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    जमीन के सर्कल रेट पर क्यों छिड़ा विवाद? छह गांवों की हुई पंचायत, इस मांग पर अड़े हैं ग्रामीण

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 03:17 PM (IST)

    फरीदाबाद में सर्कल रेट बढ़ने के विरोध में मोहना के छह गांवों के लोगों ने पंचायत की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उनकी आपत्तियों पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा तय किया गया सर्कल रेट बहुत अधिक है और वे इसे मानने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे प्रदर्शन करेंगे।

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    छह गांव के ग्रामीणों ने पंचायत का आयोजन किया।

    सुभाष डागर, फरीदाबाद। फरीदाबाद में प्रशासन द्वारा पहली अगस्त से जिले में लागू किए गए भूमि के सर्कल रेटों को लेकर मोहना में छह गांव के ग्रामीणों ने पंचायत का आयोजन किया। पंचायत की अध्यक्षता किसान नेता पन्हैड़ा खुर्द के रहने वाले डीके शर्मा ने की।

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    उन्होंने पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि भूमि के सर्कल रेट को आपत्ति दर्ज करने के लिए एक महीने का समय दिया जाता है। प्रशासन ने सिर्फ एक दिन का समय दिया। वह 31 जुलाई जो सरकारी छुट्टी थी।

    ग्रामीणाें ने अपने गांव की भूमि की जो रजिस्ट्री 4.80 करोड़ रुपये की गई उतना ही सर्कल रेट लागू करने के लिए कहा था। ग्रामीणों की शिकायतों पर प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की।

    मोहना गांव में हुई पंचायत में मोहना, हीरापुर, अटेरना, जल्हाका, छांयसा, पन्हैड़ा खुर्द शामिल थे। पंचायत में किशन सिंह सरपंच, सतवीर मैनेजर, ईश्वर नंबरदार ने कहा कि प्रशासन ने उनकी भूमि का एक करोड़ रुपये प्रति एकड़ सर्कल रेट तय किया। यह रेट चंडीगढ़ में बैठे अधिकारियों ने तय किया है। इस तरह से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। अमीर लोग उनकी भूमि को सस्ते में खरीद कर ज्यादा कीमत में बेच रहे हैं।

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    वहीं, ग्रामीण बढ़े हुए सर्कल रेट को मानने के लिए तैयार नहीं है। प्रशासन को इस बारे में एक फिर से विचार करना चाहिए। ग्रामीण बाबू फौजी, खेमचंद, ज्ञान बाबू, लक्ष्मण हीरापुर, खजान जलहाका, एहसान अली अटेरना ने कहा कि सरकार मानती है कि सर्कल रेट एक करोड़ रुपये ठीक है तो इन गांवों में जो पंचायत की भूमि है, उसे किसान सर्कल रेट से चार से पांच लाख रुपये अधिक देकर खरीदने को तैयार हैं। पंचायती भूमि को सरकार किसानों को बेच दे।

    रामशरण, लखनपाल, खेमचंद, वेद प्रकाश ने कहा कि इन गांवों के ग्रामीण अगले सप्ताह नए सर्कल रेट बढ़ाने की मांग को लेकर नायब तहसीलदार को ज्ञापन देंगे। यदि सरकार और प्रशासन ने ग्रामीणों की मांग पर विचार नहीं किया तो फिर वह प्रदर्शन करेंगे।