जब गांव में ईसाई परिवार ही नहीं तो चर्च का क्या काम? मतांतरण की आशंका पर ग्रामीणों ने रोका निर्माण
टीकली गांव में चर्च का निर्माण ग्रामीणों के विरोध के बाद रोक दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि चर्च की आड़ में मतांतरण की साजिश हो रही है। युवाओं ने महापंचायत कर साफ कर दिया कि किसी भी कीमत पर कृषि भूमि पर चर्च नहीं बनने दिया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि यह कदम गांव की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना के खिलाफ है।

महावीर यादव. बादशाहपुर। टीकली-गैरतपुर बास रोड पर चर्च के निर्माण पर महापंचायत के बाद रोक लगा दी गई है। गांव के युवाओं और निवासियों ने चर्च निर्माण का विरोध किया, जिसके बाद काम रोकना पड़ा।
ग्रामीणों का आरोप है कि चर्च की आड़ में मतांतरण की गतिविधियां चलाने की साजिश की जा रही है। जिसे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा।
रविवार को टीकली गांव में इस प्रस्तावित चर्च के विरोध में महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में टीकली गांव के आसपास के 15-20 गांव के लोगों ने भाग लिया।
हमारे गांव में एक भी ईसाई परिवार नहीं है, फिर यहां चर्च बनाने की क्या जरूरत है? यह सब मतांतरण कराने की चाल है।
- सुशील, टीकली
गांव की भूमि खेती-बाड़ी के लिए है। हम किसी भी कीमत पर इसे धार्मिक विवाद की वजह नहीं बनने देंगे।
- प्रमोद, टीकली
ग्रामीणों का कहना है कि यह कदम गांव की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना के खिलाफ है। युवाओं ने महापंचायत कर साफ कर दिया कि किसी भी कीमत पर एग्रीकल्चर लैंड पर चर्च बनने नहीं दिया जाएगा।
करीब चार साल पहले गांव में लगभग दस बीघा जमीन खरीदी थी। इसके बाद हाल ही में चर्च निर्माण का कार्य शुरू हुआ, लेकिन विरोध बढ़ने पर काम को रोकना पड़ा।
ग्रामीणों ने साफ कहा कि वे गांव के माहौल में किसी तरह का बदलाव बर्दाश्त नहीं करेंगे। खासकर युवाओं का कहना है कि गांव की एकता और परंपराओं से समझौता किसी भी कीमत पर नहीं होगा।
चर्च के नाम पर युवाओं को गुमराह करने की साजिश है। हम सब एकजुट होकर इसका विरोध करेंगे। चर्च नहीं बनने देंगे।
- हितेश भारद्वाज, अकलीमपुर
यह कदम ठीकरी गांव की ही नहीं आसपास के क्षेत्र की शांति के लिए खतरा है। अगर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो बड़ा आंदोलन होगा।
- मोहित भारद्वाज, अकलीमपुर
आरोप लगाया है कि चर्च की आड़ में मतांतरण कराने की साजिश की जा रही है। गांव पूरी तरह यादव बहुल है। यहां गांव में ही नहीं आसपास के इलाके में कोई ईसाई परिवार नहीं रहता है।
ऐसे में कृषि योग्य भूमि पर चर्च के निर्माण का क्या औचित्य है? इस बारे में चर्च समिति से पक्ष जानने की कोशिश की गई तो किसी भी सदस्य ने बोलने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि इस मामले पर केवल दिल्ली स्थित मुख्यालय ही कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया देगा।
टीकली गांव में हुई महापंचायत का फैसला अंतिम है। किसी भी तरह का धार्मिक ढांचा यहां नहीं बनने दिया जाएगा। एकजुट होकर विरोध किया जाएगा।
- सुधांशु भारद्वाज, सरपंच, अकलीमपुर एवं सह सचिव जिला सरपंच एसोसिएशन
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