आईएनएस अरावली से मजबूत होगी समुद्री सुरक्षा...नौसेना प्रमुख ने किया उद्घाटन
गुरुग्राम में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने आईएनएस अरावली का उद्घाटन किया। यह नौसेना अड्डा समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा। आईएनएस अरावली सभी सूचना केंद्रों से डेटा एकत्र कर विश्लेषण करेगा जिसे सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य अवैध गतिविधियों पर नजर रखना है। यह देश की सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करेगा और समुद्री गतिविधियों पर निगरानी रखेगा।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। समुद्री सुरक्षा की मजबूती को लेकर शुक्रवार को आईएनएस अरावली नामक नौसैनिक अड्डे का शुभारंभ किया गया। इसे राजीव चौक के नजदीक एयरफोर्स स्टेशन परिसर में स्थापित किया गया है। शुभारंभ नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने किया।
यह नौसेना के सभी सूचना एवं संचार केंद्रों से डेटा एकत्रित कर उसका विश्लेषण करेगा। विश्लेषण करने के बाद इसे अन्य सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों से सांझा किया जाएगा। मुख्य उद्देश्य अवैध व आतंकी गतिविधियों के ऊपर पूरी तरह नजर रखना है।
यह अड्डा देश के सभी सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों के साथ सामंजस्य बैठाकर काम करेगा। इससे सूचनाओं का आदान-प्रदान आसानी से हो सकेगा। इससे लाभ यह होगा सभी प्रकार की समुद्री गतिविधियों पर रियल टाइम नजर रहेगी।
नौसैनिक अड्डे का शुभारंभ करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा कि आईएनएस अरावली एक मजबूत प्रशासनिक और सैन्य सहायता का आधार प्रदान करेगा। इससे निर्बाध संचालन सुनिश्चित होगा।
यह नया बेस न केवल प्रौद्योगिकी का केंद्र होगा, बल्कि महासागरों के पार हमारे प्लेटफार्मों और साझेदारों को जोड़ने वाले सहयोग का भी केंद्र होगा। यह प्रधानमंत्री के सहयोगात्मक दृष्टिकोण अर्थात महासागरीय क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति का एक सच्चा प्रतीक है।
यह हिंद महासागर क्षेत्र में एक पसंदीदा सुरक्षा साझेदार के रूप में देश की भूमिका को और मजबूत करेगा उन्होंने कमांडिंग आफिसर और कमीशनिंग क्रू को बधाई देते हुए नौसेना के मूल कर्तव्य, सम्मान और साहस को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
आईएनएस अरावली, जिसका नाम अरावली पर्वतमाला से लिया गया है। यह भारतीय नौसेना के विभिन्न सूचना और संचार केंद्रों को सहायता प्रदान करेगा, जो भारत और भारतीय नौसेना के कमांड, नियंत्रण और समुद्री डोमेन जागरूकता (एमडीए) ढांचे के लिए महत्वपूर्ण है।
आधार के शिखर पर पर्वतीय छवि है जो अटूट और मजबूत अरावली पर्वतमाला का प्रतीक है। उगता हुआ सूर्य ऊर्जा के साथ ही संचार और एमडीए के क्षेत्र में विशिष्ट तकनीकी क्षमताओं के उदय का भी प्रतीक है।
इससे पहले समारोह में पहुंचने पर नौसेना प्रमुख को 50 जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यूनिट के प्रथम कमांडिंग आफिसर कैप्टन सचिन कुमार सिंह ने संस्कृत में मंगलाचरण का पाठ किया।
एनडब्ल्यूडब्ल्यूए की अध्यक्ष शशि त्रिपाठी द्वारा जलावतरण पट्टिका के अनावरण के बाद राष्ट्रगान की धुन पर नौसेना ध्वज फहराया गया। इस मौके पर वाइस एडमिरल संजय वात्सायन, वाइस एडमिरल तरुण सोबती सहित कई वरिष्ठ नौसेना अधिकारी मौजूद रहे।
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