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    किसानों की होगी बल्ले-बल्ले, 18 गांवों की जमीन खरीदेगी सरकार; 9 हजार एकड़ जमीन पर बसेगा औद्योगिक शहर

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 11:47 AM (IST)

    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पास ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे सरकार फरीदाबाद और पलवल के नौ गांवों की नौ हजार एकड़ जमीन पर औद्योगिक शहर बसाने की तैयारी कर रही है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ग्रेटर फरीदाबाद के 18 गांवों में साढ़े चार हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगा। आगे विस्तार से पढ़िए।

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    ग्रेटर फरीदाबाद के 18 गांव की साढ़े चार हजार एकड़ जमीन ली जाएगी।

    प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक बन रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे किनारे औद्योगिक शहर बसाने की सरकार तैयारी कर रही है। इसके लिए फरीदाबाद और पलवल के नौ गांव की नौ हजार एकड़ जमीन ली जाएगी। यह औद्योगिक शहर एचएसआइआइडीसी बसाएगा। इतना ही नहीं हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण भी अपने सेक्टरों का दायरा बढ़ाने जा रहा है।

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    इसके लिए ग्रेटर फरीदाबाद के 18 गांव की साढ़े चार हजार एकड़ जमीन ली जाएगी। अब जमीन अधिग्रहण करने की बजाए सरकार जमीन खरीदती है। इसलिए किसानों को सरकार के ebhoomi.jamabandi.com.nic.in पर आवेदन करना होगा। आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 है। आवेदन करने वालों की ही जमीन सरकार खरीदेगी।

    सरकार के इस कदम से एक्सप्रेसवे किनारे और नए सेक्टरों में जमीन के दामों में जबरदस्त उछाल आने की संभावना है। साथ ही इस क्षेत्र में बिल्डर लाबी भी पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगी ताकि वह भी टाउनशिप बसा सकें। 

    एक्सप्रेसवे किनारे चिन्हित गांव

    फरीदाबाद के छांयसा और मोहना गांव हैं। जबकि पलवल के मोहियापुर, बागपुर कलां, बागपुर खुर्द, बहरौला, हंसापुर, सोलड़ा, थंथरी हैं। इन सभी गांव की नौ हजार एकड़ जमीन ली जानी प्रस्तावित है। 

    नए सेक्टरों के लिए चिन्हित गांव

    हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा नए सेक्टरों के लिए खेड़ी कलां, नचौली, ताजुपुर, ढहकौला, शाहबाद, बदरपुर सैद, साहुपुरा, सोतई, सुनपेड़, मलेरना, जाजरू, भैंसरावली, फत्तुपुरा, भुआपुर, जसाना, फरीदपुर, सदपुरा और तिगांव हैं। इन गांव में सेक्टर-94ए, 96, 96ए, 99, 100, 101, 102, 103, 140, 141, 142 विकसित किए जाएंगे। 

    आर जोन के बाद आ जाएगा बूम

    रिहायशी जोन का दायरा बढ़ने और अब सर्कल रेट के बढ़ जाने के बाद गांव में जमीन के दाम आसमान छूने लग जाएंगे। जमीन की खरीद-फरोख्त में छोटे से लेकर बड़े बिल्डर किसानों के घर दस्तक देंगे। करीब 20 साल पहले नहरपार 19 गांवों में आर जोन की घोषणा के बाद भी जमीन के रेट में ऐसा ही उछाल आया था। यहां रातोंरात किसान करोड़पति बन गए थे।

    यह भी पढ़ें- जमीन के सर्कल रेट पर क्यों छिड़ा विवाद? छह गांवों की हुई पंचायत, इस मांग पर अड़े हैं ग्रामीण

    वहीं, 2005 में निजी बिल्डरों ने सेक्टर डेवलप करने के लिए चार हजार से अधिक एकड़ जमीन की खरीद-फरोख्त की। किसानों को उस समय मनमाफिक दाम दिए गए। इस कारण प्रति एकड़ की कीमत दो से तीन करोड़ तक पहुंच गई थी। बता दें 2031 का डेवलपमेंट प्लान जिले की 42 लाख जनसंख्या को आधार मानकर तैयार किया गया है।