पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर के नाम पर पड़ा था गुरुग्राम के इस गांव का नाम, यहां से रहा गहरा नाता
India Visit Jimmy Carter पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने 3 जनवरी 1978 को अपने परिवार के साथ हरियाणा के दौलतपुर नसीराबाद गांव का दौरा किया था। उनकी मां लिलियन का इस गांव से पुराना नाता था। जिमी कार्टर के निधन से गांव के लोग सदमे में हैं। उन्होंने ग्रामीणों से हाथ मिलाकर बातचीत की थी। जिमी कार्टर के दौरे के बाद दौलतपुर नसीराबाद का नाम कार्टरपुरी पड़ा था।

महावीर यादव, बादशाहपुर (गुरुग्राम)। तीन जनवरी 1978 को अमेरिका के राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने अपने परिवार के साथ जिला के गांव दौलतपुर नसीराबाद का दौरा किया था।
जिमी कार्टर और उनकी मां लिलियन का इस गांव से पुराना नाता रहा था। जिमी कार्टर के निधन के समाचार से कार्टरपुरी गांव के लोग भी सदमे में है। जिमी कर्टर ने 100 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।
जिमी कार्टर परिवार के साथ 46 साल पहले आए थे इस गांव
उनकी मौत का समाचार सुन उनके साथ हाथ मिलाने वाले लोगों को तो बेहद दुख है। उनकी मौत का समाचार सुन काफी व्यथित हो गए। चाहे जिमी कार्टर अपने परिवार के साथ 46 साल पहले इस गांव में आए थे।
पर लोगों से जिस अपनेपन से मिले थे। लोग उनके अपनेपन को आज भी नहीं भूल पाए हैं। गांव के लोग बताते हैं कि दौलतपुर नसीराबाद गांव में 18 गांव के जैलदार की हवेली थी। उस जैलदार के परिवार के घर पर जिमी कार्टर की मां लिलियन का आना-जाना रहता था।
उस समय मोरारजी देसाई थे प्रधानमंत्री
जिमी कार्टर की मां लिलियन भारत में नर्सिंग ऑफिसर के रूप में कार्यरत थी। जैलदार की हवेली में उनका आना-जाना होने के कारण जिमी कार्टर की मां को इस गांव से भी बेहद लगाव हो गया था।
लोग बताते हैं कि जब जिमी कार्टर 1978 में उनके गांव में आए। उस समय देश के प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई थे और हरियाणा के मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल थे। गांव के सरपंच भूप सिंह यादव थे। करतार सिंह ने मंच संचालन किया था।
उस समय जिमी कार्टर ने ग्रामीणों को बताया था कि उनकी मां लिलियन का उनके साथ आने का पूरा कार्यक्रम था। लेकिन उनका स्वास्थ्य ठीक ना होने के कारण वह उनके साथ नहीं आ पाई। उन्होंने भारत दौरे पर जाने के वक्त दौलतपुर नसीराबाद गांव में जरूर जाने की बात कही थी।
जिमी कार्टर जैसे मिलनसार व्यक्तित्व का जाने का बेहद दुख-ग्रामीण
जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर उनके गांव में आए थे तो उन्होंने उनसे हाथ मिलाया था। जैसे आज हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आमजन के बीच चले जाते हैं। वैसे ही वह भी सभी ग्रामीणों से ऐसे ही हाथ मिलाकर घुल मिलकर बातचीत की थी।
गांव में रहने वाले पृथ्वी नामक व्यक्ति ने उनको 50 ग्राम की जूती बनकर दी थी। उनकी बनाई जूती देखकर उन्होंने पृथ्वी को अमेरिका ले जाने की पेशकश भी की थी। लेकिन पृथ्वी और उसके परिवार ने अमेरिका जाने से मना कर दिया। जिमी कार्टर जैसे मिलनसार व्यक्तित्व का जाने का बेहद दुख है।
बलजीत यादव, निवासी, कार्टरपुरी
अमेरिकी राष्ट्रपति के आने से पहले उनके घर पर गोबर गैस का प्लांट लगाया गया था। जिमी कार्टर को उस प्लांट को दिखाया गया। गांव के प्रजापति समाज ने उनको चाक चला कर दिखाया था। चाक पर मिट्टी के मटके और बर्तन आदि बनाकर दिखाए थे। गांव में पूरी तरह उत्साह का माहौल था।
गांव के आसपास पूरी तरह पुलिस छावनी बनी हुई थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री देवीलाल ने उस समय पुलिस की सराहना कर ड्यूटी देने वाले पुलिसकर्मियों को एक महीने की छुट्टी की घोषणा की थी। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर के मौत का समाचार सुनकर बेहद दुख हुआ।
डा. ब्रहम प्रकाश यादव, निवासी, कार्टरपुरी
जब हमारे गांव में अमेरिकन राष्ट्रपति जिमी कार्टर का आगमन हुआ तो पूरे गांव ने पूरे उत्साह के साथ उनका स्वागत किया। पूरे गांव के लोगों में एक खुशी का माहौल था। उस समय मेरी दुकान गांव में सबसे पहले पड़ती थी। देश के प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई और मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल के साथ जब जिमी कार्टर गांव में पहुंचे थे। तो कार से उनकी दुकान के सामने ही उतरे थे। जिमी कार्टर ने सभी लोगों के साथ पूरे जोश से हाथ मिलाया। गांव का जिमी कार्टर से जिस तरह का लगाव था। उनके निधन पर सभी को गहरा दुख है।
सूरजमल यादव, निवासी, कार्टरपुरी
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