स्थानीय निकाय चुनाव: गुरुग्राम मेयर पद पर भाजपा-कांग्रेस के बीच होगा घमासान, दो दिग्गजों के बीच कांटे की टक्कर
गुरुग्राम नगर निगम के मेयर पद के लिए भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होने जा रहा है। भाजपा ने राजरानी मल्होत्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने सीमा पाहूजा को मैदान में उतारा है। दोनों ही उम्मीदवार पंजाबी बिरादरी से आते हैं और इलाके में अच्छी पहचान रखते हैं। इस चुनाव में स्थानीय मुद्दे अहम भूमिका निभाने वाले हैं।
आदित्य राज, गुरुग्राम। नगर निगम गुरुग्राम की मेयर को लेकर भाजपा व कांग्रेस के बीच घमासान होने की संभावना बढ़ गई है। भाजपा के बाद कांग्रेस ने भी पंजाबी बिरादरी से आने वाली पूर्व पार्षद सीमा पाहूजा को मैदान में उतारा है। भाजपा उम्मीदवार राजरानी मल्होत्रा की तरह ही सीमा पाहूजा की भी अपनी बिरादरी में ही नहीं बल्कि इलाके मेें भी अच्छी पहचान है। दोनों पढ़ी लिखी हैं। दोनों संवाद कला में माहिर हैं। यही नहीं दोनों पंजाबी समाज के गढ़ यानी पुराने गुरुग्राम इलाके की रहने वाली हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले तक सीमा पाहूजा भाजपा में ही थीं। उनके पास जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी थीं। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभाई थी। विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नवीन गोयल का समर्थन करते हुए पार्टी से त्यागपत्र दे दिया था। फिलहाल वह किसी पार्टी में थीं। उनके ऊपर कांग्रेस की शुरू से ही नजर थी। मौका मिलते ही पार्टी ने उन्हें मेयर पद का आफर दे दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
भाजपा की हर रणनीति से वाकिफ हैं सीमा पाहूजा
उनके मैदान में आने से अब भाजपा और कांग्रेस के बीच घमासान होने की संभावना प्रबल है। सीमा पाहूजा भाजपा की हर रणनीति से वाकिफ हैं। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि इस बार कांग्रेस ने भाजपा को घेरने का बेहतर प्रयास किया है। यदि कांग्रेस स्थानीय समस्याओं को बेहतर तरीके से उठाने के साथ ही लोगों को समस्याओं के बारे में समझाने में कामयाब हो गई तो मुकाबला काफी कड़ा हो जाएगा। चारों तरफ सीवर जाम एवं गंदगी से लोग त्रस्त हैं। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद काफी सुधार हुआ है लेकिन समस्याएं इतनी अधिक हैं कि उन्हें ठीक करने में काफी समय लगेगा।
सोमवार को दोनों उम्मीदवारों का नामांकन
भाजपा की उम्मीदवार राजरानी मल्होत्रा के साथ ही कांग्रेस उम्मीदवार सीमा पाहूजा सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। यही नहीं भाजपा एवं कांग्रेस के सभी पार्षद पदों के उम्मीदवार भी सोमवार को ही नामांकन दाखिल करेंगे। इससे सोमवार को साइबर सिटी में राजनीतिक गहमागहमी चरम पर रहेगी। भाजपा जिलाध्यक्ष कमल यादव कहते हैं कि गुरुग्राम एवं मानेसर ही नहीं बल्कि कहीं भी चुनाव में पार्टी का किसी से मुकाबला नहीं। कांग्रेस की तरफ से कोई चुनौती नहीं। इधर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पंकज डावर का कहना है कि स्थानीय मुद्दों के आधार पर पार्टी चुनाव लड़ेगी। पिछले 100 दिनों में क्या किया, यह भाजपा को जवाब देना होगा।
ऊषा ने पार्टी के निर्णय को सर्वोपरि बताया
मेयर के टिकट से वंचित भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ऊषा प्रियदर्शी ने पार्टी के निर्णय को सर्वोपरि बताया। उन्होंने कार्यालय पर पहुंचे कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम करें। बता दें कि भाजपा ने राजनीतिक समीकरण साधते हुए पूर्व जिलाध्यक्ष तिलकराज मल्होत्रा की पत्नी राजरानी मल्होत्रा को गुरुग्राम मेयर का उम्मीदवार बनाया है।
उषा प्रियदर्शी टिकट की दौर से बाहर
चर्चा यह भी है कि ऊषा प्रियदर्शी को टिकट इसलिए नहीं मिला क्योंकि वह मूल रूप से राजस्थान की हैं। यह भी बताया जाता है कि बीसी-ए वर्ग से आनेवाला वही व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है, जिसका जन्म हरियाणा में हुआ हो। इस वजह से भी सबसे मजबूत दावेदार होने के बाद भी ऊषा प्रियदर्शी टिकट की दौड़ से बाहर हो गईं। गुरुग्राम मेयर का सीट बीसी-ए वर्ग के लिए आरक्षित है।
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