आग से कितना सुरक्षित गुरुग्राम? 250 से अधिक फैक्ट्रियों में फायर एनओसी नहीं; सामने आई बड़ी वजह
गुरुग्राम के उद्योग विहार में 250 से अधिक औद्योगिक इकाइयों के पास फायर एनओसी नहीं है क्योंकि वे वायुसेना आयुध डिपो के 900 मीटर के दायरे में हैं। आग लगने की स्थिति में बड़े हादसे का खतरा है। उद्योगपति सरकार से प्रतिबंधित क्षेत्र कम करने की मांग कर रहे हैं। इलाके में अतिक्रमण और टूटी सड़कों के कारण दमकल गाड़ियों का पहुंचना मुश्किल है।

संदीप रतन, गुरुग्राम। शहर के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र उद्योग विहार में 250 से अधिक औद्योगिक इकाइयों के पास फायर एनओसी नहीं है। वायुसेना आयुध डिपो के 900 मीटर क्षेत्र में होने के कारण इन इकाइयों को फायर एनओसी नहीं दी जा रही है। यदि आग लग जाए तो बड़ा हादसा होने का खतरा बना रहता है।
उद्योगपतियों का कहना है कि वर्षों पहले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण व एचएसआईडीसी के प्लॉट खरीदकर औद्योगिक इकाइयां स्थापित की गई थीं, लेकिन उद्योगों के आयुध डिपो के 900 मीटर के दायरे में होने का हवाला देकर फायर एनओसी समेत अन्य जरूरी अनुमति नहीं दी जा रही है।
उद्योगपति वर्षों से सरकार से आयुध डिपो क्षेत्र का प्रतिबंधित क्षेत्र कम करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
इतना ही नहीं, जिन जगहों पर फायर एनओसी दी जा रही है, वहां आग बुझाने के इंतजाम के अलावा उद्योग विहार में फायर स्टेशन भी बनाया गया है। लेकिन अतिक्रमण और टूटी सड़कों के कारण फायर ब्रिगेड के पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।
इलाके में भारी अतिक्रमण और संकरी सड़कों के कारण आग लगने की स्थिति में दमकल की गाड़ियां समय पर मौके पर नहीं पहुंच पाती हैं। इससे राहत कार्य में देरी होती है, जो किसी भी आपात स्थिति में घातक साबित हो सकती है।
स्ट्रीट वेंडिंग जोन नहीं, सड़कों पर रेहड़ियां
उद्योग विहार में अभी तक स्ट्रीट वेंडिंग जोन नहीं बनाया गया है, जिसके कारण सड़कों पर अवैध रूप से रेहड़ियां लग रही हैं। इससे न केवल यातायात बाधित हो रहा है, बल्कि सड़क किनारे चलना भी मुश्किल हो गया है। श्याम चौक, एटलस चौक और पेरिफेरल रोड पर अवैध पार्किंग और अव्यवस्थित यातायात के कारण दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है। सुबह से शाम तक वाहन रेंगते नजर आते हैं, जिससे समय की बर्बादी हो रही है और प्रदूषण भी बढ़ रहा है।
टैक्स देने के बावजूद नहीं मिल रही सुविधा
हर साल लाखों रुपए टैक्स के रूप में सरकार को दिए जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। हम बार-बार प्रशासन से गुहार लगाते हैं, लेकिन हमारी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। उद्योग विहार में साफ-सफाई और सुगम यातायात सुविधाएं मिलनी चाहिए। प्रशासन को गंभीरता दिखानी होगी। सड़कों पर अतिक्रमण हटाकर उनकी मरम्मत करानी चाहिए। आयुध डिपो का प्रतिबंधित क्षेत्र 900 मीटर से घटाकर 300 मीटर किया जाना चाहिए, ताकि उद्योगों को सुविधाएं मिल सकें।
-अशोक कोहली, अध्यक्ष चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज उद्योग विहार
आयुध डिपो के 900 मीटर प्रतिबंधित क्षेत्र में फायर एनओसी न मिलने की समस्या के अलावा ट्रैफिक जाम सबसे बड़ी समस्या है। सड़कों पर अतिक्रमण के कारण समय पर फायर ब्रिगेड का पहुंचना भी चुनौती है। लाखों रुपये टैक्स देने के बावजूद सफाई व्यवस्था चौपट है। बरसात के दिनों में टूटी सड़कों पर जलभराव हो जाता है। नालों की उचित सफाई न होने और जलनिकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण कर्मचारियों को बरसात के दिनों में आने-जाने में परेशानी होती है और काम प्रभावित होता है।
-प्रवीण यादव, अध्यक्ष, गुड़गांव इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
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