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    Gurugram traffic jam: ट्रैफिक जाम से जूझ रही साइबर सिटी, विकास पर पड़ रहा असर

    Cyber City traffic jam गुरुग्राम जिसे साइबर सिटी के नाम से जाना जाता है ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहा है। इससे विदेशी निवेशक और देश के अन्य इलाकों के कारोबारी भी साइबर सिटी आने से कतराने लगे हैं। विकास प्रभावित हो रहा है। उद्यमियों को उम्मीद है कि केंद्रीय बजट में साइबर सिटी के विकास पर ध्यान दिया जाएगा।

    By Aditya Raj Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Tue, 10 Dec 2024 03:51 PM (IST)
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    साइबर सिटी के औद्योगिक विकास पर ट्रैफिक जाम की मार। फाइल फोटो

    आदित्य राज, गुरुग्राम। आईटी, आईटी इनेबल्ड, आटोमोबाइल, गारमेंट, टेलीकाम से लेकर मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में पूरी दुनिया में पहचान बनाने वाली साइबर सिटी का विकास ट्रैफिक जाम से प्रभावित होने लगा है। विदेशी निवेशक ही नहीं बल्कि देश के अन्य इलाकों के कारोबारी भी साइबर सिटी में आने से कतराने लगे हैं।

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    कुछ साल पहले तक सभी प्रकार की बैठकें साइबर सिटी में होती थीं अब कारोबारी साइबर सिटी की बजाय दिल्ली में बैठक करने लगे हैं। इससे साइबर सिटी की छवि धूमिल होने लगी है। दिल्ली-जयपुर हाईवे के मानेसर तक के भाग को एलिवेटेड करने पर जोर देना होगा।

    दिल्ली से अलवर तक विकसित किए जाने वाले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम पर तत्काल प्रभाव से काम करना होगा। मेट्रो का विस्तार एक तरफ मानेसर तक एवं दूसरी तरफ दिल्ली एयरपोर्ट तक करना होगा।

    एचपी यादव

    इससे साइबर सिटी में ट्रैफिक का दबाव कम होगा। दबाव कम होने से विकास को पंख लगेंगे। उद्यमियों को उम्मीद है कि केंद्रीय बजट में साइबर सिटी के विकास के ऊपर ध्यान दिया जाएगा।

    देश का सबसे तेजी से बढ़ता शहर गुरुग्राम है, जिसे साइबर सिटी के नाम से जाना जाता है। आटोमोबाइल सेक्टर की कुल मिलाकर लगभग 10 इकाइयां हैं। गारमेंट सेक्टर की पांच हजार इकाइयां हैं। आइटी, आइटी इनेबल्ड एवं टेलीकाम सेक्टर की लगभग सात हजार इकाइयां हैं।

    इनमें लाखों लोग काम करते हैं। प्रदेश के राजस्व भंडार को भरने में 60 प्रतिशत से अधिक भूमिका अकेले गुरुग्राम निभाता है। कुछ सालों के दौरान ढांचागत विकास के ऊपर जोर दिया गया है लेकिन जिस हिसाब से शहर का दायरा बढ़ा, उस हिसाब से काम नहीं हुआ। इससे विकास प्रभावित होने लगा है।

    10 साल पहले मेट्रो विस्तार से लेकर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम विकसित करने की योजना बनाई गई थी। दोनों के ऊपर आज तक जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं हुआ। साइबर सिटी के कुछ इलाके में ही मेट्रो की सुविधा है। नतीजा यह है कि दिल्ली से मुंबई पहुंचना आसान है, गुरुग्राम पहुंचना मुश्किल।

    पहले विदेशी निवेशक या देश के किसी भी इलाके के कारोबारी कहते थे कि गुरुग्राम में आकर ही बैठक करेंगे लेकिन अब कहने लगे हैं कि आप आ जाओ। कुछ सालों में ट्रैफिक जाम की वजह से साइबर सिटी के प्रति लोगों का नजरिया बदल गया है। इस वजह से जितनी तेजी से विकास हो रहा था, नहीं हो रहा है। जितनी जल्द हो दिल्ली-जयपुर हाईवे के मानेसर तक के भाग को एलिवेटेट किया जाए। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के ऊपर काम शुरू किया जाए। अन्यथा विकास पूरी तरह ठप हो जाएंगे।

     योगेश मुंजाल, सीएमडी, मुुंजाल शोवा ग्रुप

    साइबर सिटी का विकास दुनिया के किसी भी शहर से कहीं अधिक तेजी से हुआ। अब ठहर गया है। इसके पीछे एक कारण ट्रैफिक जाम है। दिल्ली जाने से पहले दस बार सोचना पड़ता है। केंद्र सरकार गुरुग्राम के बारे में सोचें।गुरुग्राम केवल हरियाणा नहीं बल्कि देश के विकास का आइना है। यदि ट्रैफिक जाम का समाधान नहीं हुआ तो बहुत जल्द सबकुछ खत्म हो जाएगा। दिल्ली के लोग गुरुग्राम में बैठक करने से मना करने लगे हैं। यह स्थिति पैदा हाे चुकी है।

     एचपी यादव, एनसीआर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

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