गुरुग्राम के इन क्षेत्रों में फ्लैट या प्लॉट खरीदना होगा महंगा, एक झटके में बढ़ा दिए गए दाम
Gurugram Property Rates हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम के पटौदी हेलीमंडी और फरुखनगर क्षेत्र को लो संभावित क्षेत्र से मध्यम संभावित क्षेत्र में अपग्रेड कर दिया है। इस फैसले से इन क्षेत्रों में घर और फ्लैटों के दाम बढ़ जाएंगे। साथ ही सरकार को बाहरी विकास शुल्क लाइसेंस शुल्क और रूपांतरण शुल्क के रूप में राजस्व में वृद्धि होगी। इससे निवेश और शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। हरियाणा मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में गुरुग्राम जिले के पटौदी, हेलीमंडी और फरुखनगर क्षेत्र को लो संभावित क्षेत्र से मध्यम संभावित क्षेत्र में अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला इन क्षेत्रों में कॉलोनियों, उद्योगों और अन्य गतिविधियों के बढ़ते विकास की संभावनाओं को देखते हुए लिया गया है।
निवेश और शहरीकरण को मिलेगा बढ़ावा
इसके साथ ही अब इन इलाकों में भी घर और फ्लैटों के दाम भी बढ़ जाएंगे। इन क्षेत्रों के मध्यम संभावित क्षेत्र में शामिल होने से हरियाणा सरकार को बाहरी विकास शुल्क, लाइसेंस शुल्क और रूपांतरण शुल्क के रूप में राजस्व में वृद्धि होगी। साथ ही केएमपी एक्सप्रेसवे, रिलायंस मॉडल इकोनॉमिक टाउनशिप और रेलवे नेटवर्क के करीब स्थित होने के कारण इन क्षेत्रों में निवेश और शहरीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
हर साल बढ़ेंगे दाम
बैठक में इंडेक्सेशन नीति के तहत बाहरी विकास शुल्क (ईडीसी) की दरों में हर साल 10 प्रतिशत वृद्धि करने का भी फैसला लिया गया। यह वृद्धि एक अप्रैल से प्रभावी होगी और नयी दरें तय होने तक जारी रहेगी। सरकार ने ईडीसी दरों के निर्धारण के लिए एक परामर्शदाता नियुक्त करने की मंजूरी भी दी है।
सरकार को मिलेगा ज्यादा राजस्व
पटौदी और हेलीमंडी के एनएच-8 और केएमपी एक्सप्रेसवे के पास होने और फरुखनगर के रेलवे नेटवर्क के नजदीक होने से ये क्षेत्र डेवलपर्स का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
इन क्षेत्रों को मध्यम संभावित घोषित करने से राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी के साथ-साथ विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है। गांव दौलताबाद के सरंपच व सरपंच एकता मंच के अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि सरकार का निर्णय सराहनीय है। इससे इलाके की तस्वीर बदल जाएगी।
अवैध व्यावसायिक गतिविधियों पर 700 मकानों को नोटिस जारी
उधर, डीएलएफ फेज तीन में रिहायशी मकानों में चल रही अवैध व्यावसायिक गतिविधियों पर शिकंजा कसते हुए टाउन एंड कंट्री प्लॉनिंग विभाग के डीटीपीई की तरफ से अब तक 700 मकानों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए हैं। विभाग ने हाल ही में 400 नए मकानों को नोटिस जारी किए, जिससे पहले जारी किए गए 300 नोटिसों के साथ यह संख्या 700 पर पहुंच गई है।
साल 2020 में डीएलएफ सिटी आरडब्ल्यूए द्वारा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में दायर याचिका के बाद कोर्ट ने विभाग को इलाके का सर्वे कर अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। जारी नोटिस के अनुसार मकान मालिकों को सात दिन के भीतर डीटीपीई कार्यालय में दस्तावेज जमा कर जवाब देने को कहा गया है।
सीलिंग अभियान की प्रक्रिया होगी शुरू
संतोषजनक जवाब न मिलने पर रेस्टोरेशन के आदेश जारी किए जाएंगे, जिसके तहत अवैध निर्माण को हटाने और सीलिंग अभियान शुरू करने की प्रक्रिया शुरू होगी। विभाग की तरफ से चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले मकान मालिकों पर अर्बन डेवलपमेंट एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज की जाएगी।
डीटीपीई मनीष यादव ने बताया कि अवैध गतिविधियों और निर्माण के खिलाफ कार्रवाई रोजाना स्तर पर की जा रही है, और हाईकोर्ट के आदेशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। डीएलएफ फेज-3 में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 60 वर्ग गज के मकानों में पीजी, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, बुटीक, ब्यूटी पार्लर, सैलून, क्लीनिक और जनरल स्टोर जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
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