Hisar News: 48 साल पुराने पुल को किया जाएगा नेस्तनाबूद, नए ब्रिज के लिए 86 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार
Hisar News ट्रेनों की आवाजाही में होने वाली दिक्कतों के चलते रेलवे विभाग ने हिसार के 48 साल पुराने पुल को तोड़ने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही रेलवे ...और पढ़ें

हिसार, जागरण संवाददाता: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बंसीलाल का करीब 48 साल पहले बनवाया पुल तोड़ने की तैयारी है। यह शहर का पहला फोरलेन पुल है। ये हिसार के रेलवे स्टेशन के दोनों तरफ बसे शहर को जोड़ता है। इसको नया बनाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। इसका जल्द ही टेंडर लगाया जाएगा। पुल को बनाने के लिए दो लेन पहले तोड़कर बनेगी फिर दो लेन बनाई जाएगी।
पुल की अभी ऊंचाई 5.1 मीटर होने से इलेक्ट्रिक ट्रेन 30 की स्पीड पर चलती है। नया पुल सात मीटर तक की ऊंचाई पर बनाया जाएगा। शहर में करीब 48 साल पहले लक्ष्मी बाईचौक के साथ बने पुल की जगह पर फाटक होता था। पूर्व सीएम बंसीलाल ने उस समय इस पुल का निर्माण करवाया। दो लेन का पुल बनाया गया और उस समय के राज्यपाल की तरफ से इसका उद्घाटन किया गया।
टू-लेन पुल पर ट्रैफिक बढ़ने और शहर का मुख्य रास्ता होने के कारण इसे भजनाल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में फोरलेन का निर्माण कर दिया गया था। मगर पुल पुराना होने के साथ रेलवे ने अपने इलेक्ट्रिक लाइन का विस्तार किया। बीच में थोड़ा ऊपर उठाया गया और उससे रेलवे ने इलेक्ट्रिक लाइन को निकाल दिया। मगर अब पुल को ऊंचा उठाने के साथ ही नया बनाया जाएगा।
पुल को फोरलेन बनाने के लिए 86 करोड़ रुपये होंगे खर्च
पुल को फोरलेन बनाने के लिए 86 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मौजूदा समय में पुल की ऊंचाई 5.1 मीटर है। इसको नया सात मीटर बनाया जाएगा। पुल की ऊंचाई कम होने से मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक ट्रेन 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही है। नया पुल बनने के बाद इसकी रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा हो जाएगी। पुल के निर्माण के समय पहले एक तरफ का पुल बनेगा तथा दूसरी तरफ से बाद में इसे बनाया जाएगा। पुल को बनाने के लिए इसका पूरा प्रोजेक्ट तैयार कर टेंडर लगाए जाने की तैयारी चल रही है।
2017 के बाद से मिल रहा एक्सटेंशन
रेलवे के सुरक्षा अधिकारी की तरफ से 2017 में इस पुल को ऊंचा उठाने के आदेश दिए गए थे। उस समय पुल को सही नहीं बताया गया था। रेलवे की तरफ से बेशक उस समय इलेक्ट्रिक लाइन शुरू की गई लेकिन सीआरएस के आदेश पर स्पीड कम रखी। पहली बार में उनकी तरफ से दो साल का समय दिया गया। फिर दो-दो साल का एक्सटेंशन मिला। अब विभाग की तरफ से पुल को बनाने के लिए प्रोजेक्ट बनाना शुरू कर दिया गया है।
यह हो सकेगा पुल टूटने पर अतिरिक्त रूट
पुल को तोड़ने के साथ ही एक लेन चलेगी। यह सड़क करीब सात मीटर चौड़ी है जिस पर आने-जाने वाले वाहन चलेंगे। मौजूदा समय में बस स्टैंड की तरफ ही सभी मुख्य बाजार हैं और लक्ष्मी बाई चौक की तरफ से मुख्य सेक्टर, सचिवालय और सभी सरकारी विभागों के कार्यालय हैं। पुल टूटने पर मलिक चौक से वाहन निकाले जा सकेंगे।
कैंप चौक से भी बड़े व अन्य वाहनों को सब्जी मंडी चौक, जहाज पुल चौक से पड़ाव चौक, आटो मार्केट होते हुए अपने गंतव्य तक जा सकेंगे।
रेलवे विभाग के एक्सईएन संदीप ने बताया कि रेलवे की तरफ से 86 करोड़ रुपये पुल का निर्माण करवाया जाएगा। इसका टेंडर करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। शहरवासियों को परेशानी न हो इसको लेकर दो टुकड़ों को अलग-अलग बनाया जाएगा। यह पुल सात मीटर तक ऊंचा बनाया जाएगा।

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