Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस की तरह देश में उड़ेंगे जायरोकॉप्टर, जाम से मिलेगी मुक्ति; खासियत जान होंगे दंग

    Updated: Fri, 04 Apr 2025 06:36 PM (IST)

    जल्द ही भारत में जायरोकॉप्टर उड़ान भरते दिखाई देंगे जिससे सेना अर्धसैनिक बल और पुलिस को दुर्गम इलाकों पर भी नजर रखना आसान होगा। यातायात जाम से बचने के लिए उद्यमी भी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। यह 100 से 150 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है और एक बार ईंधन भरने पर 600 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है।

    Hero Image
    इसकी अधिकतम रफ्तार 200 किमी प्रति घंटे तक होगी। सौ. कंपनी

    आदित्य राज, गुरुग्राम। जल्द ही अमेरिका, जर्मनी व फ्रांस की तरह अपने देश में भी जायरोकॉप्टर उड़ते हुए दिखाई देंगे। इससे सेना, अर्धसैनिक बल एवं पुलिस को दुर्गम इलाकों पर भी नजर रखना आसान होगा। यातायात जाम से बचने के लिए उद्यमी भी इसे खरीदकर प्रयोग कर सकेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जहां कहीं भी जाने में चार घंटे लगते हैं, वहां का सफर बिना जाम का सामना किए डेढ़ से दो घंटे में पूरा करना आसान होगा। जायरोकाप्टर 100 से 150 मीटर की ऊंचाई पर भी उड़ान भर सकेगा।

    कंपनी ने डीजीसीए से अनुमति लेने की तैयारी की शुरू

    पांच वर्ष पूर्व कंपनी जायरोक्स एविएशन ने पोलैंड से जायरोकाप्टर (तकनीकी रूप से इसे जायरोप्लेन कहा जाता है) भारत में लाने की योजना बनाई थी। यह अब सफल होने जा रहा है। जायरोकॉप्टर की डिजाइन को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से प्रमाणपत्र हासिल हो चुका है।

    कंपनी ने अब पोलैंड से आयात करने के लिए डीजीसीए से अनुमति लेने की तैयारी शुरू कर दी है। कंपनी प्रबंधन के अनुसार, अनुमति मिलने में अधिक समय नहीं लगता है, जिससे उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक एक जायरोकॉप्टर गुरुग्राम पहुंच जाएगा।

    कई अन्य राज्यों की पुलिस से बातचीत जारी

    कंपनी जायरोकॉप्टर को सेना, अर्धसैनिक बलों व पुलिस को उपलब्ध कराएगी। इसके लिए सेना एवं अर्धसैनिक बलों से वह बातचीत कर चुकी है, कुछ अर्धसैनिक बलों ने इसमें रुचि भी दिखाई है।

    जबकि हरियाणा पुलिस (Haryana Police) के साथ ही कई अन्य राज्यों की पुलिस से बातचीत की जा रही है। सभी को इसे उड़ाकर दिखाया जाएगा। उसके बाद मांग के अनुरूप कंपनी विदेश से जायरोकाप्टर मंगाएगी।

    केवल 100 मीटर लंबी एयरस्ट्रिप की जरूरत

    जायरोकॉप्टर के टेक आफ के लिए केवल 100 मीटर लंबी व 15 मीटर चौड़ी एयरस्ट्रिप की आवश्यकता होगी। इसमें ईंधन के तौर पर पेट्रोल का इस्तेमाल होगा। एक बार ईंधन डालने के बाद 600 किलोमीटर तक की दूरी तय की जा सकेगी। इसकी अधिकतम रफ्तार 200 किमी प्रति घंटे तक होगी।

    यह 100 से 150 मीटर की ऊंचाई पर 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी उड़ान भर सकेगा। इतनी ऊंचाई से नीचे किसी भी चीज को बेहतर तरीके से देखा जा सकेगा, इसलिए इसे सेना, अर्धसैनिक बलों व पुलिस के लिए लाभदायक माना जा रहा है।

    न्यूनतम 40 घंटे की उड़ान आवश्यक 

    जिस प्रकार अन्य विमान कंपनियों को उड़ान भरने से पहले एयरपोर्ट अथारिटी को जानकारी देनी होती है, उसी तरह इसे उड़ाने के लिए भी एयरपोर्ट अथारिटी को जानकारी देनी होगी। अथॉरिटी की अनुमति मिलने पर ही जायरोकॉप्टर उड़ान भर सकेगा।

    इसे उड़ाने के लिए जायरो प्रशिक्षित स्पोर्ट पायलट लाइसेंस की आवश्यकता होगी, जिसका प्रशिक्षण कामर्शियल पायलट लाइसेंस मानकों के अनुरूप होता है और इसके लिए प्रशिक्षण के दौरान न्यूनतम 40 घंटे की उड़ान आवश्यक होती है।

    रायसीना में होगा वर्कशॉप

    जायरोकाप्टर के रखरखाव हेतु वर्कशाप के निर्माण के लिए कंपनी ने रायसीना गांव के पास 20 एकड़ जमीन खरीदी है। वर्कशाप के लिए भी डीजीसीए से अनुमति मिल गई है। जायरोकाप्टर की मांग बढ़ने पर कंपनी मानेसर में इसकी एसेंबलिंग शुरू करेगी।

    इसके लिए कंपनी ने फ्रांस की एक कंपनी से लाइसेंस प्राप्त कर लिया है। इसकी कीमत केवल डेढ़ से दो करोड़ होने की वजह से इसकी मांग बढ़ने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने भी एक निजी कंपनी की मदद से ऋषिकेश-हरिद्वार में पर्यटकों के लिए जायरोकाप्टर सेवा पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की थी।

    यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा था। इसके व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए संबंधित कंपनी डीजीसीए से अनुमति लेने के प्रयास कर रही है, अनुमति मिलते ही इस सेवा को फिर से शुरू किए जाने की योजना है।

    मैं कई सालों से जायरोकाप्टर लाने के प्रयास में लगा हूं। अब जाकर सपना साकार हो रहा है। इस महीने के अंत तक एक जायरोकाप्टर लेकर आने की तैयारी है। डीजीसीए को आयात के लिए आवेदन भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई है। सेना एवं अर्धसैनिक बलों से बातचीत हो चुकी है। सेना के साथ ही अर्धसैनिक बलों में बीएसएफ एवं सीआरपीएफ की ओर से इसमें रुचि दिखाई गई है। जायरोकाप्टर के आते ही उन्हें उड़ाकर दिखाया जाएगा। आने वाले समय में देश जायरोकाप्टर का हब होगा, क्योंकि इसकी काफी आवश्यकता है। इसकी एक घंटे की उड़ान के लिए केवल 15 लीटर पेट्रोल चाहिए। कारों की तरह इसमें भी कहीं भी पेट्रोल भरवाया जा सकेगा।

     कर्नल (सेवानिवृत्त) रामपाल सुहाग, सीएमडी, जायरोक्स एविएशन प्राइवेट लिमिटेड

    यह भी पढ़ें: Bulldozer Action in Gurugram: एक-एक इंच जमीन होगी कब्जा मुक्त, अतिक्रमण हटाओ अभियान की तैयारी