हरियाणा में यहां बनेगी दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी, 10 हजार एकड़ भूमि पर विकसित करने की योजना
अरावली पहाड़ी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी बनाने का काम जल्द शुरू होगा। पहले चरण में 2500 एकड़ में परियोजना विकसित की जाएगी। केंद्रीय मंत्रियों ने परियोजना को विकसित करने में हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। गुरुग्राम में 27 जुलाई से मातृ वन अभियान शुरू होगा जिसका उद्देश्य अरावली पहाड़ियों को हरा-भरा बनाना है।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। अरावली पहाड़ी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी बनाने को लेकर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल के साथ ही केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की। उन्होंने दोनों केंद्रीय मंत्रियों से परियोजना को लेकर विस्तृत चर्चा की।
साथ ही उन्होंने बताया कि पहले चरण में 2500 एकड़ में परियोजना विकसित की जाएगी। पहले चरण का कार्य जल्द शुरू होगा। यह परियोजना हरित पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ वन्यजीवों के संरक्षण में भी एक अहम भूमिका निभाएगी। दोनों मंत्रियों ने परियोजना विकसित कराने में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
10 हजार एकड़ पर जंगल सफारी विकसित करने की योजना
बता दें कि प्रदेश सरकार ने गुरुग्राम एवं नूंह जिले के अंतर्गत आने वाले अरावली पहाड़ी क्षेत्र की 10 हजार एकड़ भूमि पर जंगल सफारी विकसित करने की योजना बनाई है। यह दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी होगी। इसके लिए जमीन चिन्हित करने का कार्य काफी पहले पूरा हो चुका है। डीपीआर बनाने का काम तेजी से जारी है।
परियोजना को वैश्विक स्तर की सुविधाओं से सुसज्जित करने और इसके निर्माण में सर्वोत्तम माडल को अपनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल एवं प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह हाल ही में गुजरात के जामनगर स्थित 'वंतारा' जंगल सफारी का दौरा किया है। इस दौरे से परियोजना के तकनीकी, संरचनात्मक और संरक्षण आधारित पहलुओं को समझने में महत्वपूर्ण सहयोग मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने परियोजना को मूर्त रूप देने का दिया भरोसा
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार इस परियोजना को तेजी से मूर्त रूप देने हेतु हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली व एनसीआर जैसे अति-शहरीकृत क्षेत्रों में ऐसी परियोजनाएं न केवल पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए संतुलित इकोसिस्टम की आधारशिला भी रखती हैं।
राव नरबीर सिंह का कहना है कि जंगल सफारी न केवल देश-विदेश से पर्यावरण प्रेमियों को आकर्षित करेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर, क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति और हरियाणा की हरित छवि को वैश्विक पहचान भी दिलाएगी।
27 जुलाई से शुरू होगा 'मातृ वन' अभियान
गुरुग्राम में अरावली पहाड़ियों को हरा-भरा बनाने और पारिस्थितिकी संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 27 जुलाई से "मातृ वन अभियान" शुरू होगा। इसका शुभारंभ केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव करेंगे। यह अभियान अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट के तहत संचालित किया जाएगा, जिसमें तीन लेयर वाला हरित वन क्षेत्र विकसित किया जाएगा। इस अभियान की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए 'एक पेड़ मां के नाम' पहल से ली गई है।
अभियान शिव नादर स्कूल से घाटा चौक तक शहर की विभिन्न आरडबल्यूए केप्रतिनिधियों के सहयोग से लगभग 20,000 पौधे लगाए जाएंगे, जिससे यह क्षेत्र "मातृ वन" के रूप में विकसित होगा। प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह का कहना है कि यह पहल न केवल हरियाली बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन, जल संरक्षण और वायु गुणवत्ता सुधार की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इस अभियान में अपनी भूमिका निभाते हुए अधिक से अधिक संख्या में भाग लें।
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