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    गुरुग्राम में अवैध निर्माणों पर शिकंजा कसने की तैयारी, उपायुक्त की अध्यक्षता में आज होगी टास्क फोर्स की अहम बैठक

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 10:51 AM (IST)

    गुरुग्राम में अवैध निर्माणों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। उपायुक्त की अध्यक्षता में होने वाली टास्क फोर्स की बैठक में आरडब्ल्यूए द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माणों पर कार्रवाई पर विचार किया जाएगा। मंजूरी मिलने पर जिला रजिस्ट्रार के माध्यम से आरडब्ल्यूए बोर्ड को अयोग्य घोषित करने और पुन चुनाव कराने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।

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    लोग बिना किसी अनुमति के निर्माण कर रहे हैं। फाइल फोटो

    संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। सोमवार को जिला उपायुक्त अजय कुमार की अध्यक्षता में टास्क फोर्स की एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। बैठक के एजेंडे में एक अहम मुद्दा विभिन्न आरडब्लूए द्वारा की जा रही अवैध निर्माण गतिविधियों से जुड़ा है जो ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों और अन्य लाइसेंस कॉलोनियों के सार्वजनिक क्षेत्रों में किए जा रहे हैं।

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    प्रस्ताव के अनुसार यदि उपायुक्त की मंजूरी मिलती है तो जिला रजिस्ट्रार के माध्यम से ऐसी आरडब्लूए के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें आरडब्लूए बोर्ड को अयोग्यत घोषित करना और आवश्यकतानुसार दोबारा चुनाव कराना भी शामिल हो सकता है।

    बता दें कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के जिला नगर योजनाकार इन्फोर्समेंट के पास लगातार ऐसी शिकायतें पहुंच रही हैं कि कई आरडब्लूए, कब्जा प्राप्त करने के बाद, ओपन स्पेस, स्टिल्ट पार्किंग, बेसमेंट व ग्रीन क्षेत्र जैसे स्थानों का गलत उपयोग करते हुए वहां पर बिना किसी अनुमति के निर्माण कर रहे हैं जो कि स्वीकृत लेआउट योजना का उल्लंघन है।

    जब डेवलपर द्वारा किसी ग्रुप हाउसिंग सोसायटी का निर्माण पूरा कर लिया जाता है और उसे आक्यूपेशन सर्टिफिकेट मिल जाता है, तब वह संबंधित आरडब्लूए को सोसायटी का संचालन हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन ऑफ सोसायटीज एक्ट, 2012 के तहत सौंपता है। इसके साथ ही ‘डीड ऑफ डिक्लेरेशन नामक एक कानूनी दस्तावेज भी तैयार किया जाता है जिसमें सोसायटी की सीमाएं, स्वामित्व, सामान्य क्षेत्र आदि का स्पष्ट उल्लेख होता है।

    पिछले कुछ वर्षों में यह देखने में आया है कि चुने गए आरडब्लूए बोर्ड अपनी प्रभाव को दिखाने के उद्देश्य से बिना किसी सक्षम प्राधिकरण की अनुमति के अवैध निर्माण करवा रहे हैं। यह न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है बल्कि आम निवासियों की साझा सुविधाओं और संसाधनों पर भी असर डालता है।

    प्रस्तावित एजेंडे के तहत यदि उपायुक्त की स्वीकृति मिलती है तो उपायुक्त द्वारा जिला रजिस्ट्रार को हिदायतें जारी की जा सकती हैं, जिसके तहत जिला रजिस्ट्रार द्वारा नियुक्त प्रशासक टाउन प्लानिंग के डीटीपीई गुरुग्राम के परामर्श के साथ ऐसे अवैध निर्माण पर कार्रवाई कर सकता है।