गुरुग्राम में OSB बिल्डर के मालिक के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी, 21 करोड़ की धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला
नया गुरुग्राम में ओएसबी बिल्डर के मालिक स्वराज सिंह यादव के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है। उन पर धोखाधड़ी लाइसेंस उल्लंघन और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं। कंपनी ने किफायती आवास योजना के तहत प्रोजेक्ट्स में गड़बड़ी की और खरीदारों से पैसे वसूलने के बाद भी प्रोजेक्ट्स अधूरे छोड़ दिए। फर्जी दस्तावेज पेश करने का भी आरोप है।

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। नया गुरुग्राम में ओएसबी बिल्डर के मालिक और निदेशक स्वराज सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पुलिस ने उनके विरुद्ध लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी कर दिया है।
यह कदम उस समय उठाया गया जब टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अधिकारियों ने आशंका जताई कि स्वराज सिंह देश छोड़कर भाग सकते हैं।
बता दें कि हरियाणा स्टेट इन्फोर्समेंट ब्यूरो के थाने में ओशियन सेवन बिल्डटेक (ओएसबी) प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक के विरुद्ध धोखाधड़ी, लाइसेंस उल्लंघन और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में एफआइआर दर्ज है। एफआइआर हरियाणा डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन आफ अर्बन एरियाज एक्ट 1975 की धारा 10 और 12 के तहत दर्ज है।
इस मामले की जांच एचएसईनबी थाने के एसआइ प्रवीण को सौंपी गई है। लुक आउट सर्कुलर जारी होने के बाद अब विदेश मंत्रालय और इमिग्रेशन ब्यूरो को भी सूचना दे दी गई है।
21 करोड़ की धोखाधड़ी और अधूरे प्रोजेक्ट
शिकायत के अनुसार, ओएसबी बिल्डर ने गुरुग्राम में किफायती आवास योजना के तहत प्रोजेक्ट्स में बड़ी गड़बड़ी की। 2016 से 2019 के बीच कंपनी को सेक्टर-109, सेक्टर-69 और सेक्टर-70 में तीन ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए लाइसेंस मिले थे। लगातार नियम तोड़ने के कारण फरवरी 2023 में ये लाइसेंस निलंबित कर दिए गए।
इसके बावजूद कंपनी ने खरीदारों से पैसे वसूले, फ्लैट कैंसिल किए और रद फ्लैट्स को दोबारा बेच डाला। जांच में सामने आया कि खरीदारों से लगभग 95 प्रतिशत तक भुगतान वसूल लिया गया, लेकिन काम महज 62.5 प्रतिशत ही पूरा हुआ। 2019 से प्रोजेक्ट ठप पड़े हैं।
अदालत और हरेरा की भी कार्रवाई
कंपनी पर निलंबित लाइसेंसों से जुड़े 21 करोड़ रुपये के बकाये का मामला दर्ज है। एक केस में अदालत स्वराज सिंह के विरुद्ध पहले ही गैर-जमानती वारंट जारी कर चुकी है। हरेरा जांच में कंपनी की झूठी प्रगति रिपोर्ट और फारेंसिक आडिट में सहयोग न करने की बात भी सामने आई।
खरीदारों ने आरोप लगाया कि एक ही फ्लैट कई लोगों को बेच दिया गया, जिससे सैकड़ों परिवार फंसे हुए हैं। खरीदार एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि रेरा एक्ट 2016 की धारा 8 लागू कर अधूरे प्रोजेक्ट रेरा के अधीन पूरे कराए जाएं।
ओएसबी बिल्डर पर फर्जी दस्तावेजों का एक और मामला
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने सेक्टर-109 स्थित ओएसबी एक्सप्रेसवे टावर्स प्रोजेक्ट में गड़बड़ी को लेकर कंपनी पर एक और शिकंजा कस दिया है। डीटीपीई अमित मधोलिया ने कंपनी के एमडी स्वराज सिंह यादव और सीईओ संजीव कुमार के विरुद्ध एक और एफआइआर दर्ज कराने की सिफारिश पुलिस को भेजी है।
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आरोप है कि बिल्डर ने 21 फ्लैटों का आवंटन रद करने के समर्थन में फर्जी पब्लिक नोटिस पेश किए। खरीदार एसोसिएशन ने इस पर आपत्ति उठाई और विभागीय जांच में यह साबित हो गया कि बताए गए नोटिस वास्तव में कभी प्रकाशित ही नहीं हुए।
डीटीपीई ने साफ कहा कि कंपनी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। इसलिए दोनों अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की गई है।
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