Punjab Haryana HC: 'विधवा को 1.11 करोड़ की रिकवरी का नोटिस..', हाई कोर्ट ने कहा- इस आदेश ने हमें झकझोर दिया है
Punjab Haryana HC हरियाणा में एक रिटायर कर्मचारी की विधवा को एक करोड़ ग्यारह लाख रुपये की रिकवरी के नोटिस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हैरानी जताई है। कोर्ट नेकहा कि इस आदेश ने हमको झकझोर दिया है। इस आदेश ने अवैधता मानमानी और विकृति की सभी सीमाएं लांघ दी हैं। अदालत ने विधवा महिला के पति के खिलाफ सभी कार्रवाई रद कर दी है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। (Haryana News) रिटायर कर्मचारी की विधवा को 1 करोड़ 11 लाख रुपये की रिकवरी के नोटिस पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि इस आदेश ने हमको झकझोर दिया है। इस आदेश ने अवैधता, मानमानी और विकृति की सभी सीमाएं लांघ दी हैं।
हाईकोर्ट (Punjab Haryana High Court) ने इस रिकवरी नोटिस सहित याची के पति के खिलाफ सभी कार्रवाई रद करने, उसके पति के रिटायरमेंट लाभ जारी करने का कॉनफेड को आदेश दिया है। साथ ही याची को प्रताड़ित करने पर कॉनफेड पर 5 लाख रुपये जुर्माना लगाते हुए यह राशि याची को सौंपने का आदेश दिया है।
1980 से कॉन्फेड में अकाउंटेंट के तौर पर काम कर रहे थे
याचिका दाखिल करते हुए फतेहाबाद निवासी अंजना ने हाईकोर्ट को बताया कि उसके पति 1980 से कॉन्फेड में अकाउंटेंट के तौर पर काम कर रहे थे। 2012 और 2013 में उनके खिलाफ चार्जशीट हुई थी लेकिन इसमें कोई जांच अधिकारी नहीं नियुक्त किया गया। इसके बाद 2015 में वह रिटायर हो गए और 2016 में एक और चार्जशीट कर दी गई जो 2012 के अनाज स्टॉक से जुड़ी थी।
यह भी पढ़ें- Punjab Police Promotion: खुशखबरी! पंजाब में सिपाहियों की बल्ले-बल्ले, जल्द बनेंगे हेड कॉन्स्टेबल, HC ने दिखाई हरी झंडी
इसके चलते उसके पति के रिटायरमेंट लाभ रोक दिए गए। रिटायरमेंट के बाद याची के पति बहुत बीमार हो गए और फोर्टिस हॉस्पिटल में इलाज चला। 25 लाख रुपये इलाज में खर्च हुआ लेकिन 2017 में उनकी मौत हो गई। इसके बाद याची ने पति के रिटायरमेंट लाभ के लिए कॉन्फेड के एमडी से कई बार गुहार लगाई।
हाई कोर्ट में की गई याचिका दर्ज
जब कोई लाभ नहीं हुआ तो हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई और हाईकोर्ट ने मांग पर निर्णय लेने का कान्फेड को आदेश दिया। इसके बाद 2020 में याची को 1 करोड़ 11 लाख रुपये की रिकवरी का नोटिस जारी कर दिया गया। कहा गया कि रिटायरमेंट लाभ से कटौती के बाद जो राशि बचेगी उसकी वसूली सिविल सूट के माध्यम से कर्मी की विधवा से की जाएगी। इसी को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
मनमानी की सभी सीमाएं लांघ दी गईं
हाईकोर्ट ने कान्फेड को फटकार लगाते हुए कहा कि एक अकाउंटेंट का स्टाक की गुणवत्ता से क्या लेना देना, उसे कैसे इस मामले में रिकवरी का हिस्सा बनाया गया।
बिना जांच पूरी हुए कैसे यह रिकवरी की राशि तय की गई और क्यों नहीं यह नोटिस कर्मी के जिंदा रहते दिया गया। यह राशि सेवानिवृत्ति लाभों से वसूलने का निर्देश देना और शेष राशि के लिए कर्मी की विधवा के खिलाफ सिविल मुकदमा दायर करने का निर्देश देते हुए अवैधता, विकृति और मनमानी की सभी सीमाएं पार कर दीं।
एमडी से वसूले जुर्माना
एक आइएएस अधिकारी ने यह आदेश जारी किया हम हैरान हाईकोर्ट ने आदेश जारी करने वाले अधिकारी के बारे में पूछा तो बाया गया कि वह एक आईएएस अधिकारी थे जो अब रिटायर हो चुके हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि एक आईएएस अधिकारी द्वारा पारित इस तरह का आदेश प्रथम दृष्टया न्यायालय की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला और अत्यधिक निंदनीय है। हाईकोर्ट ने जुर्माने की राशि तत्कालीन एमडी से वसूलने की कॉन्फेड को छूट दी है।
यह भी पढ़ें- पाकिस्तान में 18 साल से कम उम्र के लोग नहीं कर सकेंगे शादी! सिख विवाह अधिनियम में बदलाव की तैयारी; जानिए क्या है खास