Delhi Crime: 80 लाख लूटकर भाग गया था शातिर, पुलिस ने इस तकनीक से 24 घंटे में दबोचे आरोपी
गिरफ्तार बदमाशों की पहचान दरिया गंज निवासी मोहम्मद अली और समीर के रूप में हुई है। मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद अली को वर्ष 2023 में 10 लाख रुपये की नकदी लूटने के मामले में भी गिरफ्तार किया गया था। वह कूचा महाजनी में काम करता था उसे पैसों की आवाजाही की जानकारी थी। दोनों बदमाशों ने वारदात से पहले कूचा घासी राम में रेकी भी की थी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। चांदनी चौक के हवेली हैदर कुली में कारोबारी के कर्मचारी से 80 लाख रुपये लूटने वाले दो बदमाशों को उत्तरी जिले की संयुक्त टीमों ने एफआरएस तकनीक की मदद से 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया है। बदमाशों के कब्जे से 79.50 लाख रुपये और वारदात में इस्तेमाल एक पिस्तौल, तीन कारतूस और एक स्कूटी बरामद की गई है।
बदमाशों की पहचान की गई
गिरफ्तार बदमाशों की पहचान दरिया गंज निवासी मोहम्मद अली और समीर के रूप में हुई है। मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद अली को वर्ष 2023 में 10 लाख रुपये की नकदी लूटने के मामले में भी गिरफ्तार किया गया था। वह कूचा महाजनी में काम करता था, उसे पैसों की आवाजाही की जानकारी थी। दोनों बदमाशों ने वारदात से पहले कूचा घासी राम में रेकी भी की थी और उन्हें जानकारी थी कि बैग में नकदी है।
पैसों से भरा बैग छीनने की कोशिश
डिप्टी कमिश्नर राजा बांठिया के अनुसार 17 मार्च को गुजरात के पाटन निवासी और दिल्ली में आरके इंटरप्राइजेज के कर्मचारी अजमल भाई गणेश को शाम करीब छह बजे कूचा घासी राम में 80 लाख रुपये का पेमेंट मिला था। पैसे बैग में रखने के बाद वह हैदर कुली फतेहपुरी स्थित अपने आवास की ओर बढ़े तो हवेली हैदर कुली के पास एक संदिग्ध ने बंदूक की नोक पर उन्हें रोका और पैसों से भरा बैग छीनने की कोशिश की।
सीसीटीवी फुटेज में खुलासा
सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर पता चला कि आरोपी ने कूचा घासी राम से पीड़ित का पीछा करना शुरू किया था और हैदर कुली के बाहर खड़े एक अन्य व्यक्ति के निर्देश पर काम कर रहा था। बैग छीनने के बाद आरोपी मुख्य चांदनी चौक रोड की तरफ भाग गया। एक टीम ने हमलावर का पीछा करना शुरू किया जो फतेहपुरी मस्जिद की तरफ भाग गया, जबकि दूसरी टीम ने दूसरे व्यक्ति का पीछा किया, जो स्कूटी पर लाल किला की तरफ भागते हुए कैमरे में कैद हो गया।
500 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद आरोपी को जामा मस्जिद दरीबा की तरफ से आते और बाद में उसी रास्ते से स्कूटी पर भागते देखा गया। जबकि दूसरा आरोपी फतेहपुरी मस्जिद के पास एक ऑटो में सवार होता देखा गया, जो फिर लाहौरी गेट की तरफ मुड़ गया।
सीसीटीवी फुटेज से ऑटो का रजिस्ट्रेशन नंबर पहचानने के बाद ऑटो चालक से पूछताछ की गई। उसने बताया कि शाम को एक व्यक्ति उसके ऑटो में बैठा था, लेकिन 10-20 मीटर की दूरी पर उतर गया और भाग गया।
एफआरएस तकनीक का उपयोग करके आरोपी की पहचान की गई
पुलिस टीम ने फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) का उपयोग करके आरोपी के चेहरे का विश्लेषण किया, जिसमें सिस्टम ने उसके चेहरे को पहले से गिरफ्तार व्यक्ति, दरियागंज के कुचा चालन निवासी मोहम्मद अली के चेहरे से मिलाया। टीम ने तुरंत दरियागंज में जाल बिछाया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उसने अपने सह-आरोपी की पहचान दरियागंज निवासी समीर के रूप में की।
इसके बाद समीर को भी पकड़ लिया गया। दोनों से पूछताछ के आधार पर समीर के घर से लूटी गई रकम में से 79.50 लाख रुपये बरामद किए गए, साथ ही अपराध में इस्तेमाल की गई पिस्तौल और तीन कारतूस भी बरामद किए गए।
कर्ज चुकाने के लिए बनाई डकैती की योजना
पूछताछ के दौरान पता चला कि मोहम्मद अली कूचा महाजनी में काम करता है और उसे कूचा घासी राम में पैसों के आने-जाने की जानकारी थी। उस पर काफी कर्ज था, जिसे चुकाने के लिए उसने डकैती की योजना बनाई। समीर ने उससे संपर्क किया और घटना से दो दिन पहले कूचा घासी राम और आसपास के कूचों और गलियों की रेकी की।
मोहम्मद अली ने बताया कि उसने कूचा घासी राम में एक व्यक्ति को पहचाना जो खाली हाथ अंदर गया और बाद में एक बैग लेकर बाहर आया। मोहम्मद अली ने पीड़ित का पीछा किया और समीर को लक्ष्य के बारे में बताया। इसके बाद समीर ने पीड़ित का पीछा किया और हैदर कुली में घुसकर योजना के अनुसार डकैती को अंजाम दिया।
वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी दरिया गंज में मिले और बाद में लूटी गई रकम को आपस में बांटने का फैसला किया। उन्हें लगा कि बैग में दस से बीस लाख रुपये नकद होंगे, लेकिन जब उन्होंने बैग में 80 लाख रुपये देखे तो वे खुशी से झूम उठे।
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