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    'न खाना-न सोना... रात में पार करते थे जंगल', हर रोज मौत से सामना; अमेरिका से लौटे हरमनजोत की दर्दनाक कहानी

    Updated: Mon, 17 Feb 2025 05:00 PM (IST)

    अमेरिका की नई ट्रंप सरकार ने पंजाब के एक युवक हरमनजोत सिंह के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। कर्ज लेकर विदेश भेजे गए हरमनजोत को अमेरिका में हिरासत में ले लिया गया और फिर उसे वापस भारत भेज दिया गया। अपने बेटे को इस हालत में देखकर हरमनजोत के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। अब सबी को कर्ज की चिंता सता रही है।

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    हरमनजोत बोले- 58 घंटे की फ्लाइट में भी खाने-पीने के लिए कुछ नहीं दिया। जागरण फोटो

    सुरेंद्र खोसला, गुरदासपुर। करीब 4 महीने पहले बड़े ही उम्मीदों तथा खुशियों के साथ गांव रिखीया के किसान परिवार की तरफ से अपने परिवार का भविष्य संवारने के लिए अपने जिगर के टुकड़े नौजवान बेटे को कर्ज उठाकर घर से बाहर विदेश भेजा था कि वहां वह मेहनत से अपना व अपने परिवार का भविष्य उज्ज्वल बना लेगा। मगर वह नहीं जानते थे कि वह सिर्फ कर्ज की गांठ ही उठा रहे हैं। अमेरिका की नई बनी ट्रंप सरकार उनके सारे सपने चकनाचूर कर देगी।

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    रविवार रात को अमेरिका का तीसरा फौजी जहाज पंजाब के 31 नौजवानों सहित 112 भारतीयों को अमानवीय व्यवहार से लेकर अमृतसर के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचा था। पंजाब के इन 31 नौजवानों में से थाना किला लाल सिंह के अंतर्गत आते गांव रिखीया का नौजवान हरमनजोत सिंह भी शामिल है।

    सोमवार सुबह करीब 10 बजे हरमनजोत सिंह को पंजाब पुलिस उसके घर गांव रिखीया में छोड़ने पहुंची। अपने लाडले को बेहद कमजोर मगर सकुशल देख उसके परिवार की आंखों से आंसू बह रहे थे।

    गिरफ्तार कर कैंप में डाल दिया

    हरमनजोत सिंह के पिता पूर्व पंचायत सदस्य विक्रमजीत सिंह ने बताया कि उसका एक बेटा बिक्रमजीत सिंह 22 साल का है। वह खेतीबाड़ी करके अपने परिवार का पालन करते हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब के माहौल से डर तथा परिवार का भविष्य संवारने के लिए उन्होंने अपने बेटे को विदेश भेजने का मन बनाया था। बीती 9 अक्टूबर को उनका पुत्र इटली चला गया।

    वहां से वह स्पेन, सर्वाडोर, गवाटेमाला होता हुआ कई खतरनाक जंगल, पहाड़ व नदियां पार कर 30 जनवरी को अमेरिका पहुंचा। जहां पहुंचते ही उसे अमेरिका पुलिस ने हिरासत में लेकर कैंप में भेज दिया।

    अमेरिका जाने के लिए उन्होंने अपने खेत बैंक में गिरवी रख लिमिट के जरिए कर्जा लिया, रिश्तेदारों से भी कर्जा उठाया तथा जेवरात बेचकर 40 लाख रुपए इकट्ठे कर एजेंट को दिए थे। उन्होंने कहा कि अब उनको यह समझ नहीं आ रही कि वह यह सारा कर्ज कैसे उतारेंगे।

    अमेरिका में किया बहुत बुरा व्यवहार

    उधर हरमनजोत सिंह ने बताया कि उसने कई दिन रात जंगल में बिना कुछ खाए पिए तथा कदम-कदम पर खतरों में काटे। न ही उसकी नींद पूरी होती थी तथा दूसरी तरफ भूख प्यास से उसका बुरा हाल रहता था। उसने बताया कि जब वह सभी मुसीबतों का सामना करते हुए अमेरिका में दाखिल हुए तो उनको बॉर्डर पेट्रोल पुलिस की तरफ से हिरासत में ले लिया गया तथा कैंप में भेज दिया।

    उसने बताया कि कैंप में पकड़े गए सभी नौजवानों के साथ काफी बुरा व्यवहार किया जाता था। ठंड होने के बावजूद भी एयर कंडीशनर चला कर रखा जाता तथा कंबल के स्थान पर पतली सी चादर दी जाती रही। खाने का भी बुरा हाल था। थोड़े-थोड़े चावल, पतली सब्जी व पानी दिया जाता था।

    सिर से उतार लिए पगड़ी

    उसने बताया कि जिस कैंप में उसको रखा गया था। उसके 32 कमरे थे तथा हर एक कमरे में 35-35 नौजवानों को रखा हुआ था। इन नौजवानों में बड़ी संख्या में पंजाब तथा हरियाणा के नौजवान है। उसने यह भी बताया कि जिस अमेरिकी फौजी जहाज में उसको बाकी भारतीयों के साथ लाया गया सभी के हाथ, पैर तथा कमर में जंजीर डालकर लाया गया।

    करीब 58 घंटे की फ्लाइट में उनको खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं दिया गया। उसने बताया कि फ्लाइट में सभी के सिर से पगड़ी उतार लिए गए। एयरपोर्ट पर पहुंच उनको एसजीपीसी की तरफ से सिर ढंकने के लिए पगड़ी दी गई। लंगर की भी व्यवस्था की गई।

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