नक्षत्र-राशि वाटिका के साथ ही कैक्टस गार्डन व बटरफ्लाई पार्क भी होगा, गुरुग्राम में 750 एकड़ में बनेगा मातृ वन
गुरुग्राम के साइबर सिटी के निकट 750 एकड़ में मातृ वन विकसित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्रियों भूपेंद्र यादव और मनोहर लाल ने पौधारोपण कर इस योजना का शुभारंभ किया। अरावली क्षेत्र में बनने वाले इस वन में स्थानीय पौधे लगाए जाएंगे और विभिन्न वाटिकाएं भी विकसित की जाएंगी। यह वन दिल्ली-एनसीआर के लिए ग्रीन हार्ट का काम करेगा।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम । साइबर सिटी के नजदीक 750 एकड़ में मातृ वन विकसित किया जाएगा। यहां पौधारोपण अभियान का शुभारंभ केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ ही प्रदेश सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने पौधे लगाकर किया।
मातृ वन डीएलएफ इलाके में खुशबू चौक से लेकर गांव घाटा तक अरावली पहाड़ी क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। 750 एकड़ में जहां भी विलायती बबूल होंगे, उसे हटाकर स्थानीय वनस्पतियां लगाई जाएंगी। अभियान में कारपोरेट सेक्टर से लेकर सभी गैर सरकारी संगठनों को भाग लेने का आह्वान किया गया है।
मातृ वन में बरगद, पीपल, गुल्लर, बेस पत्र, इमली, पिलखन, नीम, बांस, फूल सहित कई प्रकार के औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही नक्षत्र वाटिका, राशि वाटिका, कैक्टस गार्डन व बटरफ्लाई पार्क भी विकसित किए जाएंगे।
सेक्टर-54 में अभियान का शुभारंभ करने के बाद केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि दुनिया भर में गुरुग्राम का नाम प्रगति के लिए लिया जाता है लेकिन अब प्रगति के साथ प्रकृति से भी जुड़ाव होना चाहिए।
हम न केवल पौधे लगाएंगे बल्कि उनकी पांच-छ: वर्षों तक देखभाल भी करेंगे। एक व्यक्ति प्रतिदिन एक किलोग्राम कार्बन छोड़ता है जबकि एक पेड़ प्रतिदिन 60 से 90 ग्राम कार्बन ग्रहण करता है।
ऐसे में जीवन के लिए प्रति व्यक्ति को 15 से 16 पेड़ों की आवश्यकता होती है। ऐसे में गुरुग्राम के मातृ वन जैसी योजनाओं की बड़ी आवश्यकता है। कार्बन उत्सर्जन पर नियंत्रण के लिए ऊर्जा क्षेत्र में भी नवाचारों का बढ़ावा दिया जा रहा है।
कोयले के स्थान पर हाइड्रो, सोलर, न्यूक्लियर एनर्जी आदि विकल्पों को बढ़ावा दिया जा रहा है। देश वर्ष 2047 तक अपने ऊर्जा उत्पादन में न्यूक्लियर एनर्जी में 100 गीगा बाइट के उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लेगा।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि गुरुग्राम में 750 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जा रहा मातृ वन आने वाले समय में सम्पूर्ण दिल्ली-एनसीआर के लिए ‘ग्रीन हार्ट’ की भूमिका निभाएगा।
यह न केवल पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बनेगा, बल्कि हरियाली का नया अध्याय भी रचेगा। प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि आने वाले 10 वर्षों में सार्थक परिणाम देखने को मिलेंगे।
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