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    कोई भी लिंक क्लिक करने से पहले सौ बार सोचें, भारी पड़ा APK फाइल डाउनलोड करना, खाते से लाखों गायब

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 02:20 PM (IST)

    गुरुग्राम में साइबर ठगों ने दो लोगों से दो लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। एक मामले में पीएम किसान योजना के ऐप के जरिए फोन हैक करके पैसे निकाले गए वहीं दूसरे मामले में पार्ट टाइम जॉब के नाम पर ठगी की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साइबर क्राइम एसीपी ने अनजान एपीके फाइल से बचने की सलाह दी है।

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    साइबर ठगों ने दो लोगों से ठग लिए दो लाख रुपये

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर ठगों ने विभिन्न तरीकों से गुरुग्राम में रहने वाले दो लोगों से दो लाख रुपये की धाेखाधड़ी कर ली। पीड़ितों ने साइबर थाने में शुक्रवार को केस दर्ज कराया है। बीते कई दिनों से साइबर अपराध के ऐसे मामलों में बड़ी तेज से बढ़त देखी जा रही है।

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    30 मिनट तक मोबाइल पड़ा रहा हैंग

    मानेसर क्षेत्र के नवादा फतेहपुर गांव में रहने वाले रमेश सोनी ने मानेसर साइबर पुलिस को दी शिकायत में कहा कि वह मानेसर स्थित एक कंपनी में काम करते हैं। उनके कंपनी का एक ग्रुप बना हुआ है। बीते दिनों उनके ग्रुप पर पीएम किसान योजना से संबंधित एक एप्प के बारे में जानकारी आई। यह एपीके फाइल थी। जब उन्होंने इसे खोला तो उनका फोन हैक हो गया। करीब 30 मिनट बाद फोन सही हुआ तो उन्होंने खातों की जांच की।

    इसमें पता चला कि किसी ने उनके खाते से एक लाख 48 सौ रुपये निकाल लिए। दूसरी ओर मानेसर के नाहरपुर में रहने वाले प्रकाश ने मानेसर साइबर पुलिस को ही शिकायत में कहा कि उनसे साइबर ठगों ने पार्ट टाइम आनलाइन जाब के नाम पर 96700 की धोखाधड़ी कर ली।

    कुछ दिन पहले उनके व्हाट्सएप्प पर पार्ट टाइम जाब के नाम पर रुपये कमाने का विज्ञापन आया था। जब उन्होंने इसके बारे में जानकारी मांगी तो उन्हें टेलीग्राम एप्प पर एक ग्रुप से जोड़ दिया गया। यहां टास्क के नाम पर उनसे कई बार में रुपये ट्रांसफर करा लिए गए। जब उन्होंने रुपये वापस मांगे तो उनसे और रुपये जमा करने के लिए कहा गया। इस पर उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ।

    झांसे में न आएं

    "कोई भी अंजान नंबर से एपीके फाइल आने पर उसे न खोलें। इसके साथ ही ऑनलाइन पार्ट टाइम जाब के नाम पर रुपये न भेजें। कोई भी कंपनी जाब के नाम पर पैसे जमा नहीं कराती। अगर रुपये जमा करने के लिए कहा जा रहा है तो समझें कि वह फ्राॅड है।"

    -प्रियांशु दीवान, एसीपी साइबर क्राइम

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