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    आत्मनिर्भर भारत: दीवाली पर गाय के गोबर से बने दीयों से जगमगाएंगे घर, हर वर्ष बढ़ती जा रही बिक्री

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 10:09 PM (IST)

    दीवाली पर आत्मनिर्भर भारत की भावना को बढ़ावा देते हुए, गाय के गोबर से बने दीयों की मांग बढ़ रही है। पर्यावरण-अनुकूल होने के साथ-साथ, ये दीये स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दे रहे हैं। मिट्टी के दीयों के विकल्प के रूप में, गोबर के दीये पर्यावरण संरक्षण में मदद करते हैं। दीवाली पर इनकी विशेष मांग आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। दीवाली पर परंपराओं के साथ पर्यावरण संरक्षण की भी झलक देखने को मिल रही है। कार्टरपुरी स्थित कामधेनु गोशाला में गाय के गोबर से नए डिजाइन के दीये तैयार किए गए हैं। यह डिजाइनर और पर्यावरण-अनुकूल गाय के गोबर के दीयों से लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। इन्हें खरीदने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। 'आत्मनिर्भर भारत' मिशन के तहत इन स्वदेशी उत्पादों की मांग में भारी इजाफा हुआ है। इसके चलते दीवाली मिट्टी के दीयों के साथ गाय के गोबर से बने दीयों को भी लोग खूब पसंद कर रहे हैं।

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    गोशाला के कर्मचारियों ने बताया कि यहां रहने वाली गायों के गोबर से दीये तैयार किए गए हैं। दीवाली से पहले ही विभिन्न संस्थानों की ओर से काफी संख्या में बड़े ऑर्डर मिले हैं, जिन्हें एक लाख से अधिक दीये उपलब्ध कराए जा चुके हैं। गोशाला से रोजाना दीयों की बिक्री हो रही है। ग्राहकों के बीच भगवान गणेश, लक्ष्मी की मूर्तियों की भी मांग अभूतपूर्व है।

    उन्होंने बताया कि इसके औषधीय गुणों के अलावा पर्यावरण के अनुकूल होने के चलते गाय के गोबर से बने डिजाइनर दीये अब लोगों को पसंद आ रहे हैं। विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इन डिजाइनर दीयों और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां दिखाई गईं, तो उन्हें लोगों ने खूब सराहा। बड़ी संख्या में लोग गोशाला पहुंच रहे हैं।

    "कार्टरपुरी स्थित कामधेनु गोशाला में आर्थिक रूप से आत्म निर्भर होने की दिशा में अग्रसर हो रही है। गोशाला में रहने वाली गायों के गोबर का इस्तेमाल करके पर्यावरण के लिए सुरक्षित दीये और लक्ष्मी-गणेश की सुंदर मूर्तियां तैयार की गई हैं। यह डिजाइनर दीये लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। लोगों की डिमांड पर बड़ी संख्या में दीये तैयार किए गए हैं। अभी तक एक लाख से अधिक दीये बिक्री हो चुकी है।"

    -पूर्ण यादव लोहचब, वाइस चेयरमैन, हरियाणा गोसेवा आयोग

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