New Year में Cake खाने से पहले जान लें ये सच, इस तरह से बनी क्रीम बच्चों की आंतों और लिवर के लिए खतरनाक
नए साल पर गुरुग्राम में मिलावटी केक और मिठाइयों की बिक्री बढ़ गई है। मिलावटखोर छेना और क्रीम में केमिकल व एडिबल ऑयल का इस्तेमाल कर रहे हैं। विशेषज्ञों ...और पढ़ें

मिलावटी क्रीम बच्चों की आंतों और लिवर को नुकसान पहुंचाती है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। नए साल पर केक और मिठाइयों की बढ़ती मांग के बीच मिलावटखोर भी सक्रिय हो गए हैं। छेना, क्रीम और केक के नाम पर मिलावटी व केमिकल युक्त सामग्री बेची जा रही हैं। इन खाद्य सामग्रियों को खरीदने के पहले उसकी गुणवत्ता पर जरूर ध्यान दें।
घर पर बनी या प्रमाणित दुकानों की मिठाइयों को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। नववर्ष के मौके पर करीब 20 क्विंटल केक की खपत का अनुमान है। विशेषज्ञों के अनुसार, इनका लंबे समय तक सेवन करने से लिवर, आंतों और पाचन तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
बाजार में प्लम, चाकलेट, फ्रूट, एगलेस केक व पेस्ट्री की मांग सबसे अधिक है। इसके चलते आकर्षक रंग और पैकिंग में मिलावटी माल के सहारे केक तैयार कर बेचने का धंधा जोरों पर है। जानकारों के मुताबिक सारा खेल क्रीम की गुणवत्ता और रंगों को लेकर होता है।
सस्ते केक में दूध से बनी क्रीम की जगह एडिबल ऑयल से तैयार क्रीम का प्रयोग होता है। कई बार सीमा से अधिक रंगों का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होता है। इसके चलते यह क्रीम एडिबल होते हुए भी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता।
बाजार में बिकने वाले छेना में बड़े पैमाने पर सिंथेटिक दूध और रिफाइंड का इस्तेमाल हो रहा है। इससे तैयार छेना देखने में अधिक सफेद, चमकीला और आकर्षक होता है, जिस कारण ग्राहक आसानी से इसकी ओर आकर्षित हो जाते हैं। ऐसे में इसका सेवन ठीक नहीं माना जाता है। हालांकि केक में मिलावट का अंदेशा देख विभाग चौकन्ना है।
बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ेगा असर
डाॅक्टरों के मुताबिक, एडिबल ऑयल से केमिकल के सहारे तैयार फ्रेश क्रीम जैसा केक बच्चों के लिए कहीं अधिक नुकसानदेह हो सकता है। बच्चे किसी पार्टी में आमतौर पर बड़ों से अधिक केक खाते हैं। वह थोड़ी-थोड़ी देर पर कई बार खाते हैं। इससे अधिक मात्रा में रंगों वाले केमिकल और एडिबल आयल उनके शरीर में जाता है। इससे उनको अधिक नुकसान हो सकता है।
मिलावटी केक और छेना में इस्तेमाल होने वाले केमिकल, सिंथेटिक दूध और रिफाइंड पाचन तंत्र के लिए बेहद नुकसानदेह होते हैं। ऐसे पदार्थों का नियमित सेवन करने से गैस, एसिडिटी, पेट दर्द, फूड प्वॉइजनिंग और दस्त की समस्या आम हो जाती है। लंबे समय तक सेवन से फैटी लिवर और उसके फंक्शन में गड़बड़ी हो सकती है। कई मामलों में आंतों की कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है।
- डाॅ. काजल कुमुद, वरिष्ठ फिजीशियन, जिला नागरिक अस्पताल

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