Faridabad News: आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज में लापरवाही बरती तो होगी कार्रवाई, CMO के सख्त निर्देश
फरीदाबाद के बादशाह खान अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारकों को अब 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं मिलेंगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने निरीक्षण के दौरान सुधार के आदेश दिए और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री के आदेशानुसार आयुष्मान कार्ड धारकों को बेहतर इलाज सुनिश्चित करने और आयुष्मान मित्र की जवाबदेही तय करने पर जोर दिया गया है ताकि किसी भी मरीज को इलाज के बिना वापस न लौटना पड़े।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारकों को 24 घंटे बेहतर सेवाएं मिलेंगी। ओपीडी की तरह आपातकालीन विभाग में भी उपचार सुनिश्चित किया गया है। ऐसे में यदि कोई भी चिकित्सक, नर्सिंग अधिकारी या कोई भी कर्मचारी लापरवाही बरतता पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयंत आहूजा ने उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमपी सिंह, डॉ. राजेश श्योकंद, फार्मेसी अधिकारी वीरेंद्र सांगवान व सुनील बत्रा के साथ बारिश के बीच स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले आपातकालीन विभाग का निरीक्षण किया और सुधार के आदेश दिए। स्ट्रेचर पर गंदगी मिलने पर सीएमओ ने नाराजगी जताई।
इसके बाद स्ट्रेचर की सफाई कराई। अंदर पहुंचकर उन्होंने चिकित्सकों व नर्सिंग अधिकारियों से कार्य प्रणाली में सुधार लाने को कहा। निरीक्षण के बाद उन्होंने चिकित्सकों के साथ बैठक भी की। सीएमओ ने कहा कि ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि आयुष्मान कार्ड धारकों को उचित उपचार नहीं मिल रहा है।
इस मामले में सुधार की जरूरत है। सीएमओ ने कहा कि 24 घंटे में यदि कुत्ते या सांप के काटने का कोई मामला आता है तो उपचार की पूरी व्यवस्था है। इस संबंध में सभी डॉक्टरों को भी आदेश दिए गए हैं।
बता दें कि दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री नायब तहसीलदार
सिंह ने सभी जिला सिविल अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के आदेश दिए थे। साफ-सफाई पर ध्यान देने के साथ-साथ हर मरीज को संतोषजनक सेवाएं देने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि आयुष्मान कार्ड धारकों को न केवल ओपीडी में, बल्कि आपातकालीन विभाग में भी इलाज मिले।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमपी सिंह ने बताया कि आयुष्मान मित्र की जवाबदेही भी तय की जाएगी। अगर कोई आयुष्मान कार्ड धारक इलाज के अभाव में अस्पताल से निराश होकर लौटता है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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