राज्यसभा सदस्य का डीपफेक वीडियो दिखा ठगे 8 लाख, क्या है DeepFake और इससे खुद को बचाने के उपाय?
राज्यसभा सदस्य के डीपफेक वीडियो के जरिए 8 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। डीपफेक वीडियो देखकर व्यक्ति भ्रमित हो गया। उसे लगा कि शेयर बाजार में निवेश करके अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। पीड़ित ने मना किया तो आरोपी ने उससे संपर्क करना बंद कर दिया। आरोपी ने फर्जी डीमैट अकाउंट खुलवाकर पैसे निवेश करवा लिए। जानिए क्या है डीपफेक और इससे कैसे बचें।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। सोशल मीडिया पर राज्यसभा सदस्य का डीपफेक वीडियो दिखाकर आठ लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपित ने फर्जी डीमैट खाता खुलवाकर रकम निवेश करवा ली। जब उसने रकम वापस करने का प्रयास किया तो चार हजार डॉलर मांगने लगा। मना करने पर उसने संपर्क करना बंद कर दिया।
इस तरीके से पीड़ित को किया भ्रमित
सेक्टर-30 क्षेत्र की इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में रहने वाले सुमित शेखर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसने सोशल मीडिया पर राज्यसभा सदस्य व इंफोसिस के सह संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति का डीपफेक वीडियो देखा था। जिसमें शेयर बाजार में ट्रेडिंग की बात कही गई थी। वीडियो देखकर वह भ्रमित हो गया। उसे लगा कि शेयर बाजार में निवेश कर अच्छा पैसा कमाया जा सकता है।
इसके बाद लिंक पर क्लिक करते ही ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के प्रतिनिधि ने उनसे संपर्क किया। उसने खुद को यूके के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का वित्तीय विशेषज्ञ बताया और रजिस्ट्रेशन व शुरुआती निवेश के तौर पर 200 डॉलर निवेश करने को कहा।
निवेश पर बेहतर मुनाफे का लालच
आरोपियों ने उन्हें टेस्ला व अन्य नामी कंपनियों में निवेश पर बेहतर मुनाफे का लालच दिया। इस तरह वे उनसे बार-बार निवेश कराते रहे। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जालसाजों ने स्क्रीन शेयरिंग टूल के जरिए उनके खाते में बदलाव किए और बड़ी रकम निवेश करने को कहने लगे। ताकि मुनाफा बढ़ाया जा सके। लेकिन जब पीड़ित ने रिफंड मांगा तो आरोपियों ने कहा कि उनका निवेश ब्लॉक कर दिया गया है।
इसे अनलॉक करने के नाम पर उन्होंने चार हजार यूएस डॉलर जमा कराने को कहा। पीड़ित ने मना किया तो आरोपियों ने उनसे संपर्क करना बंद कर दिया और जो डीमैट खाता खोला था, उसमें बैलेंस नेगेटिव दिखाने लगा। उनसे कुल आठ लाख रुपये की ठगी की गई। यह रकम कुल नौ ट्रांजेक्शन में ट्रांसफर की गई। अब साइबर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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क्या है डीपफेक और इससे बचाव के तरीके?
डीपफेक तकनीक की मदद से किसी सेलिब्रिटी के चेहरे को किसी दूसरे के फोटो या वीडियो के चेहरे से बदल दिया जाता है। यह बिल्कुल असली वीडियो या इमेज जैसा ही दिखता है। इससे बनाए गए वीडियो और इमेज पर लोग आसानी से भरोसा कर लेते हैं।
साइबर पुलिस का कहना है कि ऐसे वीडियो पर आसानी से भरोसा न करें। भूल से भी वीडियो पर भरोसा करके निवेश का जोखिम न लें। पहले पूरे मामले की सत्यता की जांच करें। अगर कोई संदेह हो तो साइबर थाना पुलिस को 1930 पर कॉल किया जा सकता है।
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