कंपनी मुंबई और दूसरे शहरों में किन्नू की सप्लाई के लिए एफपीओ से 100 मीट्रिक टन किन्नू खरीदेगी।

पंजाब से विभिन्न शहरों में किन्नू की आपूर्ति के लिए यूनिक्लिफ एग्री बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड 200 मीट्रिक टन किन्नू की खरीद करेगी। इसी तरह रोशन लाल एंड कंपनी के साथ 100 टन किन्नू खरीद के लिए एमओयू किया गया है। एफपीओ ने 25 मीट्रिक टन किन्नू सिलीगुड़ी एवं अहमदाबाद भेजा है।

एफपीओ से जुड़कर बढ़ा सकते कमाई : कृषि मंत्री

हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि किसान समूह बनाकर अपनी फसल के अच्छे दाम प्राप्त कर सकते हैं। स्फैक ने हिसार से 10 टन स्ट्रॉबेरी खरीदने के लिए भी फ्रेश प्रोड्यूस वैल्यू क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से एमओयू कराया है। किसानों के लिए अगले वर्ष के लिए उच्च गुणवत्ता की स्ट्रॉबेरी के के 50 हजार पौधे अमेरिका से मंगवाए जा रहे हैं। 27 महिला मजदूरों को किन्नू की तुड़ाई एवं अन्य कार्यों का प्रशिक्षण दिया गया है।

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