Haryana News: इंतकाल के नाम पर 40 हजार रिश्वत लेती दबोची गई महिला पटवारी
हरियाणा में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। अंबाला शहर में मानकपुर सर्कल की महिला पटवारी रीना को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। पटवारी ने चार एकड़ कृषि योग्य भूमि के इंतकाल के लिए यह रिश्वत ली थी। इस मामले में पटवारी का सहयोगी शम्मी फरार हो गया है। एसीबी ने केस दर्ज कर लिया है।

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। चार एकड़ कृषि योग्य भूमि के इंतकाल की एवज में 40 हजार रिश्वत लेती मानकपुर सर्कल की महिला पटवारी रीना को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने बुधवार को गिरफ्तार किया है।
इस दौरान उसका सहयोगी शम्मी फरार हो गया। एसीबी ने केस दर्ज कर लिया है। पटवारी को वीरवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
रंगे हाथों रिश्वत लेती पकड़ी गई पटवारी, साथी फरार
गांव मानकपुर निवासी साहब सिंह ने शिकायत दी थी कि इंतकाल के लिए पटवारी डेढ़ महीने से चक्कर कटवा रही है। तीन मार्च को सहयोगी शम्मी के जरिये इंतकाल की एवज में 50 हजार रुपये मांगे। साहब सिंह ने पूरे प्रकरण की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी एसीबी को दी।
टीम ने योजनाबद्ध तरीके से साहब सिंह को मानव विहार में पटवारी कार्यालय भेजा। इस पर पटवारी रीना ने साहब सिंह को कहा कि रुपये दराज में रख दो। जैसे ही साहब सिंह ने 50 हजार रुपये दराज में रखे तो एसीबी की टीम ने पटवारी को गिरफ्तार कर लिया। शम्मी मौके से पहले ही फरार हो गया।
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ऑनलाइन ठगी का मामला दर्ज
वहीं एक दूसरी खबर में आनलाइन ठगी का एक मामला सामने आया है। भाटला गांव निवासी कर्मचंद इसका शिकार हुआ है। साइबर ठगों ने विदेश में बैठे उनके रिश्तेदार के नाम पर 3 लाख रुपये ऐंठ लिए। पुलिस ने पीड़ित कर्मचंद की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी हैं।
पुलिस को दी शिकायत में भाटला गांव निवासी कर्मचंद ने बताया कि उसकी गांव में कपड़े की दुकान हैं। 20 फरवरी को उनके रिश्तेदार कैथल के रहने वाले राजेंद्र कुमार के पास एक फोन काल आई।
कॉलर ने अपना नाम गुरमीत चौधरी बताया और राजेंद्र को फेसबुक मैसेंजर पर बातचीत के लिए बुलाया। कॉलर की प्रोफाइल फोटो उनके जानकार गुरमीत की थी, जो इस समय विदेश में हैं। इसके बाद ठग ने राजेंद्र को झांसे में लेते हुए वीजा के लिए 3 लाख रुपये एक कथित एजेंट के खाते में डालने को कहा।
राजेंद्र के पास इतने पैसे नहीं थे, इसलिए उसने अपने रिश्तेदार कर्मचंद से मदद मांगी। कर्मचंद ने बिना शक किए सात अलग-अलग ट्रांजेक्शनों के जरिए तीन लाख रुपये बताए गए खाते में डाल दिए।
बाद में पता चला कि यह पूरा मामला साइबर ठगी का था और जिस खाते में पैसे भेजे गए थे, वह फर्जी था। ठगी का अहसास होने के बाद पीड़ित ने तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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