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    पुराने गुरुग्राम को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ने की योजना में बड़ा बदलाव, लागत और समय की बचत के लिए लिया ये निर्णय

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 05:35 PM (IST)

    गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) ने पुराने गुरुग्राम को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ने की योजना में बदलाव करते हुए दूसरे चरण को एलिवेटेड बनाने का फैस ...और पढ़ें

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    मेट्रो का दूसरा चरण भूमिगत नहीं, एलिवेटेड बनाया जाएगा। जागरण

    संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। पुराने गुरुग्राम को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ने की योजना में एक बड़ा बदलाव किया गया है। गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) ने अध्ययन के बाद तय किया है कि मेट्रो का दूसरा चरण भूमिगत नहीं बल्कि एलिवेटेड बनाया जाएगा। इसके पीछे मुख्य कारण लागत और समय दोनों की बचत है। जीएमआरएल जल्द ही इस फैसले की पूरी रिपोर्ट शहरी एवं आवास मंत्रालय को भेजेगा।

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    अधिकारियों के अनुसार, 31.5 किमी लंबे मेट्रो प्रोजेक्ट के पहले चरण में 15.3 किमी हिस्से का टेंडर जारी कर दिया गया है और काम भी शुरू हो चुका है। अगले 30 दिनों में दूसरे चरण का टेंडर भी जारी कर दिया जाएगा। भूमिगत निर्माण की स्थिति में लागत लगभग दोगुनी हो जाती, साथ ही स्टेशन बनाने के लिए सड़कें खोदने से लंबे समय तक जाम की समस्या बनती।

    नई डीपीआर और भू-तकनीकी सर्वे में भी करीब दो वर्ष अतिरिक्त लगते, जिससे पूरे प्रोजेक्ट में देरी तय थी। इसे देखते हुए जीएमआरएल ने भूमिगत मॉडल का अध्ययन किया, मगर व्यावहारिकता और समय-लागत विश्लेषण में एलिवेटेड मॉडल अधिक उपयुक्त पाया गया।

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    वहीं, दूसरे चरण में सेक्टर-7, 4, 5, रेलवे स्टेशन, अशोक विहार, सेक्टर-3, बजघेड़ा रोड, पालम विहार एक्सटेंशन, पालम विहार, सेक्टर-23ए, उद्योग विहार फेज-4-5 और डीएलएफ साइबर सिटी में स्टेशन बनाए जाएंगे।

    जनवरी से दिखने लगेंगे मेट्रो पिलर

    जीएमआरएल अधिकारियों ने बताया कि जनवरी से पिलर दिखने शुरू हो जाएंगे। माह के अंत तक 35 पिलर तैयार होने की उम्मीद है। सेक्टर-33 के कास्टिंग यार्ड में यू -गार्डर निर्माण तेज कर दिया गया है। निर्धारित समय से पहले ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो पूरा करना लक्ष्य है। निर्माण के दौरान वाहन चालकों को परेशानी न हो, इसके लिए ट्रैफिक पुलिस और विशेषज्ञ मिलकर डायवर्जन प्लान तैयार करेंगे। यातायात मार्शल भी तैनात किए जाएंगे। एजेंसी को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।