गुरुग्राम मेट्रो विस्तार तेज: भूमि अधिग्रहण के लिए 11 सदस्यीय समिति गठित, जल आपूर्ति और ड्रेनेज पर भी हुई समीक्षा
गुरुग्राम में मेट्रो विस्तार को गति देने के लिए 11 सदस्यीय भूमि अधिग्रहण समिति बनाई गई है। जीएमडीए जल आपूर्ति और ड्रेनेज सिस्टम की भी समीक्षा कर रहा ह ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर सिटी में मेट्रो विस्तार परियोजना को सिरे चढ़ाने में भूमि की कमी बाधा न बने, इसके लिए प्रदेश सरकार ने 11 अधिकारियों की समिति गठित कर दी गई है। यह समिति सीधे भूमि मालिकों से जमीन अधिग्रहण को लेकर बात करेगी। अधिग्रहण की लागत गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) द्वारा वहन की जाएगी। परियोजना पर काम तेजी से चले, इसके लिए समय-समय पर उसकी समीक्षा की जाएगी।
एक महीने पहले से साइबर सिटी में मेट्रो विस्तार का काम शुरू हो चुका है। पुराने गुरुग्राम के इलाके में काफी जगह भूमि की कमी है। सड़कों की चौड़ाई इतनी नहीं है कि उसके ऊपर से नीचे से कारिडोर विकसित किया जा सके। इसके लिए भूमि अधिग्रहण पर जोर देना होगा। इसे ध्यान में रखकर बृहस्पतिवार को शहरी विकास के प्रधान सलाहकार डीएस ढेसी की अध्यक्षता में लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में मेट्रो परियोजना के ऊपर सबसे अधिक चर्चा की गई।
इसके अलावा एआइपीएल माल (सेक्टर 63ए) से सीआरपीएफ कैंप तक रोड के विस्तार का निर्णय लिया गया। यह मार्ग सीआरपीएफ कर्मियों, पुलिस स्टाफ और स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। जीएसपीआर से पीटीएस, सीआरपीएफ कैंप और जेल परिसर तक कनेक्टिविटी की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पहले से चल रही है। 2026-27 के लिए सड़क मरम्मत और उन्नयन की योजनाओं की समीक्षा की गई।
इस बारे में जानकारी दी गई कि सेक्टर-एक से 23 के लिए पैच वर्क का अनुमान 3.65 करोड़ रुपए है और अनुमोदन प्रक्रिया में है। सेक्टर 24 से 80 के लिए टेंडर खुल चुका है। दिसंबर 2025 तक कार्य आवंटित किया जाएगा। विशेष मरम्मत और उन्नयन के तहत कुल 90.16 किलोमीटर सड़क का कार्य मार्च 2026 तक पूरा होने की संभावना है। वाटिका चौक से फरीदाबाद रोड तक ऊंची सड़क निर्माण की स्थिति पर भी चर्चा हुई।
इस बारे में जानकारी दी गई कि विस्तृत डिजाइन तैयार किया जा रहा है। वाटिका चौक के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता का आकलन चल रहा है। एमसीजी क्षेत्र में मौजूद 404 आरडब्ल्यूएचएस की सफाई और मरम्मत के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। सभी आरडब्ल्यूएचएस को 31 दिसंबर 2025 तक कार्यात्मक बनाने का निर्देश दिया गया। वाटिका चौक से एनएच-48 तक मास्टर स्टार्म वाटर ड्रेन का निर्माण प्रगति पर है। कुल 4,622 मीटर में से 2,570 मीटर कार्य पूरा हो चुका है। यह कार्य 30 जून 2026 तक पूरा होगा।
सेक्टर 72 बूस्टर स्टेशन से अतिरिक्त जल आपूर्ति पर चर्चा हुई। साथ ही ठोस अपशिष्ट और सीएंडडी अपशिष्ट प्रबंधन की स्थिति की समीक्षा की गई। बसई प्लांट की क्षमता 1200 एमटी पर संचालित की जा रही है और सीएंडडी अपशिष्ट का निपटान प्राथमिकता पर किया जा रहा है।
बैठक में जीएमडीए के सीईओ पीसी मीणा, उपायुक्त अजय कुमार, गुरुग्राम नगर निगम की अतिरिक्त आयुक्त अंकिता चौधरी, मानेसर नगर निगम के आयुक्त प्रदीप सिंह, गुरुग्राम नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त यश जलुका, एडीसी वत्सल वशिष्ठ, एचएसआइआइडीसी, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआइ, नगर निगम गुरुग्राम और मानेसर के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कहां बनेगा टोल प्लाजा, नहीं हुआ निर्णय
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर टोल प्लाजा कहां पर बनाया जाएगा, इस बारे में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में बृहस्पतिवार को भी निर्णय नहीं हो पाया। हालांकि सभी ने माना कि जल्द से जल्द टोल प्लाजा कहां बनाया जाए, इस बारे में निर्णय लेना होगा। इसमें काफी देर हो चुकी है। सूत्र बताते हैं कहां पर टोल प्लाजा बनाया जाए, यह निर्णय केंद्र सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पर छोड़ दिया गया है।
मंत्रालय सुरक्षा एजेंसियों के साथ चर्चा कर निर्णय लेगा। बता दें कि खेड़कीदौला टोल प्लाजा को मानेसर से आगे शिफ्ट किया जाना है। पहले पचगांव चौक पर टोल प्लाजा बनाने का निर्णय लिया गया था। इसका ग्रामीणों ने विरोध करते हुए कहा कि चौक पर अंडरपास या फ्लाईओवर बनना चाहिए।
इसके बाद सहरावन में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर टोल प्लाजा बनाने का निर्णय लिया गया। इस पर सुरक्षा एजेंसियों ने आपत्ति जता दी। सहरावन से पचगांव चौक के बीच ही एचएसआइआइडीसी के पास जमीन उपलब्ध है। पचगांव चौक से आगे टोल प्लाजा बनाने पर जमीन अधिग्रहण करना होगा।

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