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    प्रशासन की सख्‍ती व जाटों की बेरुखी से सांगवान गुट का आंदोलन स्‍थगित

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 03 Mar 2018 09:12 AM (IST)

    ग्रामीणों की बेरुखी वप्रशासनके क़े रुख के कारण जाट संघर्ष समिति के सांगवान गुट ने आंदोलन स्‍थगित कर दिया है। हवा सिंह सांगवान ने कहा कि होली के बाद पांच जगहों पर धरना दिया जाएगा।

    प्रशासन की सख्‍ती व जाटों की बेरुखी से सांगवान गुट का आंदोलन स्‍थगित

    जेएनएन, हिसार। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के हवा सिंह सांगवान गुट को आखिरकार अपना धरना स्‍थगित करना पड़ा। लोगों का समर्थन मिलने और प्रशासन के कड़े रुख के कारण सांगवान गुट ने अपना धरना बुधवार को स्थगित कर दिया। हवा सिंह सांगवान ने कहा कि अब धरना होली के बाद राज्‍य में एक साथ पांच जगहों पर शुरू किया जाएगा।

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    हवा सिंह सांगवान बोले, होली के बाद एक साथ पांच जगहों पर शुरू करेंगे धरना

    हवा सिंह सांगवान ने कहा कि हाेली के बाद रोहतक, भिवानी, झज्जर, जींद और हिसार में एक साथ धरना शुरू किया जएगा। हालांकि अभी धरने के लिए तारीख और जगह तय नहीं की गई है। इससे पहले बीते दो दिनों में सांगवान गुट धरना नहीं दे पाया। जाट नेता पुलिस की कड़ी पहरेदारी के कारण पहले मय्यड़ और बाद में भगाना धरना देने पहुंचे पुलिस ने उनको धरना नहीं देने दिया।

    भगाना में पत्रकारों से बात करते हवा सिंह सांगवान।

    संगवान ने समर्थकों के साथ बठक के बाद कहा कि होली के त्‍योहार के कारण अभी आंदोलन स्‍थगित किया जा रहा है। होली के बाद पूरी ताकत अौर योजना के साथ आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसमें भाारी संख्या में जाट शामिल होंगे। उन्‍होेंने कहा कि रोहतक, भिवानी, झज्जर, जींद और हिसार जिलों में किन स्‍थानों पर धरने शुरू किए जाएंगे इसका एेलान भी जनल्‍द किया जाएगा।

    सांगवान ने कहा, हम अपनी मांग से पीछे हटने वाले नहीं हैं। सरकार जाटों को आरक्षण दे और आंदोलन के दौरार गिरफ्तार युवाओं को रिहा करे। इसके साथ ही जाटों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं। अन्‍यथा जाट लंबा आंदोलन करेंगे।

    बता दें कि धजाट नेताओं को उम्‍मीद थी कि भगाना में ग्रामीणों का आंदोलन में साथ मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बहुत कम संख्‍या में लोग आए। इसके बाद से कयास लगाए जाने लगे कि जाट नेता अपना आंदोलन स्‍थगित कर सकते हैं। इसे जाट राजनीति में सांगवान गुट को कड़ा झटका माना जा रहा है।

    26 फरवरी सोमवार को जाट नेता मय्यड़ और रामायण गांव के नजदीक धरना करने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने खेत में धरनास्‍थल पर पानी भरवा दिया था। इसके बाद जाट नेता भगाना पहुंचे और प्रतीकात्‍मक धरना दिया। इसके बाद उन्‍होंने मंगलवार से भगाना में धरना देने और इसके लिए पंडाल लगाने का ऐलान किया। इस पर पुलिस और प्रशासन सतर्क हो गया अौर भगाना और आसपास के क्षेत्र की नाकेबंदी कर दी।

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    इस कारण, धरनास्‍थल तक नहीं पहुंच सके। सुबह से लेकर शाम तक पुलिस और जाट नेताओं के बीच लुकाछिपी का खेल चलता रहा। इसके बाद मंगलवार शाम को जाटों को कहीं जगह नहीं मिली तो संघर्ष समिति के लोग भगाना बस स्टैंड पर जमीन पर दरी बिछाकर बैठ गए। पुलिस को इस बात की सूचना भी मिली लेकिन काफी कम संख्या में लोगों को देख पुलिस ने भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की।

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    हवासिंह सांगवान और अन्‍य जाट नेताओं ने धरना देने के लिए प्रशासन से जगह मांगा लेकिन उन्‍हें यह नहीं उपलब्‍ध कराया गया और इसकी अनुमति नहीं दी। सांगवान ने प्रशासन के रुख को तुगलकी बताया और इसका खामियाजा भुगतने की बात भी कही।  आंदोलनकारियाें के नेता जाट आरक्षण को लागू करने के साथ जेल में बंद युवाओं को छोड़ने व केस खत्म करने की मांग कर रहे हैं।