गुरुग्राम में ED की बड़ी कार्रवाई, रामप्रस्थ प्रमोटर्स की 80.03 करोड़ की संपत्ति कुर्क; खरीदारों को 1100 करोड़ फंसे
गुरुग्राम में, ईडी ने रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की 80.03 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम क ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नया गुरुग्राम। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के गुरुग्राम कार्यालय ने धन शोधन के एक बड़े मामले में मेसर्स रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (आरपीडीपीएल) और उससे जुड़ी संस्थाओं की करीब 80.03 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है।
यह कार्रवाई 17 दिसंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत की गई। कुर्क की गई संपत्तियों में वाटिका ग्रुप, यूनिटेक ग्रुप और अन्य संबंधित संस्थाओं की चल-अचल संपत्तियां शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि घर खरीदारों से एकत्र की गई राशि को परियोजनाओं में लगाने के बजाय अन्य कंपनियों और लेनदेन में भेज दिया गया।
ईडी ने यह जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), दिल्ली और हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। एफआईआर में आरोप है कि आरपीडीपीएल और उसके प्रमोटरों ने हजारों फ्लैट व प्लॉट खरीदारों को तय समय पर कब्जा नहीं देकर धोखा दिया। कई मामलों में 10 से 14 साल से अधिक का समय बीत चुका है।
जांच में पता चला कि आरपीडीपीएल ने वर्ष 2008 से 2011 के बीच गुरुग्राम के सेक्टर-37डी, 92, 93 और 95 में प्रोजेक्ट एज, स्काईज, राइज और रामप्रस्थ सिटी (प्लाटेड कालोनी) जैसी परियोजनाएं शुरू की थीं। इन परियोजनाओं में तीन-चार साल में कब्जा देने का वादा किया गया था। कंपनी ने करीब 2600 से अधिक घर खरीदारों से लगभग 1100 करोड़ रुपये एकत्र किए।
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि यह राशि परियोजनाओं को पूरा करने के बजाय कर्ज, एडवांस और जमीन सौदों के नाम पर समूह और गैर-समूह कंपनियों को ट्रांसफर कर दी गई। इस मामले में पहले ही ईडी ने आरपीडीपीएल के निदेशक और बहुसंख्यक शेयरधारक अरविंद वालिया और संदीप यादव को 21 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया था। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
इससे पहले ईडी द्वारा की गई तलाशी और जब्ती की कार्रवाई में करीब 786 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क/जब्त की जा चुकी हैं। ताजा 80.03 करोड़ रुपये की कुर्की के साथ इस मामले में कुल कुर्क संपत्तियों का मूल्य अब करीब 866 करोड़ रुपये हो गया है। ईडी के अनुसार मामले में आगे की जांच जारी है।

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