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    मशरूम उत्पादन में बढ़ रहा किसानों का रुझान, मुनाफे से कमा रहे लाखों रुपये; जानिए कैसे हो रहे मालामाल?

    By rajinder mathurEdited By: Deepak Saxena
    Updated: Fri, 15 Dec 2023 07:29 PM (IST)

    मशरूम उत्पादन (Mushroom Pronduction) आज किसानों के लिए रोजगार का बेहद ही अच्छा विकल्प बनता जा रहा है। हीरानगर जोन के अंतर्गत पंचायतों में करीब 30 से अधिक किसान मशरूम की खेती कर मालामाल हो रहे हैं। वहीं बीते माह में 10 775 किलोग्राम मशरूम किसान बेच चुके हैं। तो आइए जानते हैं कि कैसे किसान लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं।

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    मशरूम उत्पादन में बढ़ रहा किसानों का रुझान, मुनाफे से कमा रहे लाखों रुपये।

    संवाद सहयोगी, हीरानगर। खेती के साथ साथ क्षेत्र के किसानों का रुझान अब मशरूम उत्पादन में भी बढ़ने लगा है। हीरानगर जोन के अंतर्गत पंचायतों में इस समय 30 के करीब किसान मशरूम उत्पादन से मालामाल हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार, पिछले एक माह में 10775 किलोग्राम मशरूम किसान बेच चुके हैं।

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    शुक्रवार को कृषि विभाग के एईओ हीरानगर विनोद शर्मा के नेतृत्व में कृषि अधिकारियों की एक टीम ने जांडी गांव का दौरा कर मशरूम शेडों का निरीक्षण कर किसानों को मशरूम की देखरेख के लिए जागरुक किया और उनकी समस्याएं सुनी।

    मशरूम उत्पादन में बढ़ रहा किसानों का रुझान

    इसकी जानकारी देते हुए विनोद शर्मा ने कहा कि क्षेत्र के किसानों का रूझान मशरूम उत्पादन में बढ रहा है और विभाग की तरफ से उन्हें जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा हीरानगर जोन के अंतर्गत इस समय 28 के करीब किसान मशरूम तैयार कर रहे हैं, जिनमें से 9 केवल जांडी गांव में हैं।

    उन्होंने कहा कि पिछले एक माह में किसान अपनी 10,775 किलोग्राम मशरूम बेच चुके है और अब प्रतिदिन एक क्विंटल मशरूम तैयार हो रही है। पहले किसानों को कंपोस्ट खाद तैयार करने में दिक्कत होती थी। अब विभाग में बरमाल में कंपोस्ट यूनिट लगा रखा है, जिसमें भूसा देकर कंपोस्ट तैयार करवा सकते हैं और कुछ लोगों ने निजी यूनिट भी लगाए हैं।

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    50 रुपये प्रति बैग दी जाती सब्सिडी

    एईओ विनोद शर्मा ने बताया कि एक बैग पर 110 रुपये तक खर्चा आ जाता है और प्रति बैग से तीन सौ तक का मुनाफा हो सकता है। अगर किसान एचएडीपी के तहत ऑनलाइन करते हैं तो उन्हें बैग खरीदने के लिए 50 रुपये तक प्रति बैग सब्सिडी भी दी जाती है।

    इसके साथ ही कृषि विभाग के कर्मचारी, विशेषज्ञ भी समय-समय पर दौरा कर किसानों को जागरुक करते रहते हैं। वहीं, स्थानीय किसान विजय कुमार, तरसेम लाल, मनोहर लाल का कहना है कि इस बार शादियों का सीजन रहने से मशरूम बिक्री करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई और उत्पादन भी ठीक हो रहा है।

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