आर्यन मिश्रा हत्याकांड: पुलिस ने मॉब लिंचिंग की धारा के तहत चार्जशीट दायर, अब आरोपियों को हो सकती है फांसी
आर्यन मिश्रा हत्याकांड में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अदालत में चार्जशीट पेश की। पहले बीएनएस की हत्या की धारा 103 (1) में मामला दर्ज किया गया था लेकिन अब पुलिस ने इन पांचों आरोपितों के खिलाफ मॉब लिंचिंग के तहत बीएनएस की धारा 103 (2) में चार्जशीट पेश की है। इस धारा के तहत सात साल की कैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। 23 अगस्त 2024 की आधी रात को हाईवे पर छात्र आर्यन मिश्रा की गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने अदालत में चार्जशीट पेश कर दी है। पहले बीएनएस की हत्या की धारा 103 (1) में मामला दर्ज किया था। अब पुलिस ने इन पांचों आरोपितों के खिलाफ मॉब लिचिंग के तहत बीएनएस की धारा 103 (2) में चार्जशीट पेश की है।
इस धारा के तहत सात साल की कैद से लेकर फांसी तक की हो सकती है। बता दें मॉब लिंचिंग के अपराध को लेकर पहले के कानून में कोई प्रावधान नहीं था। अब नए कानूनों में पहली बार मॉब लिंचिंग को परिभाषित किया गया। इसके तहत बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के पांच या इससे अधिक लोगों द्वारा किसी की हत्या कर दी जाए तो इसे मॉब लिंचिंग माना जाएगा।
अनिल कौशिक की संस्था का नाम लिव फोर नेशन
पैनल अधिवक्ता रविंद्र गुप्ता ने बताया कि चार्जशीट लगभग 600 पेज की है। इसमें पुलिस ने कुल 30 गवाह बनाए हैं। बता दें कार सवार आरोपितों की दो गोली पांच नंबर में श्वेता गुलाटी के मकान में किराये पर रहने वाले छात्र आर्यन मिश्रा को लग गई थी। इससे इसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में पर्वतीय कालोनी निवासी अनिल कौशिक, वरुण, सेक्टर-23 निवासी आदेश, खेड़ी निवासी कृष्ण व सौरभ को गिरफ्तार कर लिया था। ये कथित गौ-रक्षक हैं और अनिल कौशिक की संस्था का नाम लिव फोर नेशन है।
आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई। पुलिस ने पूछताछ के बाद मुख्य आरोपित अनिल कौशिक के घर से अवैध पिस्टल, वरुण के घर से टायगन बरामद की। आरोपित आदेश के नाम पर रजिस्टर्ड स्विफ्ट कार भी पुलिस ने जब्त की। आरोपितों ने वारदात में इसी स्विफ्ट कार का प्रयोग किया था। पांचों आरोपितों को पुलिस टीम ने 31 अगस्त की शाम को अदालत के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया था।
आर्यन के पिता सियानंद मिश्रा ने खड़े किए सवाल
आरोपितों ने पुलिस को बताया था कि वह गोरक्षक हैं और गोतस्करी की सूचना पर उन्होंने आर्यन वाली कार का वर्धमान माल के पास से पीछा किया था। आर्यन वाली कार के चालक ने कार तेज गति से भगा दी थी, इसलिए उनका शक और पक्का हो गया। रास्ते में गोली चलाई, जिससे आर्यन की मौत हो गई। आर्यन मिश्रा के पिता सियानंद मिश्रा ने इस मामले में सवाल खड़े किए थे। बताया था कि उनके बेटे की हत्या में अन्य अपराधियों का भी हाथ है। उसकी हत्या योजना बनाकर करवाई गई है। सीबीआइ से जांच कराने की भी मांग उठी थी।
सप्लिमेंट्री चार्जशीट भी हो सकती है दाखिल
मामले में पुलिस आगे सप्लिमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल कर सकती है। कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में पुलिस की ओर से स्पष्ट किया गया है कि इस मामले में शुरू में पीयूष भाटिया, विक्कू उर्फ योगेश राजपूत के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया गया था। जांच में उनकी भूमिका सामने न आकर अन्य पांच आरोपित पकड़े गए। आरोपित पवन नाम के एक युवक से अवैध हथियार खरीदकर लाए थे। उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
सरकारी गवाह के तौर पर कई लोगों के नाम शामिल
भविष्य में जांच के दौरान या मुख्य शिकायतकर्ता के द्वारा कोई अन्य सबूत पेश किया जाता है तो उसकी जांच के बाद भी धाराएं जोड़ी जाएंगी। चार्जशीट में पुलिस की ओर से मुख्य गवाह के तौर पर मृतक छात्र आर्यन के पिता, अजय और पंकज को शामिल किया गया है। सरकारी गवाह के तौर पर वारदात के समय आर्यन के साथ कार में मौजूद रहे सागर गुलाटी, हर्षित गुलाटी और कीर्ति शर्मा को शामिल किया गया है।
अन्य गवाह में डॉक्टर, बैलेस्टिक, टोलकर्मी समेत पुलिसकर्मी शामिल हैं। पांच अलग-अलग जगह की सीसीटीवी फुटेज भी चार्जशीट में बतौर सबूत शामिल की गई है। इन फुटेज में एक उस जगह की फुटेज शामिल है जहां से आर्यन वाली कार का पीछा करना आरोपितों ने शुरू किया। एक फुटेज हाईवे के टोल की है। जबकि तीन सीसीटीवी फुटेज अन्य जगह की शामिल हैं।
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