10वीं पास ठग ने खोला फर्जी कॉल सेंटर, फिर फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वालों को भर्ती कर शुरू किया ठगी का धंधा
फ़रीदाबाद पुलिस ने इंदौर में एक फ़र्ज़ी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। कॉल सेंटर चला रहे अरुण भोसले और उसके सात साथियों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग फ़ोन करके लोगों को करेंसी ट्रेडिंग में निवेश करने का लालच देते थे और फिर उनसे ठगी करते थे। पुलिस ने आरोपियों से मोबाइल फ़ोन और लैपटॉप बरामद किए हैं।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। इंदौर के राम नगर में रहने वाले अरुण भोसले ने केवल दसवीं तक पढ़ाई की। जिसकी वजह से उसको नौकरी हासिल करने में भी दिक्कत आने लगी। हर जगह ग्रेजुएशन की डिग्री मांगी जाती। ऐसे में अरुण ने किराये की बिल्डिंग में खुद का ही फर्जी काॅल सेंटर तैयार किया। इस काॅल सेंटर में ठगी का खेल खेलने के लिए अंग्रेजी में दक्ष ग्रेजुएट युवाओं की भर्ती की। सेंट्रल थाना पुलिस ठगी के एक केस की जांच करने के लिए इंदौर के जंजीर चौक के पास पहुंची तो फर्जी काॅल सेंटर में काम करने वाली ठगों की यह मंडली पकड़ी गई। मामले में मालिक सहित आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया गया।
फर्जी काॅल सेंटर पकड़ा गया
सेंट्रल थाना पुलिस में टिकावली गांव के रहने वाले गौरव ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके पास एक फरवरी को काॅल आया। काॅल करने वाले व्यक्ति ने करेंसी में ट्रेडिंग के बारे में पूछा। आरोपित ने कहा कि वह करेंसी में ट्रेडिंग करके मोटा मुनाफा कमा सकते हैं।
इसके बाद ठग ने शिकायतकर्ता के पास कुछ ट्रेड का डाटा शेयर किया। जिस पर पीड़ित ने ठगों के बताए अनुसार अपना खाता खोल दिया। इसके बाद उसमें 1.10 लाख रुपये निवेश कर दिया। कुछ समय बाद जब उन्होंने अपना खाता खोलकर देखा तो उसमें कोई पूंजी नहीं दिखाई गई। जिससे शिकायतकर्ता को ठगी का अहसास हुआ।
पुलिस ने मामले की शिकायत दर्ज करके जांच शुरू कर दी। पुलिस आरोपित के काॅल को ट्रेस करते हुए इंदौर पहुंच गई। जहां पर जंजीर चौक के पास यह फर्जी काॅल सेंटर पकड़ा गया।
यह भी पढ़ें- Faridabad News: आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज में लापरवाही बरती तो होगी कार्रवाई, CMO के सख्त निर्देश
आरोपितों में यह शामिल
आरोपितों में इंदौर राम नगर का रहने वाला अरूण भौसले, संयाेगिता गंज का रहने वाला आयुष, अरिहंत नगर के रहने वाले नेमिश और पवन राठौर, गांधीनगर का विक्की राठौर, मयूरनगर का रहने वाला कार्तिक भौसले, बाबूलाल नगर का अभिषेक मीणा और ऋषि नगर का रहने वाला विनय जोशी शामिल है।
पूछताछ में अरुण भौसले ने बताया कि उसके सभी कर्मचारी इंटरनेट मीडिया के अलग-अलग प्लेटफाॅर्म पर जाकर लोगों की कुंडली खंगालते थे। उसके बाद उनसे अलग-अलग तरह का लालच देकर ठगी करते थे। आरोपितों में शामिल विनय जोशी वेबसाइट और लिंक डेवलप करने का काम करता था।
15 से 20 हजार रुपये की करते थे ठगी
पुलिस के अनुसार अभी तक आरोपितों से 20 से अधिक ठगी के मामलों को अंजाम दिया था। लेकिन यह सभी ठगी केवल 15 से 20 हजार रुपये तक थी। इसलिए पीड़ित पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने से बचते थे। अब एक लाख रुपये की ठगी होने पर शिकायतकर्ता पुलिस के पास पहुंच गया। इससे ठगों का यह नेटवर्क पकड़ा गया। आरोपितों के पास से सात मोबाइल फोन और एक लेपटाप बरामद किया गया है। पुलिस ने आरोपितों को कोर्ट में पेश करके चार दिन की रिमांड पर लिया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।