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    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर हादसों को रोकने के लिए NHAI का अहम कदम, अंडरपास पर लगाएंगे मेटल क्रैश बैरियर

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 08:38 PM (IST)

    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर फिरोजपुर झिरका के पास हुए हादसे के बाद, एनएचएआइ ने सभी अंडरपास पर मेटल क्रैश बैरियर लगाने का फैसला किया है। यह गैल्वेनाइज् ...और पढ़ें

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    आदित्य राज, गुरुग्राम। पहाड़ी इलाकों की तरह ही गुरुग्राम से लेकर फिरोजपुर झिरका तक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के सभी अंडरपास के ऊपर मेटल क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने यह निर्णय फिरोजपुर झिरका इलाके में एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे को देखते हुए लिया है।

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    जल्द ही इसे लगाने का काम शुरू किया जाएगा। मेटल क्रैश बैरियर एक सड़क सुरक्षा प्रणाली है, जो गैल्वेनाइज्ड स्टील से बनी होती है। पहाड़ी क्षेत्रों में या जहां कहीं भी गहरी खाई होती है वहां मेटल क्रैश बैरियर लगाए जाते हैं। इसमें वाहन टकराकर पीछे हो जाते हैं। इससे हादसा होने की आशंका यानी वाहनों के खाई में गिरने की आशंका कम रहती है।

    नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका इलाके में गांव गुर्जर नंगला के नजदीक शुक्रवार सुबह एक तेज रफ्तार डंपर एक्सप्रेसवे की रेलिंग तोड़ते हुए ऊपर से अंडरपास में गिर गया था। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। एक्सप्रेसवे के सभी अंडरपास के ऊपर किनारे में सीमेंट की रेलिंग है। तेज रफ्तार डंपर की वजह से रेलिंग टूट गई। इस वजह से आसानी से डंपर नीचे गिर गया।

    इसे देखते हुए एनएचएआई ने जितने अंडरपास हैं, उसके ऊपर एक अतिरिक्त रेलिंग बनाने का निर्णय लिया है। अतिरिक्त रेलिंग मेटल क्रैश बैरियर के रूप में होगी। यह रेलिंग सीमेंट की रेलिंग से पहले होगी। इससे डबल रेलिंग हो जाएगी। मेटल क्रैश बैरियर में वाहन टकराने के बाद बैक हो जाते हैं। इससे काफी बचाव हो जाता है।

    बहुत तेज टक्कर होने के बाद ही बैरियर उखड़ता है। फिर वाहन आगे चले जाते हैं यानी हादसा हो जाता है। डबल रेलिंग से लाभ यह होगा कि यदि मेटल क्रैश बैरियर उखड़ जाता है तो आगे सीमेंट की रेलिंग से बचाव हो सकता है।

    फिरोजपुर झिरका तक लगभग 100 अंडरपास

    देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित कई शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर करने के उद्देश्य से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। यह सोहना के नजदीक गांव अलीपुर से शुरू है। गांव अलीपुर से लेकर फिराेजपुर झिरका तक लगभग 100 अंडरपास हैं। सभी अंडरपास के ऊपर मेटल क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे।

    इस भाग पर डंपर, ट्रक, ट्राले अधिक चलते हैं। पिछले दो साल के दौरान कई हादसे हो चुके हैं। शुक्रवार सुबह ऐसा हादसा हुआ जिसके बारे में किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। तेज रफ्तार डंपर एक्सप्रेसवे की रेलिंग को तोड़ते हुए मेडियन (बीच की पट्टी) पर चढ़ गया। फिर आगे अंडरपास की रेलिंग को तोड़ते हुए नीचे गिर गया।

    एक्सप्रेसवे से अक्सर निकलने वाले सेक्टर-40 निवासी रामनरेश वर्मा कहते हैं कि नूंह जिले के इलाके में एनएचएआइ को पेट्रोलिंग और बढ़ानी होगी। साथ ही पुलिस को भी सक्रियता दिखानी होगी।

    डंपर एवं ट्रक चालक इस तरह वाहन चलाते हैं जैसे एक्सप्रेसवे उनके लिए ही बना हो। रात के दौरान न केवल सभी लेन में चलते हैं बल्कि कई बार पीछे से आ रही कारों को साइड तक नहीं देते। बार-बार हार्न बजाने पर साइड से झटका देने का प्रयास करते हैं। इससे हर पल हादसा होने की आशंका रहती है।

    यह भी पढ़ें- गुरुग्राम में ब्रेकर पर उछलकर गिरी तेज रफ्तार बुलेट, इंजीनियर की दर्दनाक मौत

    नींद आने पर वाहन नहीं चलाने को लेकर चालकों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। चालक अलर्ट हो जाएं इसके लिए जगह-जगह एक्सप्रेसवे के ऊपर पीली पट्टियां बना दी गई हैं। इसके बाद भी शुक्रवार सुबह हुआ हादसा चिंता का विषय है। इसे देखते हुए अब जितने भी अंडरपास हैं, उसके ऊपर मेटल क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे। इससे काफी बचाव हाे जाएगा। चालकों से अपील है कि वे नींद में वाहन न चलाएं। शुक्रवार का हादसा यह दर्शाता है कि चालक नींद में था। कोहरा छाना शुरू हो गया है। इसे देखते हुए पेट्रोलिंग टीमों को और अधिक अलर्ट कर दिया गया है।


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    - पीके कौशिक, परियोजना निदेशक, एनएचएआई (सोहना)