खाद्य पदार्थ बनाने व बेचने वालों को लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के साथ लेनी होगी फूड सेफ्टी ट्रेनिग
जागरण संवाददाता फतेहाबाद बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थ लोगों को शुद्ध मिलें और उसके
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थ लोगों को शुद्ध मिलें और उसके खाने किसी की सेहत भी न बिगड़े इसलिए ड्रग एवं फूड सेफ्टी विभाग छोटे से लेकर बड़े दुकानदार को ट्रेनिग देने जा रहा है। विभाग ने ट्रेनिग देने के लिए प्रदेश में 51 एनजीओ के साथ करार किया है। ये एनजीओ 40 के बेच में दुकानदारों को ट्रेनिग देंगे। ये ट्रेनिग तीन दिसंबर से ट्रेनिग शुरू हो रही है। जिला में खाद्य निर्माताओं और उन्हें बेचने वालों को ट्रेनिग देने के लिए वी आर द वर्ड प्रोफेशनल सर्विस के साथ करार किया गया है। तीन दिसंबर से ट्रेनिग शुरू हो रही है। इसमें लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन लेने वालों के अलावा उन्हें ट्रेनिग लेनी जरूरी होगी, जिन्होंने नहीं ले रखा है। विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो जिला में अभी तक 421 लाइसेंस तथा 2715 रजिस्ट्रेशन जारी हो चुके हैं।
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यह बताया जाएगा ट्रेनिग में
पहली बार शुरू की जा रही ट्रेनिग में ट्रेनर बताएंगे कि लाइसेंस लेना क्यों जरूरी है। इसके न लेने से क्या नुकसान हो सकते हैं और क्या कार्रवाई हो सकती है। खाद्य पदार्थ बनाते समय क्या सावधानियां बरतें और किस तरह के बर्तनों का प्रयोग करें। पैकिग करते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी है और स्टॉक कैसे करना है। फूड सेफ्टी के क्या मानक हैं।
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लाइसेंस जारी - 421
रजिस्ट्रेशन जारी - 2715
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जानिए किन्हें जरूरी है लाइसेंस लेना और रजिस्ट्रेशन करवाना :
जो भी खाद्य पदार्थ बनाने और उसे बेचने का काम कर रहा है उसे विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक रजिस्ट्रेशन करवाना और लाइसेंस लेना जरूरी है। विभाग के मुताबिक छोटे दुकानदार यानि की जिनका कारोबार 12 लाख रुपये तक का है उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। इसके अलावा अगर किसी टर्न ओवर 12 लाख रुपये से 5 करोड़ रुपये तक का है उसे लाइसेंस लेना जरूरी है। इसके अलावा एक क्विटल दूध बेचने वाले को रजिस्ट्रेशन तथा इससे ज्यादा बेचने वाले को लाइसेंस लेना जरूरी है।
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खाद्य पदार्थ को कैसे तैयार करें, कैसे सुरक्षित रखें और कैसे पैकिग करें इसको लेकर दुकानदारों और फैक्ट्री संचालक, रेहड़ी संचालकों, रेस्ट्रोरेंट संचालकों को ट्रेनिग दी जाएगी। इसमें हर छोटे व बड़े कारोबारी को शामिल किया जाएगा। इसका मकसद मिलावट को रोकना है। ट्रेनिग देने का काम एनजीओ को दिया गया है। 40 का बेच बनाकर ट्रेनिग दी जाएगी।
- सुरेंद्र पूनिया
एफएसओ, फतेहाबाद