गुरुग्राम में हजारों मकानों पर लटकी सीलिंग की तलवार, जल्द आ सकता है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
डीएलएफ फेज-1 से 5 में अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 23 सितंबर को तय की है जिसमें फैसले की उम्मीद है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेशों का समर्थन किया जबकि डीएलएफ कुतुब एन्क्लेव आरडब्लूए सहित कई पक्षों ने याचिकाएं दाखिल की हैं।

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। डीएलएफ फेज-1 से 5 तक के क्षेत्रों में अवैध निर्माण और रिहायशी मकानों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों पर लटकी सीलिंग की तलवार को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
कोर्ट ने विभिन्न पक्षों को रिजाइंडर फाइल करने के लिए समय दिया और अब अगली सुनवाई 23 सितंबर को निर्धारित की गई है। कानूनी जानकारों की मानें तो इस तारीख पर इस लंबे मय से चल रहे मामले में फैसला आ सकता है।
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने एक बार फिर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों को पूरी तरह उचित बताया और विशेष रूप से ईडब्ल्यूएस (ईडब्लूएस) वर्ग के मकानों में हुए अवैध निर्माणों का मुद्दा जोरदार तरीके से कोर्ट के समक्ष रखा। इस मामले में डीएलएफ कुतुब एन्क्लेव आरडब्लूए, फेज-3 और फेज-5 के निवासियों समेत कई पक्षों द्वारा चार अप्रैल को कुल 16 स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने पहली सुनवाई पर ही हाईकोर्ट के आदेशों पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए थे, जो आगामी सुनवाई तक लागू रहेंगे। अब तक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग और डीएलएफ सिटी आरडब्लूए की ओर से अदालत में जवाब दाखिल किए जा चुके हैं।
गौरतलब है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 13 फरवरी 2024 को अपने आदेश में डीएलएफ फेज-1 से 5 तक के रिहायशी इलाकों में अवैध निर्माण व व्यावसायिक गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे और 19 अप्रैल तक एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी थी।
इस निर्देश के अनुपालन में डीटीपीई अमित मधोलिया ने 4500 से अधिक मकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए और 2200 मकानों के लिए रेस्टोरेशन आदेश जारी करते हुए उनके आक्यूपेशन सर्टिफिकेट रद और बिजली, पानी व सीवर कनेक्शन काटने की सिफारिश डीटीपी प्लानिंग को भेजी थी। अब देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई में इस गहन विवाद पर क्या फैसला सामने आता है।
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