Vantara की टीम तैयार करेगी Aravali Jungle Safari की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट, एक बार किया जा चुका है निरीक्षण
वनतारा की टीम अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बनने वाले दुनिया के सबसे बड़े जंगल सफारी पार्क की डीपीआर तैयार करेगी। हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम और नूंह जिले ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। Aravali पहाड़ी क्षेत्र में विकसित किए जाने वाले दुनिया के सबसे बड़े Jungle safari Park की डीपीआर Vantara की टीम तैयार करेगी। टीम एक बार अरावली पहाड़ी क्षेत्र में जंगल सफारी के प्रस्तावित इलाके का दौरा कर चुकी है।
उम्मीद की जा रही है जल्द ही टीम डीपीआर बनाने के ऊपर जोर देगी। डीपीआर तैयार करने के लिए टीम वन विभाग द्वारा तैयार ड्राइंग का अध्ययन कर सकती है।
वन विभाग का दावा है कि ड्राइंग इस तरह से तैयार किया गया है कि सभी प्रकार के वन्य जीव पार्क में रह सकें। 100-100 व 50-50 एकड़ के बाड़े बनाए जाएंगे। एक बाड़े में चार से पांच वन्य जीव रखे जाएंगे।
शनिवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ ही प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने जंगल सफारी के लिए प्रस्तावित इलाकों का अवलोकन किया।
सभी ने माना कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र में दुनिया का सबसे आकर्षक जंगल सफारी पार्क बन सकता है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने तो खुश होकर पार्क विकसित करने में केंद्र से सहायता कराने का भी आश्वासन दे दिया।
प्रदेश सरकार ने गुरुग्राम एवं नूंह जिले के अंतर्गत आने वाले अरावली पहाड़ी क्षेत्र की 10 हजार एकड़ भूमि पर दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क विकसित करने की योजना बनाई है।
चार चरण में योजना पर काम होगा यानी एक चरण में 2500 एकड़ पर काम होगा। अब इस योजना के तहत जमीनी स्तर पर जल्द काम शुरू होने की उम्मीद है।
योजना में किसी भी स्तर पर कमी न रह जाए, इसे ध्यान में रखकर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने रिलायंस ग्रुप से डीपीआर तैयार करने का अनुरोध किया है।
उनका मानना है कि वनतारा जैसा पार्क पूरी दुनिया में कहीं नहीं। वनतारा की टीम द्वारा डीपीआर तैयार करने से अरावली जंगल सफारी पार्क दुनिया का सबसे आकर्षक पार्क बन सकता है।
वनतारा एक एनिमल वेलफेयर प्रोजेक्ट है, जिसे रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी ने गुजरात के जामनगर में तैयार कराया है।
वह लगभग 3000 एकड़ में फैला है। उसमें कई प्रकार के वन्य जीव हैं। वनतारा एक तरह से पशुओं का अस्पताल है। अरावली जंगल सफारी में भी एक अस्पताल बनाया जाएगा ताकि वन्य जीवों का इलाज हो सके।
केंद्रीय मंत्रियों ने किया बारीकी से अवलोकन
पार्क विकसित करने में कोई कमी न रहे इसे ध्यान में रखकर ही शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल एवं केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इलाके का बारीकी से अवलोकन किया। कहां पर कौन से वन्य जीव के लिए बाड़े बनाए जा सकते हैं, इसके बारे में जानकारी हासिल की।
अवलोकन करने के बाद केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा से होकर गुजरने वाली अरावली पर्वत श्रृंखला की प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता व ऐतिहासिक विरासत को संरक्षण प्रदान करने में जंगल सफारी एक महत्वपूर्ण परियोजना साबित होगी।
जंगल सफारी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं विकसित की जाएंगी ताकि यह पर्यटन की दृष्टि से आकर्षण का एक बड़ा केंद्र साबित हो। यह परियोजना अरावली में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने, पर्यावरण संरक्षण, वन्य जीवों के प्रति जागरूकता तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि जंगल सफारी में प्रवेश के लिए चार स्थानों पर गेट लगाए जाएंगे जोकि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सोहना के समीप, तावडू-सोहना मार्ग, नौरंगपुर के समीप व सकतपुर गांव में होंगे।
अरावली जंगल सफारी पार्क में कहीं भी विलायती बबूल नहीं दिखाई देंगे। एक-एक पेड़ को इस तरह हटाया जाएगा ताकि बाद में न हो। उनकी जगह स्थानीय वनस्पतियां विकसित की जाएंगी।
यह भी पढ़ें- गुड न्यूज! हरियाणा के इन दो जिलों में बनेगी एशिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी, पढ़ें अपडेट

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।