Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Gurugram Farmhouse News: अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बने सभी फाॅर्म हाउस तोड़ने का आदेश

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Thu, 27 Aug 2020 08:56 AM (IST)

    Gurugram Farmhouse News एनजीटी ने अपने आदेश में अगले छह महीने के भीतर यानी फरवरी तक सभी फाॅर्म हाउसों को तोड़ने के लिए कहा गया है। ...और पढ़ें

    Hero Image
    Gurugram Farmhouse News: अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बने सभी फाॅर्म हाउस तोड़ने का आदेश

    गुरुग्राम [आदित्य राज]। Gurugram Farmhouse News: दिल्ली-एनसीआर के लिए जीवनदायिनी कहे जाने वाली अरावली के दिन फिर से बहुरने वाले हैं और यह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (ट्रिब्यूनल) के आदेश से संभव होगा। बुधवार को एनजीटी ने आदेश जारी कर अगले छह महीने के भीतर वन क्षेत्र में बने फॉर्म हाउसों को खत्म करने को कहा है। आदेशानुसार बृहस्पतिवार से वन विभाग सर्वे शुरू करेगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। बता दें कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र में सैकड़ों फाॅर्म हाउस बने हुए हैं। अधिकतर फॉर्म हाउस रायसीना, गैरतपुर बास एवं बंधवाड़ी में बने हुए हैं। बताया जाता है कि इनमें से काफी फॉर्म हाउस वन क्षेत्र में भी बने हुए हैं। इसे लेकर डाली गई एक अर्जी पर एनजीटी ने बुधवार को आदेश जारी कर दिया। बताया जाता है कि आदेश में अगले छह महीने के भीतर यानी फरवरी तक सभी फाॅर्म हाउसों को तोड़ने के लिए कहा गया है। तोड़ने के बाद वन विभाग फिर पौधे लगाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सभी रेंज ऑफिसर करेंगे सर्वे

    एनजीटी के आदेशानुसार वन विभाग के सभी रेंज ऑफिसर बृहस्पतिवार से सर्वे करेंगे। इस दौरान राजस्व रिकॉर्ड साथ रखेंगे। जहां कहीं वन क्षेत्र में फॉर्म हाउस होगा, उसे नोट करेंगे। अगले एक सप्ताह के भीतर सर्वे का काम पूरा कर लिया जाएगा। पहले से ही विभाग के काफी जानकारी है। इस वजह से सर्वे में अधिक समय नहीं लगेगा। बता दें कि रायसीना इलाके में बने काफी फाॅर्म हाउसों के मालिक का तर्क है कि उनके फॉर्म हाउस वन क्षेत्र से बाहर हैं। इस बारे में दो महीने पहले फॉर्म हाउस मालिकों ने प्रेस कांफ्रेंस भी की थी। अब एनजीटी के आदेशानुसार एक-एक विषय की जांच बारीकी से हो जाएगी। इससे पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।

    10 हजार से अधिक एकड़ में गैर वानिकी कार्य

    वन विभाग से सेवानिवृत्त वन संरक्षक डॉ. आरपी बालवान का मानना है कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र के 10 हजार एकड़ से अधिक भूमि पर गैर वानिकी कार्य हो रखे हैं। यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं। न केवल फॉर्म हाउस बल्कि स्कूल, मंदिर, धर्मशाला, गौशाला आदि बने हुए हैं। उनका कहना है कि अरावली की सुरक्षा ही दिल्ली-एनसीआर की सुरक्षा है। भूकंप से बचाव भी अरावली की वजह से है। अरावली को बचाने के लिए वन विभाग ही नहीं बल्कि सभी संबंधित विभागों को ईमानदारी से प्रयास करना होगा। कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति से बचना होगा। यदि अरावली नहीं बचेगी तो जीवन भी नहीं बचेगी। आने वाली पीढ़ियों को सांस लेना मुश्किल हो जाएगा।

    ये भी पढ़ेंः अरावली में कैसे बन गए सैकड़ों फॉर्म हाउस, क्या नेताओं व अधिकारियों ने ताक पर रखे कानून!

     जय कुमार (जिला वन अधिकारी, गुरुग्राम) का कहना है कि एनजीटी के आदेशानुसार सर्वे कराने की तैयारी बृहस्पतिवार को करने के साथ ही सर्वे का काम शुरू भी कर दिया जाएगा। काफी जानकारी है। फिर कहीं भी किसी भी स्तर पर चूक न हो, इसके लिए सर्वे आवश्यक है। सर्वे के बाद आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जाएगा।

    Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो