गुरुग्राम: अरावली की गोद में भारत यात्रा केंद्र बनेगा इको टूरिज्म हब, वन विभाग ने जारी किया टेंडर
गुरुग्राम में अरावली पर्वतमाला की गोद में भारत यात्रा केंद्र को इको टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जाएगा। वन विभाग ने इसके लिए टेंडर जारी कर दिया ह ...और पढ़ें

भारत यात्रा केंद्र में बनी इमारत। जागरण
आदित्य राज, गुरुग्राम। अरावली पहाड़ी की गोद में विकसित भारत यात्रा केंद्र को इको टूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है। सेंटर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने, इसे ध्यान में रखकर सभी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
सेंटर में आकर पर्यटक अरावली पहाड़ी के इतिहास से लेकर क्षेत्र में किस-किस प्रकार के वन्यजीव रह रहे हैं, कितनी प्रकार की पक्षियां हैं, पहले कितने प्रकार के वन्यजीव रह रहे थे, किस-किस प्रकार की वनस्पतियां हैं आदि के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे। उम्मीद की जा रही है कि इको टूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित करने के बाद भारत यात्रा केंद्र दिल्ली सहित पूरे एनसीआर का सबसे आकर्षक पर्यटन केंद्र होगा। प्रकृति से जुड़ाव वाले पर्यटक पूरी दुनिया से पहुंचेंगे।
देश के दिग्गज राजनीतिज्ञ रहे पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने जल संरक्षण को लेकर पूरे देश की यात्रा की थी। यात्रा के दाैरान उनका ठहराव गुरुग्राम-सोहना रोड के किनारे अरावली की गोद में बसे गांव भोंडसी में हुआ था। भोंडसी इलाके की अरावली पहाड़ी में शुरू से ही काफी घनी हरियाली रही है।
हरियाली से आकर्षित होकर चंद्रशेखर ने गांव भोंडसी में 1986-87 के दौरान भारत यात्रा केंद्र की स्थापना की थी। केंद्र के लिए लगभग साढ़े पांच सौ एकड़ जमीन पंचायत ने दी थी। बताया जाता है कि केंद्र में हजारों पौधे चंद्रशेखर ने अपने हाथों से भी लगाए। यही वजह है कि भोंडसी इलाके में सबसे घनी हरियाली है।
हरियाली के प्रति चंद्रशेखर इतने आकर्षित थे कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वह दिल्ली की बजाय भारत यात्रा केेंद्र में भी रहते थे। 15 साल पहले केंद्र की जिम्मेदारी वन विभाग काे सौंप दी गई। तभी से इसे इको टूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित करने की चर्चा चल रही है। अब जाकर योजना साकार होती दिख रही है। टेंडर जारी कर दिया गया है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही जमीनी स्तर पर काम शुरू हो जाएगा।
काफी सुविधाएं पहले से मौजूद
प्रधानमंत्रित्व काल में चंद्रशेखर के भारत यात्रा केंद्र में ही रहने की वजह से काफी सुविधाएं पहले से उपलब्ध हैं। उन सुविधाओं को बेहतर करने की आवश्यकता है। काफी इमारतें बनी हुई हैं। सभी इमारतों में कुल मिलाकर 50 कमरे हैं। झील एवं पार्क हैं। केंद्र के भीतर ही माता भूवनेश्वरी देवी का मंदिर एवं गोशाला है।
इमारतों को ठीक करने के साथ ही झील एवं पार्क को बेहतर किया जाएगा। 25 टेंट वाले कमरे बनाए जाएंगे। इस तरह कुल 75 कमरे केंद्र में उपलब्ध होंगे। झील में हमेशा पानी रहे इसके लिए शोधित पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बने, इसके लिए एक नालेज सेंटर बनाया जाएगा। एक साथ 50 से अधिक बच्चे सेंटर में अरावली के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे।
भारत यात्रा केंद्र की हरियाली देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। इको टूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित करने के बाद यह पूरी दुनिया के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। बहुत कुछ काम करने की आवश्यकता नहीं है। जो सुविधाएं उपलब्ध हैं, उन्हें केवल बेहतर किया जाना है। कुछ अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। पीपीपी मोड पर सेंटर विकसित किया जाएगा। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही जमीनी स्तर पर काम शुरू हो जाएगा।
-डाॅ. सुभाष यादव, वन संरक्षक
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