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    कर्ज लेकर विदेश भेजे अपने, वापस लौटे तो बेड़ियों में जकड़े मिले सपने; US Deport की दर्दनाक कहानी

    Indian immigrants हरियाणा के अंबाला जिले में 13 लोगों की अमेरिका से वापसी हुई है। इनमें से अधिकांश बराड़ा के रहने वाले हैं। इन लोगों ने विदेश जाने के लिए अपनी जमीन बेची गहने गिरवी रखे और बैंक से कर्ज लिया था। डंकी मार्ग से अमेरिका पहुंचने के बाद उन्हें पकड़ लिया गया और अब वे खाली हाथ वापस आ गए हैं।

    By Umesh Bhargava Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 18 Feb 2025 12:03 PM (IST)
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    अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए अंबाला जिले के 13 लोगों (File Photo)

    जागरण संवाददाता, अंबाला/बराड़ा। अमेरिका से डिपोर्ट (US Deport) होकर सोमवार को जिले में 13 लोगों की घर वापसी हो गई। इनमें सबसे ज्यादा 9 लोग बराड़ा के हैं जबकि एक नारायणगढ़ के बूढ़ा खेड़ा का रहने वाला है। इसी तरह दो साहा के हैं जबकि 13वां युवक शहर हलके के गांव नग्गल का रहने वाला है नितिन पुत्र मामराज शामिल हैं।

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    बराड़ा खंड में आने वाले आठ लोगों में एक ही परिवार के पति-पत्नी और उनका बेटा व बेटी चार सदस्य भी शामिल हैं। इनमें खान अहमदपुर गांव निवासी 12 वर्षीय रवनीत सिंह, 15 वर्षीय महकदीप कौर, 40 वर्षीय जगविंद्र सिंह व 37 वर्षीय जगमीत कौर शामिल हैं।

    इनके अलावा राजोखेड़ी निवासी लवप्रीत, बराड़ा के ही गांव सरकपुर का सरपंच का बेटा शम्मी सैनी, थंबड़ गांव का 20 वर्षीय ऋषभ सैनी पुत्र संजीव कुमार, दिलप्रीत सिंह पुत्र अमर सिंह कसेरला खुर्द, सीवन माजरा की 30 वर्षीय नीतू रानी शामिल हैं।

    साहा खंड के गांव पंजैल निवासी जशनप्रीत सिंह व इसी खंड के रामपुर निवासी सागर सागा की भी अपने घर वापसी हो गई। रामपुर निवासी सागर सागा 30 नवंबर को टूरिस्ट वीजा पर गुयाना गया था।

    किसी ने जमीन बेची तो किसी ने लिया था बैंक और आढ़ती से कर्ज...

    डंकी मार्ग से अमेरिका पहुंचने वालों ने यहां तक पहुंचने के लिए किसी ने अपनी जमीन गिरवी रखी थी तो किसी ने गहनों पर लोन लिया था। किसी ने अपना प्लाट बेचा था। ज्यादातर टूरिस्ट वीजा पर विदेश पहुंचे थे और वहीं से उन्होंने आगे डंकी मार्ग से अमेरिका जाने की ठानी थी।

    इसके लिए इन्होंने अपना जीवन तक दाव पर लगा दिया था। घने जंगल, दलदली जमीन को पार करते हुए जैसे ही यह विदेशी धरा पर पहुंचे तो उन्हें वहीं पकड़ लिया गया। इतना ही नहीं रास्ते में कई दिन भूखे रहना पड़ा। अब भारत वापस भेजे जाने से उनका खर्च किया गया सारा रुपया मिट्टी हो गया।

    जिसकी शिकन उनके परिजनों के माथे पर साफ दिखाई दे रही थी। अपने बच्चों के भारत वापस आने पर सभी को गम सता रहा है और कोई भी बात करने से इन्कार कर रहे हैं। क्योंकि लाखों रुपया गंवाने के कारण सभी गमजदा हैं। ज्यादातर ने विदेश तक पहुंचने के लिए 40 से 45 लाख रुपये खर्च किए लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा।

    (राजोखेड़ी में बंद पड़ा लवप्रीत के घर का गेट। सौ. इंटरनेट मीडिया)

    केस नंबर: 01

    लवप्रीत कुछ महीने पहले ही अमेरिका गया था। लवप्रीत के पिता करनैल सिंह बराड़ा में दर्जी का काम करते हैं और कुछ सुन नहीं सकते बोलने में भी पूरी तरह से सक्षम नहीं हैं। तुतलाते हुए उन्होंने बताने का प्रयास किया कि लवप्रीत पहले भी किसी देश में गया था लेकिन वहां से भी उसे वापस आना पड़ा।

