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    अदालत ने कल्पना चावला सिटी पार्क को बताया प्रशासन की जमीन, अदालत ने की याचिका खारिज

    By Jagran NewsEdited By: Versha Singh
    Updated: Thu, 20 Oct 2022 02:05 PM (IST)

    ल्पना चावला सिटी पार्क में कब्जे को लेकर चहारदीवारी कराने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करने की मांग को लेकर दायर की याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। देहशामलात जमीन होने के कारण मालिक नगर निगम को बनाया है।

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    अदालत ने कल्पना चावला सिटी पार्क को बताया प्रशासन की जमीन

    जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़: कल्पना चावला सिटी पार्क में कब्जे को लेकर चहारदीवारी कराने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करने की मांग को लेकर दायर की याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। देहशामलात जमीन होने के कारण मालिक नगर निगम को बनाया है।

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    कल्पना चावला सिटी पार्क में बिहारीलाल वगैरा ने देहशामलात जमीन होने के कारण अपनी काश्त दिखाई हुई है। इस जमीन को लेकर उन्होंने 1984 में अदालत में नगर निगम के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया था। यह विवाद सुप्रीम कोर्ट तक गया। सुप्रीम कोर्ट ने जमीन का मालिक बिहारी लाल वगैरा को बना दिया।

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    अदालत ने 2014 में जमीन का कब्जा दे दिया। कब्जेदारों ने अपनी जमीन पर चाहरदीवारी करने के लिए अदालत से ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाने की मांग की थी। सिविल जज हरीश गाेयल की अदालत ने याचिकाकर्ताओं की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा है कि 2014 में जमीन का कब्जा दिया जा चुका है। ये जमीन देहशामलात है और इसकी मालिक नगर निगम होगी।

    हमने अदालत से कल्पना चावला सिटी पार्क में अपनी जमीन की चाहरदीवारी कराने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। अदालत ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि 2014 में जमीन का कब्जा दिया जा चुका है। चाहरदीवारी कराना अदालत का काम नहीं है। वे इस फैसले के खिलाफ जिला सत्र न्यायाधीश और पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट जाएंगे।

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    त्रिलोक चंद, एसडीएम बल्लभगढ़ ने बताया, अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि ये जमीन देहशामलात है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार देहशामलात जमीन की मालिक नगर निगम होगी। अब कल्पना चावला सिटी पार्क पर किसी का भी किसी तरह का कोई हक नहीं है।

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