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    हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर से बदल जाएगी मानेसर की तस्वीर, सड़कों पर कम होगा वाहनों का दबाव

    By Aditya RajEdited By: Shyamji Tiwari
    Updated: Wed, 01 Nov 2023 05:06 PM (IST)

    हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाए जाने से आईएमटी मानेसर की तस्वीर बदल जाएगी। इसके बनन जाने से सड़कों पर से वाहनों का दबाव कम होगा। वहीं डीजल की भारी बचत होगी। यही नहीं प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। कॉरिडोर केएमपी एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ विकसित किया जाएगा।

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    हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर से बदल जाएगी मानेसर की तस्वीर

    आदित्य राज, गुरुग्राम। हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाए जाने से आईएमटी मानेसर की तस्वीर बदल जाएगी। कॉरिडोर न केवल आईएमटी मानेसर के नजदीक से गुजरेगा, बल्कि यह देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के प्लांट से महज 200 मीटर की दूरी से गुजरेगा।

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    प्रदूषण के स्तर में आएगी कमी

    इससे कंपनी की कारें 200 मीटर की दूरी पर ही मालगाड़ियों में लोड हो जाएंगी। फिलहाल प्लांट से पांच किलोमीटर दूर कारें लोड की जाती हैं। नजदीक ही लोड होने से जहां सड़कों पर से वाहनों का दबाव कम होगा। वहीं डीजल की भारी बचत होगी। यही नहीं प्रदूषण का स्तर भी कम होगा।

    बनाए जाएंगे ये नए स्टेशन

    हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एचआरआईडीसी) द्वारा पलवल-मानेसर-सोनीपत के बीच हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर विकसित करने की योजना है। कॉरिडोर पर सोनीपत की ओर से तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, आइएमटी मानेसर, चंदला डूंगरवास, धूलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल में स्टेशन बनाए जाएंगे।

    कॉरिडोर केएमपी एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ विकसित किया जाएगा। मारुति सुजुकी के तीन प्लांट मानेसर में चल रहे हैं, जबकि खरखौदा में एक प्लांट बन रहा है। आने वाले समय में वहां तीन प्लांट बनाए जाएंगे। सभी प्लांट के नजदीक से कॉरिडोर गुजरेगा। इस तरह प्लांट से कारें सीधे मालगाड़ियों में लोड हो जाएंगी। यही नहीं डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से पृथला और तावड़ू में जुड़ेगा। इससे कारें मुंबई से लेकर देश के किसी भी हिस्से में कम से कम समय में पहुंच जाएंगी।

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    वर्ष 2025 तक प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य

    पूरा प्रोजेक्ट केएमपी एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ विकसित किया जाएगा। प्रतिदिन पांच करोड़ टन माल की ढुलाई मालगाड़ियों के माध्यम से हो सकेगी। 160 किलोमीटर तक प्रति घंटे तक की रफ्तार से ट्रेनें चल सकेंगी। कॉरिडोर पर दो टनल बनाई जाएगी। निर्माण इस तरह किया जाएगा कि डबल स्टेक कंटेनर भी निकल सकें। दोनों टनल (अप-डाउन) की लंबाई 4.7 किलोमीटर होगी। ऊंचाई 11 मीटर और चौड़ाई 10 मीटर होगी।

    पलवल रेलवे स्टेशन से लेकर सोनीपत में हरसाना कलां रेलवे स्टेशन तक प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 126 किलोमीटर होगी। इसके ऊपर 5618 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। प्रोजेक्ट से सीधे तौर पर पांच जिलों पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर एवं सोनीपत को सीधा लाभ होगा।

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    आसपास के इलाकों का होगा विकास

    गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव का कहना है कि हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर से मानेसर ही नहीं बल्कि आसपास के इलाकों में विकास की गति तेज होगी। आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी विकास तेज होगा। इससे रोजगार के नए अवसर सामने आएंगे। सरकार का प्रयास है कि निर्धारित समय के दौरान प्रोजेक्ट पूरा हो।

    बहुत ही बेहतर प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। मारुति कंपनी की कारें कुछ ही मीटर की दूरी पर लोड हो जाएंगी। इससे सड़कों पर से वाहनों का दबाव कम होगा। डीजल की भारी बचत होगी। समय की बचत होगी। इससे कम से कम समय में ग्राहकों तक कारें पहुंच सकेंगी। सड़कों पर से वाहनों का दबाव कम होने पर प्रदूषण का स्तर काफी कम हो जाएगा। एनसीआर में प्रदूषण का स्तर कम करने की आवश्यकता है। खरखौदा के प्लांट भी कारिडोर के नजदीक होंगे।  - आरसी भार्गव, चेयरमैन, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड