गुरुग्राम के सेक्टर-37 में नया बिजली घर बनाने की योजना को मंजूरी, औद्योगिक क्षेत्र को मिलेगी राहत
गुरुग्राम के सेक्टर-37 के औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 66 केवीए के नए पावर हाउस के निर्माण की योजना को मंजूरी मिल गई है। एचएसवीपी और एचवीपीएन ने मिलकर जमीन का चयन किया है। इस परियोजना से औद्योगिक इकाइयों को बिजली आपूर्ति में राहत मिलेगी और इससे क्षेत्र का विकास भी सुदृढ़ होगा।

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर-37 में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए 66 केवीए क्षमता के नए बिजली घर के निर्माण का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) ने संयुक्त रूप से इस परियोजना के लिए उपयुक्त भूमि का चयन कर लिया है। एचएसवीपी के मुख्यालय, चंडीगढ़ से इस योजना को स्वीकृति मिल चुकी है, जिससे जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
एचएसवीपी के संपदा अधिकारी-एक कार्यालय द्वारा पहले इस क्षेत्र में स्थित सीएनजी स्टेशन के पीछे की 2.38 एकड़ भूमि पर एचएसवीपी बाजार विकसित करने की योजना बनाई गई थी। इसी दौरान एचवीपीएन ने सेक्टर-37 में बिजली आपूर्ति को सुदृढ़ करने के लिए इसी क्षेत्र में एक नया 66 केवीए सब-स्टेशन स्थापित करने के लिए भूमि की मांग की। तकनीकी निरीक्षण के बाद सीएनजी स्टेशन से पीछे की ओर स्थित भूमि को बिजली घर निर्माण के लिए उपयुक्त पाया गया।
एक एकड़ भूमि बिजली घर के लिए एचवीपीएन को सौंपी जाएगी
दोनों विभागों के अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण के बाद सहमति जताई कि इस 2.38 एकड़ भूमि में से एक एकड़ भूमि बिजली घर के लिए एचवीपीएन को सौंपी जाएगी जबकि शेष 1.38 एकड़ भूमि पर एचएसवीपी बाजार विकसित किया जाएगा। प्रस्ताव के तहत, बिजली घर जीआइएस तकनीक पर आधारित आधुनिक प्रणाली के अनुसार तैयार किया जाएगा। बाजार क्षेत्र में दुकानों की बिक्री ई-नीलामी के माध्यम से की जाएगी।
एक माह के भीतर एचवीपीएन को जमीन का कब्जा सौंपा जाना तय
अब जबकि मुख्य प्रशासक की ओर से इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल चुकी है, आगामी एक माह के भीतर एचवीपीएन को जमीन का कब्जा सौंपा जाना तय है। इसके पश्चात बिजली घर निर्माण के लिए अनुमानित लागत और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 25 करोड़ रुपये आंकी गई है, और वर्ष 2027 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
एक हजार से अधिक कर्मचारी तीन शिफ्टों में कार्यरत
गौरतलब है कि सेक्टर-37 और आसपास के औद्योगिक क्षेत्र में करीब 1200 से अधिक औद्योगिक इकाईयां कार्यरत हैं। इनमें कई बड़े उद्योग हैं, जिनमें एक हजार से अधिक कर्मचारी तीन शिफ्टों में कार्यरत हैं। बिजली की लगातार और स्थिर आपूर्ति यहां की प्रमुख आवश्यकता है। इसके अलावा, इस औद्योगिक क्षेत्र से सटी कालोनियों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई अनधिकृत औद्योगिक इकाइयां सक्रिय हैं। ऐसे में यह नया बिजली घर न केवल औद्योगिक इकाइयों को राहत देगा, बल्कि भविष्य में क्षेत्र के विकास को भी मजबूती देगा।
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