अटल-ई-लाइब्रेरी में न कंप्यूटर पहुंचे न किताब, फिर भी सुशासन दिवस पर गांवों में खाली भवनों का कर दिया उद्घाटन
हरियाणा के फरीदाबाद में अटल-ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन सुशासन दिवस पर किया गया, भले ही गांवों में अभी तक कंप्यूटर और किताबें नहीं पहुंची हैं। खाली भवनों क ...और पढ़ें

बुखारपुर गांव में स्थापित अटल ई-लाइब्रेरी में ग्रामीण युवा किताबें पढ़ते हुए। सौ.ग्रामीण
सुभाष डागर, बल्लभगढ़। सुशासन दिवस पर जिले के तीन खंडों के पांच गांव में आधी-अधूरी तैयारी के साथ अटल-ई-लाइब्रेरियों का उद्घाटन कर दिया गया। अभी तक इन लाइब्रेरियों में सुविधा के नाम पर सिर्फ फर्नीचर लगाया गया है। यहां पर न तो कंप्यूटर पहुंचे हैं और न ही किसी भी तरह की किताब उपलब्ध हैं। हालांकि, इनके जल्दी पहुंचने का दावा किया जा रहा है।
इस उद्देश्य के साथ शुरू की गई ई-लाइब्रेरी
बेरोजगारी बहुत ज्यादा बढ़ रही है और रोजगार के साधन बहुत सीमित हो गए हैं। अब किसी भी नौकरी पाने के लिए युवा पहले से पढ़ाई करके परीक्षाओं की पूरी तरह से तैयारी करते हैं। इन तैयारियों के लिए हजारों युवा अपने घरों से चलकर शहर में बनाई गई निजी लाइब्रेरियों में आते-जाते हैं। इससे ग्रामीण युवाओं का आने-जाने में काफी समय बर्बाद होता और किराये व लाइब्रेरी की फीस के रूप में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
मांगर गांव में अटल-ई-लाइब्रेरी बनवाई
पंचायत विभाग ने युवाओं की इस समस्या को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र में अटल-ई-लाइब्रेरी बनाने का फैसला किया। इन लाइब्रेरियों को बनाने की जिम्मेदारी पंचायत विभाग के कार्यकारी अभियंता को दी गई। पंचायत विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रवीण गोठवाल व उनके अधिकारियों ने बल्लभगढ़ खंड के अटेरना, अटाली, नरियाला गांव, तिगांव खंड के बुखारपुर तथा फरीदाबाद खंड के मांगर गांव में अटल-ई-लाइब्रेरी बनवाई हैं।
सरकार के आदेश पर किया गया उद्घाटन
सरकार के आदेश थे कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में सुशासन दिवस पर प्रशासन इनका शुभारंभ कराके ग्रामीण जनता को समर्पित कर दें। उद्घाटन करने की जिम्मेदारी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों को सौंपी गई। तिगांव खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी आरती राव ने बुखारपुर गांव में अटल-ई-लाइब्रेरी व वृद्धाश्रम भवन में बनाए गए हाल का उद्घाटन किया।
कोई पुस्तक भी नहीं है तो अनुभव क्या बताएं
गांव की महिला सरपंच मधु ने अधिकारियों का स्वागत किया। जब ग्रामीणों से ई-लाइब्रेरी के शुरू होने पर उनके अनुभव बारे सवाल किए गए तो जवाब मिला कि बैठने का स्थान अच्छा है। अभी तो वह अपनी घर से लाई हुई किताबें ही पढ़ रहे हैं। जब अटल-ई-लाइब्रेरी में कंप्यूटर ही नहीं आए और कोई पुस्तक भी नहीं है तो अनुभव क्या बताएं।
लइब्रेरी में मिलेंगी कई प्रकार की सुविधाएं
पंचायती राज के कार्यकारी अभियंता प्रवीण गोठवाल ने इस बाबत बताया कि सरकार की यह अच्छी सोच है और बेहतर योजना है। जिले में पहली बार अटल-ई-लाइब्रेरी शुरू की गई हैं। एक लाइब्रेरी पर सरकार की तरफ से तीन से चार लाख रुपये खर्च करने की योजना हैं। फर्नीचर लगा दिया गया है।
अटल-ई-लाइब्रेरी पहले से बने हुए भवनों में बनाई गई हैं। अभी कंप्यूटर आए नहीं हैं। जब कंप्यूटर आ जाएंगे तो लगा दिए जाएंगे। यहां पर किताब कौन-कौन रखी जाएंगी, इसके बारे में अभी उनके पास कोई जानकारी नहीं है। किताबों के बक्से आ चुके हैं और फिलहाल जिला परिषद के पास रखे हुए हैं।

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