    लवप्रीत ने प्लाट और जमीन बेचकर करीब 50 लाख रुपये जैसे -तैसे अमेरिका जाने के लिए जुटाए थे। अब उसे भारत वापस भेजने के कारण पूरा परिवार सदमे में है।

    22 वर्षीय लवप्रीत आठ दिसंबर को दिल्ली से बिजनेस के उद्देश्य से गुयाना देश गया था। वहीं से डंकी के जरिए एक फरवरी को अमरीका पहुंचा था। हालांकि इससे ज्यादा कोई भी जानकारी देने से स्वजनों ने पूरी तरह से इन्कार कर दिया।

    केस नंबर: 02

    शम्मी सैनी के पिता सुशील सैनी गांव सरकपुर में मौजूदा सरपंच हैं। 22 वर्षीय शम्मी एक जनवरी को टूरिस्ट वीजा पर इथोपिया गया था। इसके बाद डंकी के जरिए अमेरिका पहुंचा था। यहां तक पहुंचने पर परिवार के करीब 43 लाख रुपये खर्च हुए। इससे ज्यादा परिवार वालों ने कोई जानकारी नहीं दी।

    केस नंबर: 03

    गांव कसेरला खुर्द निवासी दिलप्रीत सिंह के पिता अमर सिंह छोटे किसान हैं। उन्होंने करीब एक एकड़ जमीन बेचकर दिलप्रीत को अमेरिका भेजा था। दिलप्रीत अपनी दो बहनों का इकलौता भाई है। दिलप्रीत 11 दिसंबर 2024 को मुंबई से गुयाना टूरिस्ट वीजा पर रवाना हुआ था और यहां से डंकी के जरिए 2 फरवरी 2025 को अमेरिका पहुंचा था।

    केस नंबर: 04

    नीतू रानी बैंक से रिटायर्ड करतार सिंह की बेटी हैं। सीवन माजरा की 30 वर्षीय नीतू रानी 10 जनवरी को टूरिस्ट वीजा पर दिल्ली से नीदरलैंड गई थी। यहां से डंकी के जरिए 5 फरवरी को अमेरिका पहुंची थी।

    केस नंबर: 05

    20 वर्षीय ऋषव 26 सितंबर 2024 को दिल्ली से स्टूडेंट वीजा पर इंग्लैंड गया था और वहां से वह डंकी मार्ग से अमेरिका निकल गया और 29 जनवरी को अमेरिका पहुंचा था।

    केस नंबर: 6

    मुलाना के गांव खानअहमदपुर का एक पूरा परिवार भी सोमवार को वापस लौट आया। इनमें जगविंद्र सिंह उसकी पत्नी जगमीत कौर, बेटी महकदीप कौर और बेटा रवनीत सिंह शामिल हैं। चारों ने 29 दिसंबर 2024 को दिल्ली से टूरिस्ट वीजा पर फ्रांस गए थे और वहां से डंकी रूट के जरिए अमेरिका पहुंचे थे।

    जगविंद्र सिंह का बेटा 12 साल व बेटी 15 साल की है। बताया जा रहा है कि परिवार के सभी सदस्यों के अमेरिका तक पहुंचने में 80 लाख रुपये खर्च हो गए।

    जगविंद्र सिंह भारतीय सेना से रिटायर हैं, सोमवार दोपहर अपने परिवार सहित खानअहमदपुर स्थित घर पहुंचे। घर लौटने के बाद परिवार बेहद आहत नजर आया। परिजन किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं और गहरे सदमे में हैं।

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    केस नंबर: 07

    गांव बूढ़ा खेड़ा नारायणगढ़ निवासी तनिश जोकि 19 वर्ष का है। 22 अक्टूबर को गया टूरिस्ट वीजा पर इथोपिया गया था।

    तनिश के पिता खेती बाड़ी करते हैं और 45 लाख रुपये खर्च कर उसे इथोपिया से डंकी मार्ग के जरिए अमेरिका भेजा था। जहां व फरवरी में पहुंचा और उसी दिन पकड़ा गया।

    केस: 08

    साहा के गांव पंजैल निवासी जशनप्रीत सिंह निवासी 30 अगस्त को मुबंई से टूरिस्ट वीजा पर घाना गया था। यहां से जश्नप्रीत सिंह ने डंकी के जरिए अमेरिका पहुंचने की ठानी जब कड़ी मशक्कत के बाद वह जैसे-तैसे अमेरिका पहुंचा तो उसे पकड़ लिया गया। करीब 42 लाख रुपये इसपर खर्च बताया जा रहा है।

    केस नंबर: 09

    20 वर्षीय नितिन कुमार पुत्र मामराज एक जनवरी को टूरिस्ट वीजा पर दिल्ली से इथोपिया के लिए रवाना हुआ था। यहां से उसने भी आगे डंकी मार्ग को चुना और अमेरिका पहुंचते ही पकड़ा गया।

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