12-12 घंटे पैदल, 16 दिनों तक सिर्फ पानी और माफियाओं के हमले... रोंगटे खड़े कर देगी मनदीप की दर्दनाक कहानी
डंकी रूट से अमेरिका जाने का सपना देखने वाले पंजाबियों की दर्दनाक दास्तान। लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी उन्हें जंगलों में जानवरों से जूझना पड़ा लुटेरों-माफियाओं का सामना करना पड़ा और भूखे-प्यासे रहना पड़ा। आखिरकार अमेरिका पहुंचने पर उन्हें गिरफ्तार कर वापस भेज दिया गया। वापस भेजे जाने से पहले उसे कुछ दिनों के लिए हिरासत केंद्र में रखा गया था।
जेएनएन, कपूरथला/चंडीगढ़। अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारने का सपना देखने वालों ने गलत रास्ता चुना और इस गलती की कीमत उन्हें न केवल लाखों रुपये गंवाकर चुकानी पड़ी, बल्कि डोंकरों के गिरोह के साये में जंगल के दुर्गम मार्गों से गुजरना पड़ा, मगरमच्छों व सांपों से जूझना पड़ा, भूखे-प्यासे रहना पड़ा, लुटेरों-माफियाओं के हमले झेलने पड़े, यहां तक कि दाढ़ी तक कटवानी पड़ी।
यह आपबीती है उन अनेक पंजाबियों की, जिन्होंने अमेरिका जाने के लिए डंकी रूट चुना। मनदीप उन 116 भारतीयों में शामिल है, जिन्हें शनिवार रात्रि अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर वापस छोड़कर लौट गया।
मनदीप ने बताया कि एजेंट ने 40 लाख रुपये मांगे, जिसका भुगतान दो किस्तों में किया गया। मेरी यात्रा पिछले अगस्त में अमृतसर से दिल्ली की उड़ान से शुरू हुई। दिल्ली से मुझे मुंबई, फिर नैरोबी और फिर दूसरे देश के रास्ते एम्स्टर्डम ले जाया गया।
12 नहरों वाले खतरनाक रास्ते से गुजरे
वहां से मैं और अन्य लोगों को सूरीनाम ले जाया गया। जब मैं वहां पहुंचा तो उप-एजेंटों ने 20 लाख रुपये मांगे जिसका भुगतान मेरे परिवार ने घर पर किया। सूरीनाम से हम एक वाहन में सवार हुए। हमें गुयाना ले जाया गया। गुयाना व बोलीविया से होते हुए इक्वाडोर पहुंचे।
उसके बाद हम लोगों को पनामा का जंगल पार कर पड़ा। मेरे साथियों ने बताया कि यदि हम बहुत अधिक सवाल पूछेंगे तो हमें गोली मार दी जाएगी। 13 दिनों तक हम 12 नहरों वाले खतरनाक रास्ते से गुजरे। मगरमच्छों व सांपों का सामना करना पड़ा।
कुछ लोगों ने खतरनाक सरीसृपों से निपटने के लिए लाठियां ले रखी थीं। हमने अधपकी रोटियां खाईं, कभी-कभी नूडल्स खाए। हम दिन में 12 घंटे यात्रा करते थे।
अमेरिका पहुंचते ही कर लिया गिरफ्तार
पनामा पार करने के बाद हम कोस्टा रिका पहुंचे और फिर होंडुरास की यात्रा शुरू की। वहां हमें चावल खाने को मिला लेकिन निकारागुआ से गुजरते समय हमें कुछ भी खाने को नहीं मिला। ग्वाटेमाला में दही-चावल मिला। जब तक हम तिजुआना पहुंचे तो तक मेरी दाढ़ी जबरदस्ती काट दी गई।’
मनदीप ने बताया कि 27 जनवरी की सुबह उसे सीमा पार करके अमेरिका में घुसने के लिए कहा गया परंतु अमेरिका की धरती पर पांव रखते ही वहां की सीमा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। वापस भेजे जाने से पहले उसे कुछ दिनों के लिए हिरासत केंद्र में रखा गया था।
मां के गहने गिरवी रख जुटाए थे पैसे
ऐसी ही कहानी कपूरथला जिले के भुलत्थ के गांव चाकोकी के युवक निशांत की भी है। निशांत ने बताया कि वह 23 जून 2022 को स्पेन गया था। स्पेन में उसने लगभग दो वर्ष तक काम किया और फिर एक एजेंट के झांसे में आकर अमेरिका जाने का प्रोग्राम बना लिया।
एजेंट ने उससे 45 लाख रुपये मांगे और कहा कि सीधी फ्लाइट से अमेरिका ले जाया जाएगा। निशांत ने गांव की जमीन बेची और मां के गहने गिरवी रखवाए। कुछ रुपये उधार लेकर एजेंट को पेमेंट कर दी। पेमेंट लेने के बाद एजेंट मुकर गया और उसे विमान की जगह सड़क मार्ग से पनामा पहुंचाया।
बेहद खतरनाक है पनामा का सफर
पनामा में पता चला कि उसे आगे डंकी रूट से भेजा जाएगा। उसके बाद पनामा जंगल का सफर शुरू हुआ जहां वह 16 दिन तक केवल पानी के सहारे रहा। बीच में डोंकर कभी-कभी उन्हें बिस्किट खाने को दे देते थे।
जंगल में उनके ग्रुप में विभिन्न देशों के लगभग 150 लोग थे जिनमें से 30-40 पंजाबी थे। कई महिलाएं व एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे तक शामिल थे।
उन्हें जंगल में पूरा दिन चलना पड़ता था और रात में जंगली जानवरों का डर सताता था। इस दौरान लुटेरों व माफिया ने उन पर दो बार हमला किया और सामान छीन लिया। किसी तरह वे 23 जनवरी 2025 को बार्डर क्रास कर अमेरिका पहुंच गए लेकिन वहां पहुंचते ही पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
शौच करने की भी अनुमति नहीं
जेल में उसे एक महीना रखा गया और रविवार को हथकड़ियां लगाकर विमान में बिठा दिया गया। उन्होंने सरकार से फर्जी एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। कंटेनर में मेक्सिको ले जाया गया, शौच के लिए कहने पर पीटते थे गुरदासपुर जिले के रहने वाले लवप्रीत ने बताया कि उसन एक वर्ष पहले घर छोड़ दिया था।
उसने बताया कि ट्रैवल एजेंट डंकी रूट पर डाल दिया था। हमें एक कंटेनर में मेक्सिको ले जाया गया। हमें शौच करने की भी अनुमति नहीं थी। यदि हम शौच के लिए कहते तो वे हमें पीटते थे। अमृतसर जिले के जसनूर सिंह के परिवार ने बताया कि उसे अमेरिका भेजने के लिए 55 लाख रुपये खर्च किए थे। पैसे जुटाने के लिए संपत्ति, वाहन व जमीन का टुकड़ा बेच दिया।
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