10 जुलाई से शुरू हो जाएगा पचगांव में टोल प्लाजा का निर्माण, तीन महीने के भीतर पूरा करने का है लक्ष्य
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर पचगांव में नया टोल प्लाजा बनेगा जिससे खेड़कीदौला टोल प्लाजा को हटाया जाएगा। एनएचएआई ने 10 जुलाई से निर्माण शुरू करने की तैयारी कर ली। 20 करोड़ की लागत से तीन महीने में टोल प्लाजा बनकर तैयार हो जाएगा जिसमें 14 लेन होंगे और फास्टैग सिस्टम से वाहन बिना रुके गुजर सकेंगे। इस बदलाव से मानेसर की औद्योगिक इकाइयों को भी फायदा होगा और यातायात सुगम होगा।

आदित्य राज, गुरुग्राम। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर पचगांव में टोल प्लाजा बनाने की तैयारी शुक्रवार को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पूरी कर ली। केएमपी एक्सप्रेसवे से पहले टोल प्लाजा बनाने का काम 10 जुलाई से शुरू हो जाएगा। इसके लिए तैयार लेआउट प्लान को भी अंतिम रूप से दे दिया गया है। तीन महीने के भीतर टोल प्लाजा बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके ऊपर 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
खेड़कीदौला में दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस पर संचालित टोल प्लाजा हटाने की मांग कई साल से चल रही है। इसके लिए कई बार प्रदर्शन हुए। लोगों ने अनशन तक किया। प्रधानमंत्री कार्यालय तक में पत्र लिखे गए। अब जाकर लाखों लाेगों की मांग पूरी होती दिखाई दे रही है।
खेड़कीदौला से टोल प्लाजा अगले तीन महीने के भीतर हटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस तरह तीन महीने के भीतर पचगांव में टोल प्लाजा बनाकर चालू कर दिया जाएगा। इसके लिए एचएसआइआइडीसी ने एनएचएआइ को 28 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई है। इसमें 14 लेन का टोल प्लाजा बनाया जाएगा। 12 लेन फास्टैग सिस्टम वाले वाहनों के लिए होगी।
दोनों तरफ एक-एक लेन टोल के दायरे से बाहर वाले वाहनों के होगी। 12 लेन में अत्याधुनिक फास्टैग रीडर लगाए जाएंगे, जिससे कि वाहन एक सेकंड के लिए भी नहीं रुक सकें। इस तरह टोल प्लाजा दिखाई देगा लेकिन वाहन रुकेंगे नहीं। इस तरह की सुविधा फिलहाल द्वारका एक्सप्रेसवे के टोल प्लाजा में विकसित है। आने वाले समय में देश के जितने भी टोल प्लाजा हैं, सभी को बूथलेस करने की योजना है।
एनएचएआइ के अधिकारी का कहना है कि काम शुरू करने से पहले नौ जुलाई को हरियाणा सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक होगी। टोल प्लाजा बनाने के दौरान किसी भी स्तर पर दिक्कत न आए, इस बारे में चर्चा की जाएगी। सभी अधिकारी जहां पर टोल प्लाजा बनना है, उस जगह का भी दौरा करेंगे।
तीन महीने से अधिक समय नहीं लगना चाहिए
खेड़कीदाैला टोल प्लाजा से परेशान लोगों का कहना है कि पचगांव में टोल प्लाजा बनाने में तीन महीने से अधिक समय नहीं लगना चाहिए। वर्षों बाद उम्मीद जगी है कि अब टोल प्लाजा हट जाएगा अन्यथा ऐसा लग रहा था जैसे हटेगा ही नहीं।
मानेसर इलाके में संचालित औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले इंजीनियर राजकुमार, जय भगवान वर्मा, राजन सिंह एवं अनमोल वर्मा ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि खेड़कीदौला से टोल प्लाजा हटते ही आइएमटी मानेसर, सेक्टर-37, सेक्टर-34, कादीपुर एवं बसई औद्योगिक क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी। इन औद्योगिक क्षेत्रों में पिछले 10 सालों के दौरान जितना विकास होना चाहिए था, नहीं हुआ। पैसे देने के बाद भी टोल प्लाजा पर जाम झेलना पड़ता है। द्वारका एक्सप्रेसवे के चालू होने के बाद भी पीक आवर के दाैरान कई बार ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। खासकर रात में आठ बजे के बाद मानेसर की तरफ से गुरुग्राम आना काफी परेशानी भरा है। भारी वाहनों की लाइन लग जाती है।
खेड़कीदौला टोल प्लाजा से प्रतिदिन 65 हजार वाहन निकलते हैं
बता दें कि खेड़कीदौला टोल प्लाजा से प्रतिदिन औसतन 65 हजार वाहन निकलते हैं। इतने वाहनों के लिए कम से कम 35 लेन का टोल प्लाजा होना चाहिए जबकि केवल 25 लेन ही है। दोनों तरफ इतनी जगह नहीं कि लेनों की संख्या बढ़ाई जा सके। इसे देखते हुए मांग चल रही है कि तत्काल प्रभाव से इसे हटाया जाए या फिर पचगांव इलाके में स्थानांतरित किया जाए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।