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    Gurugram Bulldozer Action: गुरुग्राम में 2200 मकानों पर नहीं गरजेगा बुलडोजर, तोड़फोड़ पर SC ने लगाई रोक

    Updated: Sat, 05 Apr 2025 01:50 PM (IST)

    Bulldozer Action in Gurugram सुप्रीम कोर्ट ने डीएलएफ फेज एक से पांच में 2200 मकानों पर होने वाली कार्रवाई पर रोक लगा दी है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की इस कार्रवाई के खिलाफ डीएलएफ कुतुब एन्क्लेव आरडब्ल्यूए ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी किए हैं। लेख में पढ़िए पूरी खबर।

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    डीएलएफ फेज एक से पांच में होने वाली तोड़फोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया स्टे। फाइल फोटो

    संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के डीटीपीई की तरफ से डीएलएफ फेज एक से पांच के बीच 2200 मकानों पर चार अप्रैल से शुरू होने जा रही कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

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    डीएलएफ कुतुब एन्क्लेव आरडब्लूए की तरफ से पेश हुए सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह और एडवोकेट अनुज सक्सेना ने मामले की पैरवी करते हुए कहा कि डीएलएफ इलाका 2008 के गठन के बाद नगर निगम के अधीन आ गया है।

    डीएलएफ फेज एक से पांच के बीच रिहायशी मकानों में अवैध निर्माण

    ऐसे में यहां पर कार्रवाई अब नगर निगम गुरुग्राम ही कर सकता है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से 13 फरवरी को डीएलएफ फेज एक से पांच के बीच रिहायशी मकानों में अवैध निर्माण, संचालित व्यावसायिक गतिविधियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे।

    19 अप्रैल तक एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी गई थी। इसी कड़ी में विभाग के डीटीपीई अमित मधोलिया की तरफ से 4500 से अधिक मकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 2200 मकानों को रेस्टोरेशन के आदेश जारी कर आक्यूपेशन सर्टिफिकेट रद करने, पानी, सीवर तथा बिजली कनेक्शन काटने के लिए डीटीपी प्लानिंग को सिफारिश भी कर दी गई थी।

    सुप्रीम कोर्ट से यथास्थिति बनाए रखने के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना की जाएगी।

    अमित मधोलिया, डीटीपीई

    इस अभियान को लेकर डीएलएफ के निवासियों में पूरा डर का माहौल बना हुआ था। सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में यथास्थिति के आदेश जारी निवासियों को राहत दे दी।

    डीएलएफ कुतुब एन्क्लेव आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष बलजीत सिंह राठी ने बताया कि विभाग की तरफ से सालों पुराने मकानों को नोटिस जारी कर परेशान किया जा रहा था जिसके चलते लोग मानसिक तनाव में थे। हाई कोर्ट में यह मामला बिल्डर प्रबंधन की आरडब्ल्यूए द्वारा दायर किया गया था।

    पूरे दलबल के साथ कार्रवाई के लिए पहुंचे थे डीटीपीई

    शुक्रवार को डीटीपीई अमित मधोलिया अपने इन्फोर्समेंट की चार टीमें लेकर सुबह 11 बजे डीएलएफ फेज तीन पहुंच गए थे। इस दौरान 200 पुलिस बल और चार डयूटी मजिस्ट्रेट साथ थे। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई करीब 11:30 बजे शुरू हुई और 12 बजे पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी होते ही टीम ने कार्रवाई रोक दी। तोड़फोड़ के विरुद्ध याचिका सुप्रीम कोर्ट डाली गई थी।

    इस मामले को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के दो अलग-अलग आदेश हैं। ऐसे में हाल में ही 13 फरवरी को दिए आदेश के तहत कैसे तोड़फोड़ की कार्रवाई की जा सकती है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद फिलहाल मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी करते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का निर्देश दिया है। अब मामले की सुनवाई चार सप्ताह के बाद होगी।

    अनुज सक्सेना, एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट

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